World AIDS DAY: एड्स एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे इंसान को अंदर से खोखला कर देती है. एड्स (AIDS) के कारणों और उसकी रोकथाम (Prevention) के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS DAY) मनाया जाता है. एचआइवी (HIV) यानि ह्यूमन इम्यूनो डिफिसिएंसी वायरस से संक्रमण के बाद की स्थिति एड्स है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार पूरी दुनिया में करीब साढ़े तीन करोड़ लोग एचआईवी पीड़ित हैं. लेकिन सवाल ये भी है कि क्या एचआईवी संक्रमित दंपति (HIV Positive Couple) से जन्मे बच्चे को संक्रमण (Infection) से बचाया जा सकता है? इस बारे में डॉ. सिद्धार्थ, मेडिकल ऑफिसर (ड्रग) दाद देव मदर एण्ड चाइल्ड हॉस्पिटल, दिल्ली ने बताया कि एचआई संक्रमित मां-बाप से जन्मे बच्चे में एचआईवी की रोकथाम (HIV Prevention In Child) की जा सकती है अगर बच्चे को जन्म देने से पहले मां के इलाज की अवधि 24 हफ्ते से ज्यादा हो.
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डॉक्टर ने कहा कि दंपति को जब भी प्रेग्नेंसी (Pregnancy) का पता लगे तो जल्द से जल्द एचआईवी के टेस्ट (HIV Test) करा के जरूरत के हिसाब से इलाज (Treatment) शुरू कराना चाहिए. इससे बच्चे को संक्रमण (Child Infection) से बचाया जा सकता है. यहां हम बता रहे हैं बच्चे में किन-किन तरीकों से संक्रमण की रोकथाम की जा सकती है...
डिलीवरी से पहले के 24 हफ्ते हैं जरूरी
HIV संक्रमित मां-बाप से जन्मे बच्चे में एचआईवी संक्रमण की रोकथाम करने के लिए मां को डिलीवरी से 24 हफ्ते पहले इलाज शुरू करा देना चाहिए. ताकि बच्चे को एचआईवी के संक्रमण से बचाया जा सके. डॉक्टर सिद्धार्थ का कहना है कि जब भी दंपति डिलीवरी का पता लगे तो तुरंत चेकअप के लिए जाना चाहिए और टेस्ट कराने चाहिए और जरूरत के मुताबित इलाज शुरू करा देना चाहिए. ताकि एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया जा सके.
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डिलीवरी के बाद बच्चे का ऐसे कराएं इलाज...
डिलीवरी के बाद बच्चे की 6 हफ्ते से लेकर 12 हफ्ते तक दवाई चलेंगी, और अलग-अलग समस पर बच्चे के टेस्ट होते हैं. जो 6 महीने में और 18 महीने में होते हैं. इन टेस्ट से यह पता लगा सकते हैं कि बच्चे में HIV संक्रमण है या नहीं.
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डिलीवरी के बाद मां का दूध न पिलाएं
डॉक्टर सिद्धार्थ का कहना है कि जिस बच्चे को संक्रमण से बचाना है उसे डिलीवरी के बाद एचआई संक्रमित मां का दूध न पिलाकर अन्य तरह का दूध पिलाया जाए तो एचआईवी होने की संभावना को 20 प्रतिशत तक घटाया जा सकता है. ऐसे में यह भी ध्यान रखना जरूरी की बच्चे की दवाई समय पर चले और टेस्ट को कराते रहने चाहिए. मां को 24 हफ्ते दवाई चले और बच्चे को को 6 से 12 हफ्ते दवाई चले तो बच्चे में संक्रमण होने के चांसेस 40 से 50 प्रतिशत तक घट जाएंगे. इससे एचआईवी संक्रमित दंपति को एक स्वस्थ बच्चा मिलना संभव है.
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टेस्ट कराना जरूरी
डॉक्टर का कहना है कि HIV संक्रमित दंपति को समय-समय पर टेस्ट कराने जरूरी होते हैं. रिपोर्ट अगर 2 बार पॉजिटिव आती है, तो ही दवाई शुरू की जाती है. आपको दवाइयों के साइडइफेट्स की चिंता किए बिना ही दवाइयां शुरू करनी चाहिए. क्योंकि साइडइफेक्ट्स का इलाज संभव है लेकिन अगर आप दवाई नहीं लेंगे तो संक्रमण से बच्चे को बचाना और मुश्किल हो जाएगा.
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बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए 4 चीजों का रखें ध्यान
1. बच्चे का सही समय पर इलाज शुरू कराना.
2. बच्चे को मां का दूध न पिलाएं.
3. समय-समय पर इलाज कराना जरूरी है.
4. बच्चे के समय पर टेस्ट कराने जरूरी हैं.
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