सभी विधायक पार्टी महासचिव वीके शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरन गुट के हैं. (फाइल फोटो)
चेन्नई:
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के मुख्य सचेतक ने विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल से मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के विरोधी 19 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने का अनुरोध किया. यह 19 विधायक भ्रष्टाचार मामले में जेल में बंद पार्टी महासचिव वीके शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरन गुट के हैं.
यह भी पढ़ें : AIADMK के दोनों धड़ों के विलय के बाद दिनाकरन के तीखे तेवर, आज मिलेंगे राज्यपाल से
विलय से नाराजगी
मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले दोनों धड़ों के विलय से नाराज इन 19 विधायकों ने राज्यपाल सी. विद्यासागर राव को एक ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री से अपना समर्थन वापस ले लिया है. मुख्य सचेतक एस. राजेंद्रन ने कहा कि मुख्यमंत्री से समर्थन वापस लेकर बागी विधायकों ने दल-बदल कानून का उल्लंघन किया है. मुख्य सचेतक की इस मांग पर दिनाकरन गुट के इन विधायकों ने तत्काल प्रतिक्रिया दी है, जिन्हें इस समय पुदुचेरी के किसी रिसॉर्ट में रखा गया है.
VIDEO: 6 महीने बाद AIADMK के दोनों धड़ों का विलय
134 विधायकों का है समर्थन
गुट के एक प्रवक्ता ने कहा है कि इस कदम का उद्देश्य और पार्टी विधायकों को दिनाकरन गुट से जुड़ने से रोकना है.
विपक्षी दलों की ओर से मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने की मांग आने के बाद पार्टी ने यह कदम उठाया है. एआईएडीएमके के पास इस समय 134 विधायकों का समर्थन है, लेकिन दिनाकरन गुट द्वारा समर्थन वापस लिए जाने की स्थिति में यह संख्या 115 ही रह जाएगी. तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन के बाद से एक सीट रिक्त चल रही है. इस तरह 233 सदस्यों के बीच डीएमके के पास 89 विधायक हैं, कांग्रेस के पास आठ और आईयूएमएल के पास एक विधायक. विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल तभी मतदान में हिस्सा ले सकते हैं, जब दो पक्षों के पास बराबर संख्या में विधायकों का समर्थन हो.
इनपुट: एजेंसियां
यह भी पढ़ें : AIADMK के दोनों धड़ों के विलय के बाद दिनाकरन के तीखे तेवर, आज मिलेंगे राज्यपाल से
विलय से नाराजगी
मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले दोनों धड़ों के विलय से नाराज इन 19 विधायकों ने राज्यपाल सी. विद्यासागर राव को एक ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री से अपना समर्थन वापस ले लिया है. मुख्य सचेतक एस. राजेंद्रन ने कहा कि मुख्यमंत्री से समर्थन वापस लेकर बागी विधायकों ने दल-बदल कानून का उल्लंघन किया है. मुख्य सचेतक की इस मांग पर दिनाकरन गुट के इन विधायकों ने तत्काल प्रतिक्रिया दी है, जिन्हें इस समय पुदुचेरी के किसी रिसॉर्ट में रखा गया है.
VIDEO: 6 महीने बाद AIADMK के दोनों धड़ों का विलय
134 विधायकों का है समर्थन
गुट के एक प्रवक्ता ने कहा है कि इस कदम का उद्देश्य और पार्टी विधायकों को दिनाकरन गुट से जुड़ने से रोकना है.
विपक्षी दलों की ओर से मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने की मांग आने के बाद पार्टी ने यह कदम उठाया है. एआईएडीएमके के पास इस समय 134 विधायकों का समर्थन है, लेकिन दिनाकरन गुट द्वारा समर्थन वापस लिए जाने की स्थिति में यह संख्या 115 ही रह जाएगी. तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन के बाद से एक सीट रिक्त चल रही है. इस तरह 233 सदस्यों के बीच डीएमके के पास 89 विधायक हैं, कांग्रेस के पास आठ और आईयूएमएल के पास एक विधायक. विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल तभी मतदान में हिस्सा ले सकते हैं, जब दो पक्षों के पास बराबर संख्या में विधायकों का समर्थन हो.
इनपुट: एजेंसियां