विज्ञापन
This Article is From Jan 05, 2020

मध्य प्रदेश : कैलाश विजयवर्गीय सहित बीजेपी के 350 नेताओं-कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज

मध्य प्रदेश में माफिया पर कार्रवाई के बीच बीजेपी कार्यकर्ताओं को नोटिस भेजे जाने पर आगबबूला भाजपा नेताओं को संभागायुक्त के घर के बाहर धरना देना महंगा पड़ गया है.

मध्य प्रदेश : कैलाश विजयवर्गीय सहित बीजेपी के 350 नेताओं-कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (फाइल फोटो)
भोपाल:

मध्य प्रदेश में माफिया पर कार्रवाई के बीच बीजेपी कार्यकर्ताओं को नोटिस भेजे जाने पर आगबबूला भाजपा नेताओं को संभागायुक्त के घर के बाहर धरना देना महंगा पड़ गया है. इस मामले में पुलिस-प्रशासन ने शनिवार देर रात बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ,सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, नगर अध्यक्ष गोपी नेमा सहित 350 भाजपाइयों पर धारा 188 के तहत केस दर्ज किया है. बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के एक कथित विवादास्पद बयान का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस शासित मध्यप्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी हैं.

संयोगितागंज पुलिस थाने के प्रभारी नरेंद्र सिंह रघुवंशी ने रविवार को बताया कि शुक्रवार को दोपहर रेसीडेंसी क्षेत्र में बिना अनुमति किये गये धरना-प्रदर्शन को लेकर एक तहसीलदार की शिकायत पर लगभग 350 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शनिवार देर रात प्राथमिकी दर्ज की गयी. इनमें विजयवर्गीय, इंदौर लोकसभा क्षेत्र के सांसद शंकर लालवानी और भाजपा के अन्य स्थानीय नेता शामिल हैं. रघुवंशी ने बताया कि इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 143 (विधिविरुद्ध जमाव में शामिल होना), धारा 149 (विधिविरुद्ध जमाव के किसी भी सदस्य द्वारा साझा मकसद को लेकर कोई अपराध किये जाने की सूरत में इस समूह का हर सदस्य उस जुर्म का दोषी होगा), धारा 153 (बलवा कराने की नीयत से भीड़ को अनियंत्रित तौर पर उकसाना), धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी के आदेश की अवज्ञा) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.


विजयवर्गीय की अगुवाई में दो दिन पहले किये गये जिस धरना-प्रदर्शन को लेकर यह प्राथमिकी दर्ज की गयी है, उसमें भाजपा के 63 वर्षीय महासचिव ने आरोप लगाया था कि सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के इशारे पर स्थानीय प्रशासन भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना से पक्षपातपूर्ण कार्रवाई कर रहा है. इस प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल हो चुका है. विजयवर्गीय इस वीडियो में कहते सुनायी पड़ रहे हैं, "आखिर कोई प्रोटोकॉल होता है या नहीं? हम सरकारी  अधिकारियों से लिखित निवेदन कर रहे हैं कि हम उनसे मिलना चाहते हैं. क्या वे हमें यह सूचना भी नहीं देंगे कि वे शहर से बाहर हैं? यह अब हम बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारे संघ के पदाधिकारी (यहां) हैं, नहीं तो आज आग लगा देता इंदौर में.." (इनपुट : भाषा से भी)

बीजेपी महासचिव का यह बयान तब सामने आया, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आंतरिक बैठकों के लिये संगठन के प्रमुख मोहन भागवत और इसके अन्य शीर्ष पदाधिकारी इंदौर में ही थे. संघ पदाधिकारी अब भी शहर में ही हैं. थाना प्रभारी ने बताया कि प्राथमिकी में दर्ज आपराधिक धाराओं की रोशनी में विजयवर्गीय के विवादास्पद बयान की भी जांच की जा रही है.  मामले में फिलहाल किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के कई नेताओं ने विजयवर्गीय के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है. उधर, विजयवर्गीय के बचाव में बीजेपी आरोप लगा रही है कि कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार माफिया रोधी अभियान की आड़ में सूबे के प्रमुख विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है.


 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com