
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दिलीप टिर्की ने कहा है कि भारत को यदि हॉकी में अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाना है तो उसे विश्वस्तरीय ड्रैग फ्लिकर को तैयार करना होगा. गौरतलब है कि हाल में हुए हॉकी वर्ल्डकप के पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम पांच में से तीन पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने में सफल नहीं रही थी. टिर्की का मानना है कि मजबूत टीमों को कड़ा मुकाबला देने के लिए भारतीय टीम को हासिल होने वाले पेनल्टी कॉर्नर में से ज्यादातर को गोल में बदलने पर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा, "हमें विश्व स्तरीय ड्रैग-फ्लिकर की जरूरत है. हमारे पास फिलहाल, हरमनप्रीत, अमित रोहिदास और वरुण हैं. उन पर ध्यान देने की आवश्यकता है. महत्वपूर्ण मैचों में हमें पेनल्टी कॉर्नर पर 60-70 प्रतिशत गोल दागने होंगे."
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उन्होंने कहा कि युवा खिलाड़ी नीदरलैंड के खिलाफ उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, इस कारण भारत ने वर्ल्डकप जीतने का एक स्वर्णिम अवसर गंवा दिया. टिर्की ने कहा, "मैं समझता हूं कि युवा खिलाड़ी अपने स्तर के मुताबिक नहीं खेल पाए. इसके अलावा, टीम का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा. कुछ टैकल बहुत बेहतरीन रहे, हमारी किस्मत खराब थी कि हम क्वार्टर फाइनल में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए. वैसे टिर्की ने समग्र रूप से टीम के प्रदर्शन को अच्छा बताया.
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उन्होंने कहा, "लंबे समय के बाद हम भारतीय हॉकी टीम में विकास देख रहे हैं. कई सारे युवा खिलाड़ियों के होने की वजह से हम फिट नजर आए.हमने ग्रुप स्तर में बेल्जियम से ड्रॉ खेला." टिर्की ने भारतीय हॉकी टीम के कोच हरेंद्र सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा, "हरेंद्र ने बेहतरीन काम किया है. हम ऑस्ट्रेलिया (चैम्पियंस ट्रॉफी) के खिलाफ शूटआउट में हारे और वर्ल्डकप में भी प्रदर्शन अच्छा रहा." उन्होंने कहा, "सभी विदेशी कोचों का भारतीय हॉकी में योगदान रहा है लेकिन अभी हरेंद्र सिंह भारतीय टीम के लिए सबसे बेहतरीन कोच हैं. हमें इस टीम पर काम करना होगा." (इनपुट: एजेंसी)