विज्ञापन
This Article is From Feb 23, 2019

जम्मू कश्मीर: श्रीनगर में पहुंची अर्धसैनिक बलों की 100 टुकड़ियां

भारत पाकिस्तान तनाव के बीच जम्मू कश्मीर में देर रात अलगाववादी नेता की गिरफ्तारी के बाद केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर अर्धसैनिक बलों को घाटी में भेजा है.

जम्मू कश्मीर: श्रीनगर में पहुंची अर्धसैनिक बलों की 100 टुकड़ियां
अर्धसैनिक बलों की तैनाती तेज
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
जम्मू कश्मीर में पहुंची अर्धसैनिक बलों की 100 टुकड़ियां
तत्काल प्रभाव से तैनाती के आदेश
अलगाववादी नेता और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी
नई दिल्ली:

भारत पाकिस्तान तनाव के बीच जम्मू कश्मीर में देर रात अलगाववादी नेता की गिरफ्तारी के बाद केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर अर्धसैनिक बलों को घाटी में भेजा है. मिली जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों की 100 टुकड़ियों को 'अर्जेंट नोटिस' पर घाटी में भेजा है. इसमें सीआरपीएफ की 35, बीएसएफ की 35, एसएसबी की 10 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां शामिल है. गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू-कश्मीर के गृह सचिव, मुख्य सचिव और डीजीपी को भेजे गए फैक्स में कहा गया है कि घाटी में तत्काल प्रभाव से इन बलों की तैनाती की जानी है. 22 तारीख को भेजे गए इस फैक्स में सीआरपीएफ को इन बलों की तत्काल रवानगी की व्यवस्था करने को कहा गया है. इतने बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती क्यों की जा रही है इसका खुलासा नहीं किया गया है. लिहाजा अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. 

जम्मू कश्मीर: सीमा के पास बन रहे बंकरों का अधिकारियों ने लिया जायजा

बता दें कि भारत की तरफ से पाकिस्तान पर बार-बार कड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर में तनाव बढ़ा है. खासकर हमले के दो दिन बाद ही पुलवामा के मास्टरमाइंड के मारे जाने के बाद सेना की चहलकदमी इन इलाकों में बढ़ी है. इसी दौरान जम्मू कश्मीर में मौजूद कई अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा को हटा दिया गया. और शुक्रवार देर रात यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया. 

पुलवामा हमलाः युद्ध की आशंका पर पाकिस्तान की सेना में 'अलर्ट', पाक सेना प्रमुख ने किया LOC का दौरा

यासीन मलिक की गिरफ्तारी के साथ दर्जन भर अन्य अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें जमात-ए-इस्लामी अलगाववादियों का प्रमुख अब्दुल हामिद फैयाज भी शामिल है. अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी और बढ़ी सेना बल इशारा करती है कि आने वाले दिनों में सूबे में बड़ा घटनाक्रम हो सकता है. दरअसल आगामी 25-26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35 A पर फैसला आना है. यदि सुप्रीम कोर्ट में इसे हटाने या फिर बदलाव की बात कही जाती है तो घाटी में बवाल हो सकता है. लिहाजा सरकार एतिहातन अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर रही है. 

Video: क्या आतंकवाद और खेल एक साथ चल सकता है?

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: