केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (फाइल फोटो)...
नई दिल्ली:
नरेंद्र मोदी सरकार के 3 साल पूरे होने पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को दावा कि सरकार ने सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा का वादा पूरा किया है.
जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने पिछले 3 साल में 59 केंद्रीय विद्यालयों का काम शुरू किया और 50 नए केंद्रीय विद्यालय मंज़ूर किए. इसके अलावा सरकार ने 62 नए जवाहर नवोदय विद्यालयों को भी मंजूरी दी है. दसवीं की बोर्ड परीक्षा वैकल्पिक रूप से अब अनिवार्य कर दी गई है, लेकिन नो डिटेंशन पॉलिसी को लेकर प्रस्तावित कानूनी संशोधन अभी पास नहीं हुआ है.
पिछले कुछ सालों में सरकार की नो डिटेंशन पॉलिसी यानी बच्चे को 8वीं क्लास तक फेल न करने की नीति पर काफी विवाद हुआ था. कई राज्यों का कहना था कि इससे बच्चे 9वीं क्लास तक पहुंच तो जाते हैं, लेकिन उससे आगे नहीं बढ़ पाते. केंद्र सरकार ने केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की मीटिंग बुलाकर डिटेंशन पॉलिसी के बारे में फैसला राज्यों पर छोड़ दिया गया. अब शिक्षा का अधिकार कानून में संशोधन करने का फैसला किया है. इस बारे बिल जल्द ही संसद में आएगा. नए कानून के तहत पांचवीं और आठवीं में बच्चों को रोकने से पहले उस साल दो बार परीक्षा के मौके दिए जाएंगे.
सरकार ने सात नए आईआईएम औऱ 6 नए आईआईटी के साथ बिहार के मोतीहारी में नई केंद्रीय यूनिवर्सिटी को भी मंज़ूरी दी है. बजट के अतिरिक्त हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी के ज़रिये 20,000 करोड़ रुपये का इंतज़ाम करने का प्रस्ताव है.
इसके अलावा सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तर का बनाने के लिए की जा रही कोशिशों का ऐलान किया. जुलाई से देश के 38 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा होगी.
लेकिन कई मोर्चों पर सरकार ने जवाब नहीं दिया. जैसे नई शिक्षा नीति पर अब तक कुछ नहीं हुआ है. पिछले साल स्मृति ईरानी के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रहते सरकार ने नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट जारी किया, लेकिन मामला अटका पड़ा है. सरकार ने नई एजुकेशन पॉलिसी के लिए एक नई कमेटी बनाने का ऐलान किया था, लेकिन उसका कुछ नहीं हुआ. अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने मंगलवार को कहा कि जल्द ही इस बारे में जानकारी दी जाएगी.
इसके अलावा इस बात पर भी अभी कोई स्पष्टता नहीं है कि आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में 12वीं का महत्व बना रहेगा या हटा लिया जाएगा. सवाल पूछे जाने पर मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस बारे में जल्द ही फैसला होगा.
जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने पिछले 3 साल में 59 केंद्रीय विद्यालयों का काम शुरू किया और 50 नए केंद्रीय विद्यालय मंज़ूर किए. इसके अलावा सरकार ने 62 नए जवाहर नवोदय विद्यालयों को भी मंजूरी दी है. दसवीं की बोर्ड परीक्षा वैकल्पिक रूप से अब अनिवार्य कर दी गई है, लेकिन नो डिटेंशन पॉलिसी को लेकर प्रस्तावित कानूनी संशोधन अभी पास नहीं हुआ है.
पिछले कुछ सालों में सरकार की नो डिटेंशन पॉलिसी यानी बच्चे को 8वीं क्लास तक फेल न करने की नीति पर काफी विवाद हुआ था. कई राज्यों का कहना था कि इससे बच्चे 9वीं क्लास तक पहुंच तो जाते हैं, लेकिन उससे आगे नहीं बढ़ पाते. केंद्र सरकार ने केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की मीटिंग बुलाकर डिटेंशन पॉलिसी के बारे में फैसला राज्यों पर छोड़ दिया गया. अब शिक्षा का अधिकार कानून में संशोधन करने का फैसला किया है. इस बारे बिल जल्द ही संसद में आएगा. नए कानून के तहत पांचवीं और आठवीं में बच्चों को रोकने से पहले उस साल दो बार परीक्षा के मौके दिए जाएंगे.
सरकार ने सात नए आईआईएम औऱ 6 नए आईआईटी के साथ बिहार के मोतीहारी में नई केंद्रीय यूनिवर्सिटी को भी मंज़ूरी दी है. बजट के अतिरिक्त हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी के ज़रिये 20,000 करोड़ रुपये का इंतज़ाम करने का प्रस्ताव है.
इसके अलावा सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तर का बनाने के लिए की जा रही कोशिशों का ऐलान किया. जुलाई से देश के 38 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा होगी.
लेकिन कई मोर्चों पर सरकार ने जवाब नहीं दिया. जैसे नई शिक्षा नीति पर अब तक कुछ नहीं हुआ है. पिछले साल स्मृति ईरानी के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रहते सरकार ने नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट जारी किया, लेकिन मामला अटका पड़ा है. सरकार ने नई एजुकेशन पॉलिसी के लिए एक नई कमेटी बनाने का ऐलान किया था, लेकिन उसका कुछ नहीं हुआ. अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने मंगलवार को कहा कि जल्द ही इस बारे में जानकारी दी जाएगी.
इसके अलावा इस बात पर भी अभी कोई स्पष्टता नहीं है कि आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में 12वीं का महत्व बना रहेगा या हटा लिया जाएगा. सवाल पूछे जाने पर मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस बारे में जल्द ही फैसला होगा.
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