प्रतीकात्मक फोटो
अगरतला:
एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को विपक्षी कांग्रेस विधायक परिमल साहा की हत्या के मामले में अपराध के 33 साल बाद 12 लोगों को दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अप्रैल 1983 में हुई थी परिमल साहा की हत्या
पश्चिम त्रिपुरा के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश एसबी दत्त ने 17 में से 12 आरोपियों को आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया। बाकी पांच को सभी आरोपों से बरी कर दिया। चरिलाम निर्वाचन क्षेत्र से तत्कालीन विधायक परिमल साहा और उनके साथी जितेन साहा की सात अप्रैल 1983 को विशालगढ़ थाना अंतर्गत तिल्ला में उनके कार्यालय में हत्या कर दी गई थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
अप्रैल 1983 में हुई थी परिमल साहा की हत्या
पश्चिम त्रिपुरा के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश एसबी दत्त ने 17 में से 12 आरोपियों को आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया। बाकी पांच को सभी आरोपों से बरी कर दिया। चरिलाम निर्वाचन क्षेत्र से तत्कालीन विधायक परिमल साहा और उनके साथी जितेन साहा की सात अप्रैल 1983 को विशालगढ़ थाना अंतर्गत तिल्ला में उनके कार्यालय में हत्या कर दी गई थी।
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कांग्रेस विधायक परिमल साहा, हत्या का मामला, 33 साल बाद सजा, 12 को आजीवन कारावास, अगरतला, त्रिपुरा, Parimal Saha, Murder, Agartala, Tripura