मनीष सिसोदिया की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्ले स्कूलों में भी 25 फीसदी ईडब्ल्यूएस कोटा लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। ये आदेश दिल्ली के सभी प्ले स्कूलों/क्रेच्स/नर्सरी (प्री-स्कूल)/प्री-प्राइमरी स्कूलों में लागू होगा।
ये आदेश ऐसे उन सभी स्कूलों पर लागू होगा जिन्हें सरकारी एजेंसियों/डीडीए द्वारा भूमि का आवंटन किया गया है। स्कूलों को अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर ये जानकारी देनी होगी। नोटिस बोर्ड ऐसी जगहों पर होने चाहिए जहां पर सभी लोगों को आसानी से दिख सकें।
स्कूल ईडब्ल्यूएस कोटे वाले छात्रों से किसी तरह की रजिस्ट्रेशन फीस या प्रॉस्पेक्टस की फीस नहीं ले सकते। स्कूलों को ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आने वाले हर आवेदन के लिए एक रजिस्ट्रेशन नंबर देना होगा। अगर किसी वजह से ईडब्ल्यूएस के लिए आवेदन करने वाले छात्र को एडमिशन नहीं दिया जाता तो उसका कारण स्कूल को बताना होगा।
ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत प्ले स्कूल में एडमिशन लेने के मामले में छात्र के घर से स्कूल की दूरी संबंधी वही नियम लागू होंगे जो एंट्री लेवल क्लासेस में राइट टू एजुकेशन 09 के माध्यम से लागू होते हैं। अगर ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आने वाले आवेदनों की संख्या मौजूदा सीटों से अधिक होती है तो ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ प्रक्रिया द्वारा चयन किया जाएगा। ये प्रक्रिया अभिभावकों की मौजूदगी में होगी।
स्कूलों को सभी अभिभावकों को बताना होगा कि ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ प्रक्रिया के तारीख को होगी। ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ प्रक्रिया को अंतिम रूप देते समय पांच अभिभावकों का हस्ताक्षर होना जरूरी होगा। ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ प्रक्रिया की सभी दस्तावेज भविष्य के लिए सुरक्षित रखना जरूरी है। एडमिशन के लिए कोई भी स्कूल, पैरेंट्स का इंटरव्यू, काउंसलिंग, लिखित या मौखिक परीक्षा नहीं ले सकता। दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के नवंबर 2014 के निर्णय को लागू किया है।
ये आदेश ऐसे उन सभी स्कूलों पर लागू होगा जिन्हें सरकारी एजेंसियों/डीडीए द्वारा भूमि का आवंटन किया गया है। स्कूलों को अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर ये जानकारी देनी होगी। नोटिस बोर्ड ऐसी जगहों पर होने चाहिए जहां पर सभी लोगों को आसानी से दिख सकें।
स्कूल ईडब्ल्यूएस कोटे वाले छात्रों से किसी तरह की रजिस्ट्रेशन फीस या प्रॉस्पेक्टस की फीस नहीं ले सकते। स्कूलों को ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आने वाले हर आवेदन के लिए एक रजिस्ट्रेशन नंबर देना होगा। अगर किसी वजह से ईडब्ल्यूएस के लिए आवेदन करने वाले छात्र को एडमिशन नहीं दिया जाता तो उसका कारण स्कूल को बताना होगा।
ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत प्ले स्कूल में एडमिशन लेने के मामले में छात्र के घर से स्कूल की दूरी संबंधी वही नियम लागू होंगे जो एंट्री लेवल क्लासेस में राइट टू एजुकेशन 09 के माध्यम से लागू होते हैं। अगर ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आने वाले आवेदनों की संख्या मौजूदा सीटों से अधिक होती है तो ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ प्रक्रिया द्वारा चयन किया जाएगा। ये प्रक्रिया अभिभावकों की मौजूदगी में होगी।
स्कूलों को सभी अभिभावकों को बताना होगा कि ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ प्रक्रिया के तारीख को होगी। ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ प्रक्रिया को अंतिम रूप देते समय पांच अभिभावकों का हस्ताक्षर होना जरूरी होगा। ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ प्रक्रिया की सभी दस्तावेज भविष्य के लिए सुरक्षित रखना जरूरी है। एडमिशन के लिए कोई भी स्कूल, पैरेंट्स का इंटरव्यू, काउंसलिंग, लिखित या मौखिक परीक्षा नहीं ले सकता। दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के नवंबर 2014 के निर्णय को लागू किया है।
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