प्रतीकात्मक चित्र
जम्मू:
जम्मू-कश्मीर में सियाचिन ग्लेशियर में एक सैन्य चौकी के हिमस्खलन की चपेट में आ जाने से एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित 10 सैनिक भारी बर्फ में फंस गए हैं।
उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) कर्नल एसडी गोस्वामी ने बताया कि बुधवार तड़के लद्दाख क्षेत्र के उत्तरी ग्लेशियर सेक्टर में 19,000 फुट की उंचाई पर स्थित एक चौकी हिमस्खलन की चपेट में आ गई। उन्होंने बताया कि एक जेसीओ और सेना के नौ अन्य जवान हिमस्खलन के कारण फंस गए हैं। सेना और वायुसेना ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है।
पिछले महीने लद्दाख क्षेत्र में हुए हिमस्खलन के कारण चार भारतीय सिपाही मारे गए थे। गौरतलब है कि सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र है, और सर्दियों में हिमस्खलन तथा भूस्खलन यहां आमतौर पर होते रहते हैं। यहां का तापमान भी माइनस 60 डिग्री सेल्सियस (140 डिग्री फॉरेनहाइट) तक जा सकता है।
सियाचिन ग्लेशियर में वर्ष 1984 से अब तक अनुमानतः 8,000 फौजी मारे जा चुके हैं, जिनमे अधिकतर की मौत हिमस्खलन, भूस्खलन, बर्फ से हुए घावों, ऊंचाई की वजह से बीमार होने तथा दिल का दौरा पड़ने से हुईं।
गुरुवार की सुबह एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर सियाचिन के उत्तरी ग्लेशियर मे फंसे 10 जवानो को निकालने की कोशिश करेंगे। ये काम चार से पांच घंटे के अंदर ही करना होगा। इसकी वजह है वहां मौसम तुरंत ख़राब हो जाता है। फिलहाल वहां तापमान माईन्स 20 से 25 डिग्री होगी।
(इनपुट भाषा से भी)
उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) कर्नल एसडी गोस्वामी ने बताया कि बुधवार तड़के लद्दाख क्षेत्र के उत्तरी ग्लेशियर सेक्टर में 19,000 फुट की उंचाई पर स्थित एक चौकी हिमस्खलन की चपेट में आ गई। उन्होंने बताया कि एक जेसीओ और सेना के नौ अन्य जवान हिमस्खलन के कारण फंस गए हैं। सेना और वायुसेना ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है।
पिछले महीने लद्दाख क्षेत्र में हुए हिमस्खलन के कारण चार भारतीय सिपाही मारे गए थे। गौरतलब है कि सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र है, और सर्दियों में हिमस्खलन तथा भूस्खलन यहां आमतौर पर होते रहते हैं। यहां का तापमान भी माइनस 60 डिग्री सेल्सियस (140 डिग्री फॉरेनहाइट) तक जा सकता है।
सियाचिन ग्लेशियर में वर्ष 1984 से अब तक अनुमानतः 8,000 फौजी मारे जा चुके हैं, जिनमे अधिकतर की मौत हिमस्खलन, भूस्खलन, बर्फ से हुए घावों, ऊंचाई की वजह से बीमार होने तथा दिल का दौरा पड़ने से हुईं।
गुरुवार की सुबह एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर सियाचिन के उत्तरी ग्लेशियर मे फंसे 10 जवानो को निकालने की कोशिश करेंगे। ये काम चार से पांच घंटे के अंदर ही करना होगा। इसकी वजह है वहां मौसम तुरंत ख़राब हो जाता है। फिलहाल वहां तापमान माईन्स 20 से 25 डिग्री होगी।
(इनपुट भाषा से भी)
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