यह ख़बर 09 जनवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली में स्थापित होंगे 47 नए न्यायालय

नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्य न्यायाधीश एनवी रामन्ना ने लंबित मामलों में कमी लाने के उद्देश्य से गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में 47 नए न्यायालय स्थापित करने के आदेश दिए।

दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यकारी आदेश के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश ने दिल्ली के छह जिलों में स्थित अदालत परिसरों में 15 जनवरी तक इन नए अदालतों को स्थापित करने के लिए कहा।

उच्च न्यायालय की महापंजीयक संगीता धींगरा सहगल ने बताया कि इन नई आदलतों में गंभीर अपराधों एवं दीवानी मामलों की सुनवाई की जाएगी, जिसमें वाहन दुर्घटना के मामले भी शामिल होंगे।

न्यायालय ने अपने आदेश में आगे कहा कि इसके लिए दिल्ली उच्चतर न्यायिक सेवा के 78 अधिकरियों (अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश) तथा दिल्ली न्यायिक सेवा के 150 अधिकारियों (निचली अदालत के न्यायाधीश एवं दंडाधिकारी) का स्थानांतरण कर दिया गया है।

मुख्य न्यायाधीश ने अपने आदेश में पदोन्नत या स्थानांतरित किए गए न्यायाधीशों से सुरक्षित रख लिए गए मामलों में फैसला सुनाने के लिए भी कहा।

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मुख्य न्यायाधीश ने निचली अदालतों के दो वरिष्ठ न्यायाधीशों, सतिंदर कुमार गौतम और बृजेश कुमार गर्ग को दीवानी मामले निबटाने के लिए उच्च न्यायालय का संयुक्त पंजीयक भी नियुक्त किया।