मुंबई:
मुंबई में गणेशोत्सव के दौरान लालबाग के राजा के पंडाल में एक लड़की की पिटाई के मामले में दो महिला कॉन्स्टेबलों को सस्पेंड कर दिया गया है। घटना की जारी फुटेज में दिख रहा था कि महिला पुलिसकर्मी उस लड़की को बुरी तरह पीट रही थीं।
पुलिस ने महिला के साथ हुई मारपीट के बाद उस पर 1200 रुपये का ज़ुर्माना भी लगाया था। पुलिस का कहना था कि लड़की ने पंडाल में जाने के लिए बनी लाइन तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद उसके साथ मारपीट हुई। तस्वीरें सामने आने के बाद सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे।
खुद के पुलिस से पिटने का वीडियो वायरल होने बाद पीड़िता नंदिता गोस्वामी ने आखिरकार सोमवार देर रात मीडिया के सामने आकर अपनी आपबीती बताते हुए यह दावा किया था कि उसने पुलिस के ग़लत कामों पर सवाल उठाए तो उसे पीट दिया गया। नंदिता का आरोप है कि उस पंडाल में पुलिस अपने परिचितों को और कुछ अन्य लोगों को कुछ लेनदेन के बदले लाइन में घुसा रही थी। इस पर उसने आपत्ति उठायी तो उसे पीटा गया। महिला पुलिसकर्मियों ने पंडाल में न सिर्फ उसे बल्कि उसकी मां को भी पीटा। यही प्रताड़ना पुलिस स्टेशन में भी हुई।
नंदिता के अलावा पत्रकार पूनम अपराज के साथ भी ऐसा ही वाकया पेश आया था। पूनम ने सोमवार को मुम्बई के पुलिस कमिश्नर से मुलाक़ात कर अपनी आपबीती सुनाई और बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मियों के नाम भी बताए थे।
नंदिता गोस्वामी की पिटाई का वीडियो वायरल होते ही तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। शिवसेना की प्रवक्ता और विधायक नीलम गोहे ने पुलिस को मामले को संवेदनशीलता से संभालने की सलाह दी थी। वहीं वायरल हुआ वीडियो जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तक पहुंचा तो वे हरकत में आए। महाराष्ट्र सरकार ने मामला गंभीर मान कर इसकी जांच के आदेश दिए। मुम्बई पुलिस के डीसीपी स्तर का अधिकारी ने इसकी जांच की थी।
पुलिस ने महिला के साथ हुई मारपीट के बाद उस पर 1200 रुपये का ज़ुर्माना भी लगाया था। पुलिस का कहना था कि लड़की ने पंडाल में जाने के लिए बनी लाइन तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद उसके साथ मारपीट हुई। तस्वीरें सामने आने के बाद सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे।
खुद के पुलिस से पिटने का वीडियो वायरल होने बाद पीड़िता नंदिता गोस्वामी ने आखिरकार सोमवार देर रात मीडिया के सामने आकर अपनी आपबीती बताते हुए यह दावा किया था कि उसने पुलिस के ग़लत कामों पर सवाल उठाए तो उसे पीट दिया गया। नंदिता का आरोप है कि उस पंडाल में पुलिस अपने परिचितों को और कुछ अन्य लोगों को कुछ लेनदेन के बदले लाइन में घुसा रही थी। इस पर उसने आपत्ति उठायी तो उसे पीटा गया। महिला पुलिसकर्मियों ने पंडाल में न सिर्फ उसे बल्कि उसकी मां को भी पीटा। यही प्रताड़ना पुलिस स्टेशन में भी हुई।
नंदिता के अलावा पत्रकार पूनम अपराज के साथ भी ऐसा ही वाकया पेश आया था। पूनम ने सोमवार को मुम्बई के पुलिस कमिश्नर से मुलाक़ात कर अपनी आपबीती सुनाई और बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मियों के नाम भी बताए थे।
नंदिता गोस्वामी की पिटाई का वीडियो वायरल होते ही तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। शिवसेना की प्रवक्ता और विधायक नीलम गोहे ने पुलिस को मामले को संवेदनशीलता से संभालने की सलाह दी थी। वहीं वायरल हुआ वीडियो जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तक पहुंचा तो वे हरकत में आए। महाराष्ट्र सरकार ने मामला गंभीर मान कर इसकी जांच के आदेश दिए। मुम्बई पुलिस के डीसीपी स्तर का अधिकारी ने इसकी जांच की थी।
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