जोधपुर:
पाकिस्तान से 171 हिन्दुओं का जत्था 3 महीने की कठिन यात्रा के बाद जोधपुर पहुंचा और इस समूह के नेता ने कहा कि वे अपने ‘आत्म-सम्मान’, धार्मिक स्वतंत्रता ओर अपने बच्चों के भविष्य के लिए भारत में शरणार्थी का दर्जा मांग रहे हैं। जब तक उनके लिए उचित इंतजाम कर दिया जाता है तब तक के लिए उन्हें यहां एक मंदिर के परिसर में अस्थायी रूप से ठहराया गया है।
हिन्दू प्रवासियों के पुनर्वास के लिए संघषर्रत सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष सिंह सोधा ने कहा, हमने इसके बारे में मुख्यमंत्री को बताया दिया है, जो जोधपुर में थे। हम आशा करते हैं कि वह प्रशासन को हमारे वास्ते कुछ इंतजाम करने का निर्देश देंगे। सोधा ने कहा, धार्मिक, वित्तीय और सामाजिक उत्पीड़न के चलते पाकिस्तान से हिन्दुओं का पलायन कोई नई परिघटना नहीं है, बल्कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर बाड़ लगाए जाने के बाद अब तक का यह सबसे बड़ा पलायन इस बात का गवाह है कि पाकिस्तान में हिन्दू परिवारों की स्थिति अपमानजनक है।
सोधा ने कहा, ये सभी यात्रा वीजा पर आए हैं, क्योंकि खुला वीजा से उन्हें इनकार कर दिया गया। उनसे आशा की जाती है कि वे वापस लौटेंगे, लेकिन उनमें से कोई भी वापस जाने के लिए नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हम उनके लिए सरकार से शरणार्थी नीति की मांग करते हैं, क्योंकि पिछले 2 महीने में 350 प्रवासी जोधपुर आए हैं, जो राजस्थान में पहले से मौजूद 1.20 लाख प्रवासियों के अलावा हैं। सोधा ने कहा, आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ सकती है। यही उपयुक्त समय है कि सरकार इन गरीब लोगों के भविष्य के बारे में कोई गंभीर रुख अपनाए।
हिन्दू प्रवासियों के पुनर्वास के लिए संघषर्रत सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष सिंह सोधा ने कहा, हमने इसके बारे में मुख्यमंत्री को बताया दिया है, जो जोधपुर में थे। हम आशा करते हैं कि वह प्रशासन को हमारे वास्ते कुछ इंतजाम करने का निर्देश देंगे। सोधा ने कहा, धार्मिक, वित्तीय और सामाजिक उत्पीड़न के चलते पाकिस्तान से हिन्दुओं का पलायन कोई नई परिघटना नहीं है, बल्कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर बाड़ लगाए जाने के बाद अब तक का यह सबसे बड़ा पलायन इस बात का गवाह है कि पाकिस्तान में हिन्दू परिवारों की स्थिति अपमानजनक है।
सोधा ने कहा, ये सभी यात्रा वीजा पर आए हैं, क्योंकि खुला वीजा से उन्हें इनकार कर दिया गया। उनसे आशा की जाती है कि वे वापस लौटेंगे, लेकिन उनमें से कोई भी वापस जाने के लिए नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हम उनके लिए सरकार से शरणार्थी नीति की मांग करते हैं, क्योंकि पिछले 2 महीने में 350 प्रवासी जोधपुर आए हैं, जो राजस्थान में पहले से मौजूद 1.20 लाख प्रवासियों के अलावा हैं। सोधा ने कहा, आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ सकती है। यही उपयुक्त समय है कि सरकार इन गरीब लोगों के भविष्य के बारे में कोई गंभीर रुख अपनाए।
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