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This Article is From Jun 30, 2014

सूचना प्रसारण मंत्रालय के लेटलतीफ़ कर्मचारियों को मिली सज़ा

सूचना प्रसारण मंत्रालय के लेटलतीफ़ कर्मचारियों को मिली सज़ा
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

नई सरकार में कर्मचारियों को समय की पाबंदी रखने के लिए बार-बार कहा गया है। कैबिनेट सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मंत्रालयों के सचिवों को चिट्ठी लिख कर इस बारे में कहा भी गया है। कई मंत्रियों ने अपने दफ़्तरों का अचानक निरीक्षण भी किया है। लेकिन पहली बार सख़्त कार्रवाई का मामला सामने आया है।

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर आज सुबह नौ बजे जब अपने कार्यालय शास्त्री भवन पहुंचे तो सीधे अपने कमरे में जाने के बजाए दफ़्तर के मुआयने पर निकल गए। सूत्रों के मुताबिक़ जावड़ेकर को कई सीटें ख़ाली दिखीं। जावड़ेकर ने अपने फ़ोन से ख़ाली कुर्सियों की तस्वीरें ले लीं। वहां मौजूद कर्मचारियों से जावड़ेकर ने कहा कि जब ये लोग आएँ तो उनसे कहें कि मंत्री मिलने आए थे।

थोड़ी देर बाद प्रकाश जावड़ेकर के कमरे के बाहर ऐसे कर्मचारियों की लम्बी क़तार लग गई जो देर से दफ़्तर पहुंचे। इसके बाद इनमें से कई कर्मचारियों को एक दिन की आकस्मिक अवकाश (सीएम) लेने को कहा गया।

मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि देरी से आने वाले लोगों को एक दिन का सीएल लगाने को कहा गया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सभी अफसरों को समय पर दफ्तर में आने की नसीहत दी गयी है।

इससे पहले शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने भी अपने दफ़्तर का अचानक निरीक्षण किया था। तब भी कई कर्मचारी नदारद रहे। बाद में नायडू ने आदेश जारी कर सभी कर्मचारियों को समय पर दफ़्तर आने के लिए निर्देश दिए थे।

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