
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फाइल फोटो
पटना:
बिहार में शराब पर प्रतिबंध का पटना हाईकोर्ट द्वारा रद्द किए जाने के दो दिन बाद ही नीतीश कुमार सरकार ने बिहार मद्यनिषेध कानून अधिसूचित 2016 को करते हुए राज्य में फिर से शराबबंदी लागू कर दी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में पूर्ण शराबबंदी जारी रखने को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने साथ ही कहा कि अदालत के किसी आदेश का इस अधिसूचना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने बताया कि शराबबंदी विधेयक को मॉनसून सत्र के दौरान विधानमंडल के दोनों सदनों ने पारित कर दिया है तथा इस पर राजभवन की भी सहमति मिल गई है.
इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने इस कानून के कई प्रावधान पर ऐतराज जताया था, जिसमें शराब मिलने पर पूरे परिवार को जेल भेजने जैसे कानून शामिल थे. इस बेहद सख्त माने जा रहे कानून में शराब (जहरीली) पीने से हुई मौत के मामले में फांसी का प्रावधान किया था.
राज्य में मद्यनिषेध कानून लागू होने के बाद से अब तक शराब बेचने व रखने के आरोप में 13,000 लोग जेल भेजे जा चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में पूर्ण शराबबंदी जारी रखने को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने साथ ही कहा कि अदालत के किसी आदेश का इस अधिसूचना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने बताया कि शराबबंदी विधेयक को मॉनसून सत्र के दौरान विधानमंडल के दोनों सदनों ने पारित कर दिया है तथा इस पर राजभवन की भी सहमति मिल गई है.
इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने इस कानून के कई प्रावधान पर ऐतराज जताया था, जिसमें शराब मिलने पर पूरे परिवार को जेल भेजने जैसे कानून शामिल थे. इस बेहद सख्त माने जा रहे कानून में शराब (जहरीली) पीने से हुई मौत के मामले में फांसी का प्रावधान किया था.
राज्य में मद्यनिषेध कानून लागू होने के बाद से अब तक शराब बेचने व रखने के आरोप में 13,000 लोग जेल भेजे जा चुके हैं.
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