बारिश से बाढ़ जैसे हालत में सड़कें बहीं
नई दिल्ली:
केरल में भारी बारिश के बाद बाढ़ ने भयंकर तबाही मचा दी है. बारिश के कारण कई इलाकों में पानी भर गया है तो कई जगह भूस्खलन हुआ है. अब तक बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से 29 लोगों की मौत हो चुकी है. शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित केरल को केंद्र की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी. वहीं केरल के कुछ सासंदों ने भी इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. केरल सरकार ने पर्यटकों को पहाड़ी इलाकों और डैम साइट्स पर जाने से मना किया है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि बारिश अचानक होने से कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि केरल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब 22 बांध पानी से पूरी तरह भर गए और सबके गेट खोले गए हों.
केरल में भारी बारिश और भूस्खलन से 24 लोगों की मौत, कई बांध खोले गए
केरल के आधे से ज्यादा हिस्से में भीषण बाढ़ के कारण बांध, जलाशय और नदियां लबालब भरी हुई हैं. कई जगहों पर राजमार्ग ध्वस्त हो गए हैं. अनेक घर पानी में बह गए हैं. पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण करीब 54,000 लोग बेघर हो गए हैं और कम से कम 29 लोगों की मौत हुई है. बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित राज्य के कुल 14 जिलों में से सात उत्तरी जिलों में थलसेना की पांच टुकड़ियां तैनात की गई हैं ताकि लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने और अस्थायी पुलों के निर्माण में मदद मिले. पेरियार नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद भारतीय नौसेना की दक्षिणी कमान को अलर्ट पर रखा गया है. आशंका है कि कोच्चि स्थित वेलिंगडन द्वीप के कुछ हिस्से पूरी तरह जलमग्न हो सकते हैं. अधिकारियों ने बताया कि राज्य की लगभग सभी 40 नदियां उफान पर हैं. बीते आठ अगस्त से ही हो रही भारी मॉनसूनी बारिश के कारण उत्तरी एवं मध्य केरल अत्यधिक प्रभावित हैं. बारिश के कारण कुल 29 लोगों की मौत हुई है जिनमें तीन की मौत शुक्रवार को हुई. इनमें से 25 की मौत भूस्खलन में हुई तथा चार की मौत डूबने से हुई.
उत्तर भारत में बाढ़ और बारिश का कहर : अस्पताल से लेकर घरों तक घुसा पानी
केरल के अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 439 राहत शिविरों में कुल 53,501 लोगों को रखा गया है. कई जगहों पर सड़कें धंस जाने के कारण पर्यटकों को पर्वतीय इडुक्की जिले में दाखिल होने से रोका गया. कोझिकोड और वायनाड में विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए थलसेना के जवान छोटे-छोटे पुल बना रहे हैं. इडुक्की जलाशय से और ज्यादा पानी जारी होने की संभावना के मद्देनजर इडुक्की और इससे सटे जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया. केरल के पर्यटन मंत्री के. सुरेंद्रन ने बताया कि 24 विदेशियों सहित कम से कम 50 पर्यटक बुधवार से ही मन्नार के प्लम जूडी रिजॉर्ट में फंसे हुए थे और उन्हें वहां से निकालकर सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है.
उत्तर प्रदेश में भारी बारिश से 6 जिलों में बाढ़ का खतरा, गोंडा में बांध में दरार आने से मचा हड़कंप
कोच्चि में पेरियार नदी और इडुक्की में चेरुथोनी नदी की नीचे की धारा की तरफ की जगहों पर रहने वाले लोगों को तटों के जलमग्न होने की चेतावनी दी गई है. राज्य के 58 बांधों में से 24 के जलाशयों की अधिकतम भंडारण क्षमता पार हो गई है, जिसके कारण अधिकारियों को स्लुइस गेट खोलकर पानी छोड़ना पड़ा. करीब 26 साल के बाद गुरुवार को एक शटर खोला गया. शुक्रवार सुबह केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने थलसेना, नौसेना, वायुसेना, तटरक्षक बल और एनडीआरएफ की ओर से चलाए जा रहे बाढ़ राहत कार्यों और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि इडुक्की बांध में जल स्तर बढ़ने के कारण अभी छोड़े जा रहे पानी की तुलना में तीन गुना ज्यादा पानी छोड़ना जरूरी हो गया है. इससे पेरियार नदी और इसकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ेगा. लोगों को चौकस रहना चाहिए.
