फाइल फोटो
रायपुर:
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में 10 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. बस्तर जिले के पुलिस अधिकारियों ने आज बताया कि जिला मुख्यालय में आज दरभा डिविजन के 10 माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एलंगनार गांव के दो जनमिलिशिया सदस्य, झीरम गांव के एक जनमिलिशिया सदस्य, एक जनताना सरकार सदस्य, कलेपाल गांव के एक जनमिलिशिया सदस्य, एक सीएनएम सदस्य, कुडुखोदरा गांव के तीन जनमिलिशिया सदस्य और मारडूम क्षेत्र के अंतर्गत धर्माबेडा गांव के एक जनमिलिशिया सदस्य ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. अधिकारियों ने बताया कि जिले में माओवादियों के विरुद्ध अभियान और कम्युनिटी पुलिसिंग जन जागरण अभियान 'आमचो बस्तर आमचो पुलिस' कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
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कार्यक्रम के दौरान किए जा रहे प्रचार और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर तथा माओवादियों की खोखली विचारधाराओं से त्रस्त होकर नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने बताया कि सभी नक्सली वर्ष 2014-15 से गांव में नक्सलियों के लिए भोजन की व्यवस्था करने, बैठक होने पर गांव वासियों को ले जाने, माओवादियों को क्षेत्र में रास्ता दिखाने तथा पुलिस के गांव में आने पर उसकी सूचना माओवादियों तक पहुंचाने का कार्य कर नक्सलियों का सहयोग कर रहे थे.
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस द्वारा लगातार चलाये जा रहे अभियान से जनता जुड़ती जा रही है, जिससे इन अंदरूनी क्षेत्रों में विकास का रास्ता भी खुल गया है. आत्मसमर्पित नक्सली संगठन के सदस्यों को तात्कालिक तौर पर शासन की ओर से कलेक्टर बस्तर द्वारा दस हजार रूपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया गया है. वहीं इन्हें पुनर्वास नीति के तहत अन्य लाभ भी प्रदान किया जाएगा.
इनपुट : भाषा
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कार्यक्रम के दौरान किए जा रहे प्रचार और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर तथा माओवादियों की खोखली विचारधाराओं से त्रस्त होकर नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने बताया कि सभी नक्सली वर्ष 2014-15 से गांव में नक्सलियों के लिए भोजन की व्यवस्था करने, बैठक होने पर गांव वासियों को ले जाने, माओवादियों को क्षेत्र में रास्ता दिखाने तथा पुलिस के गांव में आने पर उसकी सूचना माओवादियों तक पहुंचाने का कार्य कर नक्सलियों का सहयोग कर रहे थे.
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस द्वारा लगातार चलाये जा रहे अभियान से जनता जुड़ती जा रही है, जिससे इन अंदरूनी क्षेत्रों में विकास का रास्ता भी खुल गया है. आत्मसमर्पित नक्सली संगठन के सदस्यों को तात्कालिक तौर पर शासन की ओर से कलेक्टर बस्तर द्वारा दस हजार रूपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया गया है. वहीं इन्हें पुनर्वास नीति के तहत अन्य लाभ भी प्रदान किया जाएगा.
इनपुट : भाषा
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