प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
सरकार ने पिछले तीन वर्षो या उससे भी अधिक समय से अपनी वार्षिक आय एवं खर्चो का विवरण न देने वाले 6,000 के करीब गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. आय और खर्चे का विवरण न देकर नियमों का उल्लंघन करने के अपराध में इन गैर सरकारी संगठनों का विदेशी चंदा हासिल करने का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि 5,992 संगठनों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है, क्योंकि इन संगठनों ने पर्याप्त मौका दिए जाने के बावजूद विदेशी योगदान (नियमन) अधिनियम के तहत अपना वार्षिक रिटर्न अपलोड नहीं किया.
सर्कुलर में कहा गया है, "उचित और पर्याप्त नोटिस भेजे जाने के बावजूद, यह पाया गया कि 5,992 संगठनों ने तीन वर्षो या उससे भी अधिक समय से अपना वार्षिक रिटर्न अपलोड नहीं किया है." सर्कुलर के अनुसार, "इन संगठनों को अब कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि विदेशी योगदान (नियमन) अधिनियम के तहत उनका पंजीकरण क्यों न रद्द कर दिया जाए."जिन संगठनों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उनमें शिक्षा एवं मिशनरी न्यास और श्राइन प्रबंधन से जुड़े संगठन भी शामिल हैं. संगठनों को एक महीने के भीतर 2010-11 से 2014-15 के बीच के अपने-अपने वार्षिक रिटर्न सार्वजनिक करने का एक और मौका दिया गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सर्कुलर में कहा गया है, "उचित और पर्याप्त नोटिस भेजे जाने के बावजूद, यह पाया गया कि 5,992 संगठनों ने तीन वर्षो या उससे भी अधिक समय से अपना वार्षिक रिटर्न अपलोड नहीं किया है." सर्कुलर के अनुसार, "इन संगठनों को अब कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि विदेशी योगदान (नियमन) अधिनियम के तहत उनका पंजीकरण क्यों न रद्द कर दिया जाए."जिन संगठनों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उनमें शिक्षा एवं मिशनरी न्यास और श्राइन प्रबंधन से जुड़े संगठन भी शामिल हैं. संगठनों को एक महीने के भीतर 2010-11 से 2014-15 के बीच के अपने-अपने वार्षिक रिटर्न सार्वजनिक करने का एक और मौका दिया गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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