VIDEO: बारिश का कहर : केरल में अब तक 18 लोगों की मौत, अन्य राज्यों में भी जन-जीवन प्रभावित
विजयन ने 12 अगस्त तक के अपने सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और राज्य की राजधानी से वह हालात पर नजर रखे हुए हैं. केंद्रीय मंत्री के. जे अल्फॉंस ने कहा कि उन्होंने सुबह गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ केरल में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की. राजनाथ ने विजयन से भी बात की और वह रविवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. अल्फॉंस ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि भारत सरकार सशस्त्र बलों, आपदा प्रबंधन टीम की सेवाएं मुहैया करा रही है और अन्य जरूरी सहायता भी प्रदान कर रही है. इस बीच, केरल के राजस्व मंत्री ई. चंद्रशेखरन ने बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और कहा कि कोच्चि हवाईअड्डे के पास एहतियाती कदम उठाए जाएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री विजयन से बात की थी और प्रभावितों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया था.
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केरल के आधे से ज्यादा हिस्से में भीषण बाढ़ के कारण बांध, जलाशय और नदियां लबालब भरी हुई हैं. कई जगहों पर राजमार्ग ध्वस्त हो गए हैं. अनेक घर पानी में बह गए हैं. पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण करीब 54,000 लोग बेघर हो गए हैं और कम से कम 29 लोगों की मौत हुई है. बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित राज्य के कुल 14 जिलों में से सात उत्तरी जिलों में थलसेना की पांच टुकड़ियां तैनात की गई हैं ताकि लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने और अस्थायी पुलों के निर्माण में मदद मिले. पेरियार नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद भारतीय नौसेना की दक्षिणी कमान को अलर्ट पर रखा गया है. आशंका है कि कोच्चि स्थित वेलिंगडन द्वीप के कुछ हिस्से पूरी तरह जलमग्न हो सकते हैं. अधिकारियों ने बताया कि राज्य की लगभग सभी 40 नदियां उफान पर हैं. बीते आठ अगस्त से ही हो रही भारी मॉनसूनी बारिश के कारण उत्तरी एवं मध्य केरल अत्यधिक प्रभावित हैं. बारिश के कारण कुल 29 लोगों की मौत हुई है जिनमें तीन की मौत शुक्रवार को हुई. इनमें से 25 की मौत भूस्खलन में हुई तथा चार की मौत डूबने से हुई.
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केरल के अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 439 राहत शिविरों में कुल 53,501 लोगों को रखा गया है. कई जगहों पर सड़कें धंस जाने के कारण पर्यटकों को पर्वतीय इडुक्की जिले में दाखिल होने से रोका गया. कोझिकोड और वायनाड में विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए थलसेना के जवान छोटे-छोटे पुल बना रहे हैं. इडुक्की जलाशय से और ज्यादा पानी जारी होने की संभावना के मद्देनजर इडुक्की और इससे सटे जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया. केरल के पर्यटन मंत्री के. सुरेंद्रन ने बताया कि 24 विदेशियों सहित कम से कम 50 पर्यटक बुधवार से ही मन्नार के प्लम जूडी रिजॉर्ट में फंसे हुए थे और उन्हें वहां से निकालकर सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है.
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कोच्चि में पेरियार नदी और इडुक्की में चेरुथोनी नदी की नीचे की धारा की तरफ की जगहों पर रहने वाले लोगों को तटों के जलमग्न होने की चेतावनी दी गई है. राज्य के 58 बांधों में से 24 के जलाशयों की अधिकतम भंडारण क्षमता पार हो गई है, जिसके कारण अधिकारियों को स्लुइस गेट खोलकर पानी छोड़ना पड़ा. करीब 26 साल के बाद गुरुवार को एक शटर खोला गया. शुक्रवार सुबह केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने थलसेना, नौसेना, वायुसेना, तटरक्षक बल और एनडीआरएफ की ओर से चलाए जा रहे बाढ़ राहत कार्यों और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि इडुक्की बांध में जल स्तर बढ़ने के कारण अभी छोड़े जा रहे पानी की तुलना में तीन गुना ज्यादा पानी छोड़ना जरूरी हो गया है. इससे पेरियार नदी और इसकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ेगा. लोगों को चौकस रहना चाहिए.
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विजयन ने 12 अगस्त तक के अपने सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और राज्य की राजधानी से वह हालात पर नजर रखे हुए हैं. केंद्रीय मंत्री के. जे अल्फॉंस ने कहा कि उन्होंने सुबह गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ केरल में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की. राजनाथ ने विजयन से भी बात की और वह रविवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. अल्फॉंस ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि भारत सरकार सशस्त्र बलों, आपदा प्रबंधन टीम की सेवाएं मुहैया करा रही है और अन्य जरूरी सहायता भी प्रदान कर रही है. इस बीच, केरल के राजस्व मंत्री ई. चंद्रशेखरन ने बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और कहा कि कोच्चि हवाईअड्डे के पास एहतियाती कदम उठाए जाएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री विजयन से बात की थी और प्रभावितों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया था.
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