भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आईं जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल (Angela Merkel) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा प्रेस कांफ्रेस की. मुलाकात के दौरान दोनों ही देशों के बीच सहयोग बढ़ाने को लेकर बातचीत हुई. साथ ही भारत, जर्मनी ने अंतरिक्ष, नागरिक उड्डयन, नौवहन प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में 11 समझौतों पर दस्तखत किए. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ''चांसलर डॉ मर्केल और उनके डेलीगेशन का भारत में हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है. चांसलर मर्केल को जर्मनी और यूरोप ही नहीं, बल्कि विश्व की लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रमुख नेताओं में गिना जाता है. पिछले लगभग डेढ़ दशक से चांसलर के रूप में उन्होंने भारत-जर्मनी संबंधों को प्रगाढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसके लिए मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं.''
भारत और जर्मनी के बीच बेहद करीबी संबंध, सहयोग को और आगे बढ़ाएंगे: एंजेला मर्केल
पीएम मोदी ने आगे कहा, ''हर दो साल के अंतराल पर होने वाली तीन IGC बैठकों में चांसलर मर्केल के साथ भाग लेने का मुझे सौभाग्य मिला है. इस अनूठी मैकेनिज्म से हर क्षेत्र में हमारा सहयोग और भी गहरा हुआ है. आज जिन समझौतों, आदि पर हस्ताक्षर हुए हैं, वे इस बात का प्रतीक है. मुझे बहुत खुशी है कि भारत और जर्मनी के बीच हर क्षेत्र में, खास तौर पर नई और एडवांस टेक्नॉलॉजी में दूरगामी और स्ट्रेटेजिक कॉरपोरेशन आगे बढ़ रहा है.''
उन्होंने कहा, ''सन् 2022 में स्वतंत्र भारत 75 वर्ष का होगा. तब तक हमने न्यू इंडिया के निर्माण का लक्ष्य रखा है. इस बहुआयामी प्रयास में भारत की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के लिए जर्मनी जैसे टेक्नोलॉजिकल और इकोनॉमिक पॉवर हाउस की क्षमताएं उपयोगी होंगी. हमने नई और एडवांस टेक्नॉलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्किल्स, शिक्षा, साइबर सेक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष बल दिया है. ई-मोबाइलिटी, फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी, स्मार्ट सिटी, इनलैंड वाटर वे, कोस्टल मैनेजमेंट, नदियों की सफाई और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग की नयी संभावनाओं को विकसित करने का हमने फैसला किया है.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''व्यापार और निवेश में अपनी बढ़ती हुई भागीदारी को और गति देने के लिए हम प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहित कर रहे हैं. चांसलर मर्केल और मैं दोनों देशों के कुछ प्रमुख बिजनेस और इंडस्ट्री लीडर से मुलाकात करेंगे. हम जर्मनी को आमंत्रित करते हैं कि रक्षा-उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में डिफेंस कॉरिडोर में अवसरों का लाभ उठाएं. आतंकवाद और उग्रवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए हम द्वीपक्षीय और मल्टीलेटरल सहयोग को और घनिष्ठ बनाएंगे. भारत और जर्मनी के विश्वास और मित्रतापूर्ण संबंध, Democracy, Rule of law जैसे साझा मूल्यों पर आधारित है. इसलिए, विश्व की गंभीर चुनौतियों के बारे में हमारे दृष्टिकोण में समानता है.''
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