विज्ञापन
This Article is From Dec 13, 2020

संसद हमला: सफेद एंबेस्डर से आए थे 5 आतंकी, 45 मिनट तक गोलियों की तड़तड़ाहट से छलनी हुआ था लोकतंत्र का मंदिर

Parliament Attack 2001: जब आतंकवादी संसद परिसर में गोलियां बरसा रहे थे, तब उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत 200 से ज्यादा सांसद लोकसभा में ही थे.

संसद हमला: सफेद एंबेस्डर से आए थे 5 आतंकी, 45 मिनट तक गोलियों की तड़तड़ाहट से छलनी हुआ था लोकतंत्र का मंदिर
Parliament Attack in 2001: करीब 45 मिनट तक आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच फायरिंग होती रही थी.
नई दिल्ली:

13 दिसंबर, 2001 की सुबह, जब संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था और सदन की कार्यवाही अभी शुरू ही हुई थी. विपक्ष के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्षी नेता सोनिया गांधी अपने आवास की ओर प्रस्थान कर चुके थे लेकिन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत देश के तमाम बड़े नेता उस वक्त संसद में ही थे. तभी सुबह 11 बजकर 28 मिनट के करीब एक सफेद एम्बेसडर कार संसद भवन परिसर में गेट नंबर 12 से दाखिल हुई. कार के ऊपर लाल बत्ती लगी थी और विंडशील्ड पर गृह मंत्रालय का स्टीकर लगा था. अमूमन संसद परिसर में कार की स्पीड धीमी होती है लेकिन इस कार की स्पीड ज्यादा थी. इससे संसद भवन की सुरक्षा में तैनात गार्ड जगदीश यादव को कुछ शक हुआ.

उधर, 11 बजकर 29 मिनट पर गेट नंबर 11 पर तत्कालीन उप राष्ट्रपति कृष्णकांत के काफिले में तैनात सुरक्षाकर्मी उनके निकलने का इंतजार कर रहे थे. तभी वह कार उपराष्ट्रपति की कार के काफिले की तरफ बढ़ी. सुरक्षा कर्मचारी जगदीश यादव तभी उस कार के पीछे दौड़ते-भागते आए. वो कार को रुकने का इशारा कर रहे थे लेकिन कार चालक अपनी धुन में था. जगदीश यादव को बेतहाशा दौड़ता भागता देख उप राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी अलर्ट हो गए.  ASI जीत राम, ASI नानक चंद और ASI श्याम सिंह ने उस सफेद कार को रोकने की कोशिश की लेकिन कार नहीं रुकी और उप राष्ट्रपति के काफिले की कार को टक्कर मार दी.

संसद हमले की 19वीं बरसी पर पीएम ने शहीदों को किया याद, कहा- हम उस कायराना हमले को कभी नहीं भूलेंगे

कार को टक्कर मारते ही सभी आतंकी संसद के गेट नंबर -1 के पास करीब 11. 30 बजे कार के चारों दरवाजे खोलकर उतर गए और तुरंत अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. उनके हाथों में एके-47 रायफल थी. पांचों की पीठ पर हथियारों से लैस बैग टंगे थे. तभी सुरक्षाकर्मियों ने आपातकालीन अलार्म बजा दिया और संसद परिसर के सभी गेट बंद कर दिए गए. तभी उनमें से एक आतंकवादी संसद भवन के गेट नंबर एक की तरफ दौड़ता है. वह संसद के अंदर घुसना चाहता था ताकि सांसदों को निशाना बना सके लेकिन वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उसे गोली मार दी.  

आज का इतिहास: आज ही के दिन हुआ था संसद पर आतंकी हमला, 'लश्कर' और 'जैश' ने रची थी साजिश

गेट नंबर एक पर जख्मी हुए आतंकवादी के पास बैग में विस्फोटक था, उसने खुद को रिमोट से उड़ा लिया. इस बीच संसद भवन परिसर में दोनों तरफ से गोलियां चल रही थी. इस बीच सेना और एनएसजी को संसद पर हमले की सूचना मिल चुकी थी. 11.55 बजे के आसपास गेट नंबर एक पर दूसरे आतंकी को भी सुरक्षाकर्मियों ने ढेर कर दिया. आतंकी ;चारों तरफ से घिर चुके थे, उन्हें दो साथियों के मारे जाने की खबर लग चुकी थी, इसलिए वो किसी भी कीमत पर गेट नंबर 9 से संसद में घुसना चाहते थे. वो गोलियां बरसाते हुए गेट नंबर 9 की तरफ बढ़े लेकिन 12 बजकर 5 मिनट के आसपास सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया. तभी आतंकी उनपर हथगोले फेंकने लगे. सुरक्षाकर्मियों ने एक-एक कर तीनों को भी मार गिराया. करीब 45 मिनट तक आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच फायरिंग होती रही थी. इस हमले में देश के सात सुरक्षाकर्मी समेत 9 लोग शहीद हो गए थे.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com