विज्ञापन
This Article is From Apr 22, 2022

राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराना शिव मंदिर औऱ अन्य ढांचे बुलडोजर से ध्वस्त, सियासत तेज

राजस्थान की सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने ध्वस्तीकरण अभियान पर कहा है कि यह बीजेपी थी जिसने यहां सड़क साफ कर गौरव पथ बनाने का वादा किया था.उसका कहना है कि उस वक्त राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं.

राजस्थान के अलवर जिले में 300 साल पुराना मंदिर ध्वस्त

जयपुर:

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात औऱ दिल्ली में जब एक विशेष समुदाय को कथित तौर पर बुलडोजर के जरिये निशाना बनाए जाने के आरोपों को लेकर सियासत गर्माई हुई है, उस वक्त राजस्थान के अलवर जिले में एक घटना ने नया विवाद पैदा कर दिया है. राजस्थान के अलवर जिले में सड़क को साफ करने के लिए  300 साल पुराना एक शिव मंदिर, 86 दुकानें और घर बुलडोजर के जरिये ध्वस्त किए गए हैं.  यह पहला कांग्रेसशासित राज्य हैं, जहां ऐसे ध्वस्तीकरण अभियान को लेकर विवाद उठा हो. इससे पहले बीजेपीशासित राज्यों में ही ऐसी कार्रवाई को लेकर होहल्ला मचा है औऱ उन पर दंगों या अन्य घटनाओं के बाद समुदाय विशेष को निशाना बनाए जाने का आरोप लग रहा है. राजस्थान की सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने ध्वस्तीकरण अभियान पर कहा है कि यह बीजेपी थी जिसने यहां सड़क साफ कर गौरव पथ बनाने का वादा किया था.उसका कहना है कि उस वक्त राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं.

कांग्रेस ने आऱोप लगाया कि बीजेपी शासित राजगढ़ टाउन की नगरपालिका परिषद ने पिछले साल अतिक्रमण हटाने के बाद सड़क निर्माण का प्रस्ताव पारित किया था. नगरपालिका परिषद के 35 से 34 सदस्य बीजेपी के हैं. कांग्रेस सरकार का कहना है कि बीजेपी ने ध्वस्तीकरण का ये आदेश दिया, क्योंकि वहां नगरपालिका बीजेपीशासित है. राजस्थान के शहरी विकास एवं आवास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, राज्य सरकार का इससे कुछ लेनादेना नहीं है. उन्होंने राज्य सरकार से कोई दिशानिर्देश नहीं मांगा था . 

धारीवाल ने कहा, जब भी किसी मंदिर को हटाया जाता है तो बेहद सावधानी से काम किया जाता है, लेकिन राजगढ़ नगरपालिका परिषद ने इस बारे में कोई दिशानिर्देश सरकार से नहीं मांगा. बीजेपी शासित नगरपालिका परिषद ने ही ये ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था. अप्रैल में नगरपालिका परिषद ने अतिक्रमण की जद में आने वाले लोगों को नोटिस भेजा था. दो मंदिर भी इस अतिक्रमण रोधी अभियान के दायरे में थे. अधिकारियों के अनुसार, मंदिर के पुजारियों को ध्वस्तीकरण के पहले मूर्तियां औऱ अन्य सामान हटा लेने को कहा गया था. नगरपालिका परिषद ने कथित तौर पर इस अभियान के लिए पुलिस बल और अन्य सहायता प्रशासन से मांगी थी. 

रविवार को जब ये अभियान चलाया गया तो स्थानीय कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा ने कथित तौर पर इसका विरोध भी किया. राजस्थान सरकार ने इस अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए म्यूनिसिपल काउंसिल को नोटिस भेजा है. उसने आरोप लगाया है कि बीजेपी सांप्रदायिक तनाव पैदा करना चाहती है. 

वहीं बीजेपी ने कांग्रेस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, मैंने राजस्थान के मंदिर के केस में पांच सदस्यीय तथ्य अन्वेषण समिति का गठन किया है, यह समिति घटनास्थल पर जाएगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com