
Coronavirus Pandemic: कोरोना वायरस की महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को अपने घर लौटने के दौरान भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं.महाराष्ट्र में मुंबई-नासिक राजमार्ग पर एक ट्रक पुरुषों, महिलाओं और बच्चों से भरा होने के बावजूद और सवारियों के लिए इंतजार में खड़ा है. करीब 40 डिग्री की गर्मी के बीच इसे यूं ही खड़े हुए करीब पांच घंटे हो चुके हैं. कोरोनोवायरस लॉकडाउन से परेशान उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूर इस ट्रक से किसी भी तरह अपने घर पहुंचना चाहते हैं. 57 प्रवासी मजदूरों को लिए ट्रक सुबह 9 बजे के आसपास रुका था. यह मुंबई से ठाणे पहुंचा है. यह अभी खड़ा हुआ है और ड्राइवर 'और सवारियों' की प्रतीक्षा कर रहा था।
ट्रक में प्रति सवारी 3,000 रुपये चार्ज किए जा रहे हैं. इसके बावजूद अधिक से अधिक कमाई के लिए इसे चलाने वाले चाह रहे हैं कि जितनी अधिक सवारी मिल जाएं उतना बेहतर है. हालत यह है कि ट्रक के पीछे कोई जगह नहीं है जहां प्रवासी ज्यादातर खड़े रहते हुए यात्रा को मजबूर होंगे. एक दर्जन से अधिक छत पर चढ़ गए हैं. एक बुजुर्ग ने कहा, "ड्राइवर यात्रा जारी रखना चाहता है लेकिन ट्रक मालिक उसे और यात्रियों की प्रतीक्षा करने के लिए कह रहा है." जब यह बताया गया कि कोई जगह नहीं थी, तो ड्राइवर में ने कथित तौर पर पीछे हट गया: "यह तुम्हारा काम नहीं कि मैं और सवारियों को किस तरह बिठाऊंगा.''
गौरतलब है कि प्रवासी मजदूर जिस भी परिवहन से संभव हो, मुंबई छोड़ रहे हैं. मंगलवार सुबह यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लिए सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को ठाणे छोड़ते देखा गया. कंस्ट्रक्शन वर्क करने वाले श्रमिक आसिफ पटवारी ने कहा, "मैं अलीबाग से आ रहा हूं और यूपी के इलाहाबाद पहुंचना चाहता हूं. मैं कभी मुंबई वापस नहीं आऊंगा. मेरे पास पैसा नहीं है और मैंने अपना घर गंवा दिया है." गौरतलब है कि देश में इस समय 17 मई तक लॉकडाउन जारी है. प्रवासी मजदूरों के पास लॉकडाउन के कारण काम नहीं का है, ऐसे मे वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और अपने घर वापस लौट रहे हैं.
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