विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने घोषणा की है कि मामलों में फिर से बढ़ोतरी और वायरस के चल रहे भौगोलिक प्रसार के कारण Mpox को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल यानी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (PHEIC) के रूप में वर्गीकृत रखा जाएगा.
पहली बार अगस्त में शुरू में हाई-अलर्ट स्टेटस की घोषणा की गई थी. WHO आपातकालीन समिति की बैठक के बाद एक बार फिर इस स्टेटस को बरकरार रखा गया है. यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब Mpox के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, खासकर क्लेड Ib वैरिएंट के डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो में अपने मूल से आगे बढ़कर पड़ोसी अफ्रीकी देशों, यूरोप और एशिया में फैल चुका है.
WHO ने अपने बयान में कहा, "बढ़ते मामलों की संख्या, निरंतर भौगोलिक प्रसार और समन्वित प्रतिक्रिया की जरूरत ने इस इमरजेंसी स्टेटस को बनाए रखना महत्वपूर्ण बना दिया है."
कनाडा ने हाल ही में एमपॉक्स वेरिएंट के अपने पहले मामले की पुष्टि की, लेकिन कहा कि आम आबादी के लिए जोखिम कम है.
क्या है एमपॉक्स (What is Mpox)
एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था, संक्रमित जानवरों द्वारा मनुष्यों में फैलने वाले वायरस के कारण होता है, लेकिन यह निकट शारीरिक संपर्क के माध्यम से मनुष्य से मनुष्य में भी फैल सकता है. इससे बुखार, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर बड़े फोड़े जैसे घाव हो जाते हैं और यह जानलेवा हो सकता है.
यह वायरस आम तौर पर वयस्क मैकाक बंदरों से फैलता है. कुछ दूसरी प्रजाति के मंदर और सूअर भी इसके वाहक हो सकते हैं. यह इंसानों में नहीं पाया जाता, लेकिन एक बार अगर कोई इंसान संक्रमित हो जाता है, तो वह दूसरे इंसानों में इस वायरस को पहुंचा सकता है. यह तंत्रिका संबंधी रोग या मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में सूजन की शिकायतें कर सकता है.
क्या हैं एमपॉक्स के लक्षण?
एमपॉक्स के लक्षण आमतौर पर सात से चौदह दिनों के बीच दिखाई देने शुरू होते हैं. इसके आम लक्षणों में-
- बुखार,
- रैश,
- लिंफ नोड्स में सूजन,
- सिर में दर्द,
- मसल्स में दर्द,
- फटीग और बैक पेन होना शामिल है.
रेश्ज आमतौर पर चेहरे पर दिखाई देना शुरू होते हैं. उसके बाद धीरे धीरे शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलते हैं.
WHO के मुताबिक मंकी पॉक्स वायरस की वजह से गंभीर हेल्थ कॉम्प्लीकेशन्स भी हो सकते हैं. जिसमें निमोनिया, उल्टी आना, खाना निगलने में परेशानी, आंख के कॉर्निया में इंफेक्शन जैसी तकलीफें शामिल हैं. इन कॉम्प्लिकेशन के घातक परिणाम भी हो सकते हैं. पीड़ित को दिखाई देना बंद हो सकता है. ब्रेन, हार्ट या रेक्टम में सूजन आ सकती हैं. एचआईवीसी पीड़ित लोग इस बीमारी के हाई रिस्क पर हैं.
भारत में एमपॉक्स (Mpox in India)
सितंबर में, संयुक्त अरब अमीरात से यात्रा करने वाले 38 वर्षीय व्यक्ति को एमपॉक्स के क्लेड आईबी वेरिएंट का पहला मामला मिला. रोगी के लगभग 29 दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ-साथ उसकी उड़ान में सवार 37 यात्रियों की घर पर निगरानी की गई, लेकिन उनमें से किसी में भी एमपॉक्स के कोई लक्षण नहीं दिखे. तब से भारत में एमपॉक्स के कोई और मामले सामने नहीं आए हैं.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इस साल अब तक अफ्रीका के 19 देशों सहित 80 देशों में आईबी स्ट्रेन और अन्य एमपॉक्स वैरिएंट की सूचना मिली है.
क्या है मंकीपॉक्स? एमपॉक्स वायरस के लक्षण, कारण, बचाव के उपाय | Watch Video
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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