
नई दिल्ली:
काफी हंगामों के साथ समापन की ओर जा रहे संसद के मानसून सत्र में सरकार देश में करों में सबसे बड़े बदलाव का प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि वह गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) की वैधानिकता को लेकर कानूनी पहलुओं के साथ इसे लागू होने से रोकने की कोशिश करेगी।
इस मेगा रिफार्म के बारे में जानने के लिए यहां दस सूत्र दिए जा रहे हैं।
1. जीएसटी में केंद्रीय बिक्री कर और केंद्र व राज्य के लेवी का विलय किया जा रहा है। यह देश के 29 राज्यों के एक अरब लोगों के लिए एक कामन मार्केट बनाने का प्रयास है।
2. कर सुधार के विधेयक को लोकसभा ने मंजूरी दे दी है। अब सरकार इसे राज्यसभा में, जहां कि वह अल्पमत में है, पारित कराने के लिए प्रयत्नशील है। इसके बाद यह प्रस्ताव 29 राज्यों में से आधे से अधिक राज्यों में अनुमोदित कराना होगा, जो कि एक लंबी प्रक्रिया है।
3. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी लागू करने के लिए 1 अप्रैल 2016 की समय सीमा तय की है। इस स्थिति में यह आवश्यक हो जाता है कि यह विधेयक गुरुवार को समाप्त होने वाले मानसून सत्र में ही पारित हो जाए।
4) जीएसटी को लेकर वित्त मंत्री का कहना है कि यह भारत में सबसे बड़ा कर सुधार होगा। उन्होंने आशा जताई है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था दो प्रतिशत की वृद्धि के साथ एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी।
5) सरकार का मत है कि जीएसटी उद्योगों के कामकाज को आसान बना देगा। इसमें प्रतिस्पर्धा के साथ राज्यों में निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा। यह उपभोक्ताओं तक माल और सेवाओं के अधिक कुशल वितरण व कीमतों को कम करने के लिए दूरदृष्टिपूर्ण है।
6. दूसरी तरफ विशेषज्ञों का कहना है कि अनेक क्षेत्रों में रेवेन्यू खोने से चिंतित राज्यों में जीएसटी के प्रस्ताव में अनेक समझौते शामिल हैं। उदाहरण के लिए शराब पर कर लागू नहीं होता है और पेट्रोलियम भी राज्य के दायरे से बाहर रखा गया है। फिलहाल राज्य अपने स्तर पर तय दर से स्थानीय करों को लागू कर सकते हैं।
7. राज्यों को एक प्रतिशत अतिरिक्त अंतरराज्यीय लेवी वसूल करने की अनुमति दो साल के लिए दी गई है।
8. सरकार मंगलवार को राज्यसभा में जीएसटी बिल लेकर आई लेकिन कांग्रेस ने इस पर चर्चा करने से साफ इनकार कर दिया। कांग्रेस ने कहा कि
वह तब तक चर्चा नहीं करेगी जब तक सरकार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दागी क्रिकेट टाइकून ललित मोदी को मदद करने के मामले में दोषी नहीं मानती।
9. सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए छोटे दलों का सहारा लेने में जुटी है। सरकार ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता से समर्थन की मांग की है। चेन्नई में पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री ने एक लंच बैठक में अन्नाद्रमुक के 11 राज्यसभा सांसदों से चर्चा की। अन्नद्रमुक अब तक बिल का विरोध करती रही है ।
10. बिहार का जनता दल यूनाइटेड और ओडिसा का बीजू जनता दल जैसे क्षेत्रीय दल जीएसटी के प्रस्ताव पर उत्सुक हैं। बिहार, ओडिसा जैसे राज्य बड़े औद्योगिक उत्पादक नहीं हैं। उन्हें विश्वास है कि जीएसटी से उनको लाभ होगा।
इस मेगा रिफार्म के बारे में जानने के लिए यहां दस सूत्र दिए जा रहे हैं।
1. जीएसटी में केंद्रीय बिक्री कर और केंद्र व राज्य के लेवी का विलय किया जा रहा है। यह देश के 29 राज्यों के एक अरब लोगों के लिए एक कामन मार्केट बनाने का प्रयास है।
2. कर सुधार के विधेयक को लोकसभा ने मंजूरी दे दी है। अब सरकार इसे राज्यसभा में, जहां कि वह अल्पमत में है, पारित कराने के लिए प्रयत्नशील है। इसके बाद यह प्रस्ताव 29 राज्यों में से आधे से अधिक राज्यों में अनुमोदित कराना होगा, जो कि एक लंबी प्रक्रिया है।
3. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी लागू करने के लिए 1 अप्रैल 2016 की समय सीमा तय की है। इस स्थिति में यह आवश्यक हो जाता है कि यह विधेयक गुरुवार को समाप्त होने वाले मानसून सत्र में ही पारित हो जाए।
4) जीएसटी को लेकर वित्त मंत्री का कहना है कि यह भारत में सबसे बड़ा कर सुधार होगा। उन्होंने आशा जताई है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था दो प्रतिशत की वृद्धि के साथ एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी।
5) सरकार का मत है कि जीएसटी उद्योगों के कामकाज को आसान बना देगा। इसमें प्रतिस्पर्धा के साथ राज्यों में निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा। यह उपभोक्ताओं तक माल और सेवाओं के अधिक कुशल वितरण व कीमतों को कम करने के लिए दूरदृष्टिपूर्ण है।
6. दूसरी तरफ विशेषज्ञों का कहना है कि अनेक क्षेत्रों में रेवेन्यू खोने से चिंतित राज्यों में जीएसटी के प्रस्ताव में अनेक समझौते शामिल हैं। उदाहरण के लिए शराब पर कर लागू नहीं होता है और पेट्रोलियम भी राज्य के दायरे से बाहर रखा गया है। फिलहाल राज्य अपने स्तर पर तय दर से स्थानीय करों को लागू कर सकते हैं।
7. राज्यों को एक प्रतिशत अतिरिक्त अंतरराज्यीय लेवी वसूल करने की अनुमति दो साल के लिए दी गई है।
8. सरकार मंगलवार को राज्यसभा में जीएसटी बिल लेकर आई लेकिन कांग्रेस ने इस पर चर्चा करने से साफ इनकार कर दिया। कांग्रेस ने कहा कि
वह तब तक चर्चा नहीं करेगी जब तक सरकार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दागी क्रिकेट टाइकून ललित मोदी को मदद करने के मामले में दोषी नहीं मानती।
9. सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए छोटे दलों का सहारा लेने में जुटी है। सरकार ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता से समर्थन की मांग की है। चेन्नई में पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री ने एक लंच बैठक में अन्नाद्रमुक के 11 राज्यसभा सांसदों से चर्चा की। अन्नद्रमुक अब तक बिल का विरोध करती रही है ।
10. बिहार का जनता दल यूनाइटेड और ओडिसा का बीजू जनता दल जैसे क्षेत्रीय दल जीएसटी के प्रस्ताव पर उत्सुक हैं। बिहार, ओडिसा जैसे राज्य बड़े औद्योगिक उत्पादक नहीं हैं। उन्हें विश्वास है कि जीएसटी से उनको लाभ होगा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
कर सुधार, राज्य सभा, अरुण जेटली, वित्त मंत्री, प्रधानमंत्री, कांग्रेस, उद्योग, जीएसटी, Tax Reform, Rajya Sabha, Arun Jailtey, Finance Minister, Congress, GST