अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी कुंद्रा (Shilpa Shetty Kundra)और उनके व्यवसायी पति राज कुंद्रा (Raj Kundra) के घर एक नन्ही परी (Baby Girl) आई है. एक सूत्र ने कहा कि उनकी बेटी का जन्म सरोगेसी (Through Surrogacy) के माध्यम से हुआ है. उन्होंने अपनी बेटी का नाम समिशा शेट्टी कुंद्रा (Samisha Shetty Kundra) रखा है. उत्साहित शिल्पा शेट्टी ने बताया कि समिशा का जन्म 15 फरवरी को हुआ. उन्होंने अपनी नन्ही बेटी को 'जूनियर एसएसके' का टैग दिया.
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समिशा की तस्वीर साझा करते हुए शिल्पा ने लिखा, "समिशा शेट्टी कुंद्रा..जन्म- 15 फरवरी 2020..घर में जूनियर एसएसके का स्वागत है..संस्कृत में 'सा' का अर्थ 'पाना' होता है, और रूसी में 'मिशा' का अर्थ 'कोई भगवान जैसा' होता है..."
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शिल्पा ने आगे लिखा, "आप इस नाम को हमारी देवी लक्ष्मी का नाम दे सकते हैं, जिसने हमारे परिवार को पूरा कर दिया." शिल्पा और राज का एक बेटा भी है, जिसका नाम वियान राज कुंद्रा है. उसका जन्म मई 2012 में हुआ था.
एक नजर शिल्पा शेट्टी कुंद्रा की बेटी की तस्वीर पर
क्या होती है सरोगेसी (What is Surrogacy)
अभिनेता आमिर खान, एकता कपूर, तुषार कपूर, करण जौहर, सोहेल खान, सीमा खान, लीज़ा रे, शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान और भी बहुत सी हस्तियों ने सरोगेसी यानी किराए की कोख के जरिये संतान सुख लिया है. इससे अक्सर लोगों में यह जिज्ञासा पैदा होती है कि आखिर सरोगेसी क्या है और इससे बच्चे कैसे होते हैं. चलिए जाते हैं.
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सरोगेसी आमतौर पर उन जोड़ों के लिए होती है जो नि:संतान हैं. यह एक ऐसा चिकित्सा विकल्प है, जिसके जरिए संतान सुख पाया जा सकता है. आमतौर पर सरोगेसी तब कराई जाती है जब किसी महिला को गर्भधारण में किसी तरह की परेशानी हो रही हो, गर्भाशय संक्रमण हो या फिर किसी अन्य कारण से वह गर्भ धारण करने में सक्षम न हो.
कितनी तरह की होती है सरोगेसी (Types Of Surrogacy)
सरोगेसी दो तरह की होती है. पहली ट्रेडिशनल यानी पारंपरिक सरोगेसी और दूसरी जेस्टेशनल सरोगेसी.
ट्रेडिशनल यानी पारंपरिक सरोगेसी: ट्रेडिशनल सरोगेसी करने का तरीका बहुत ही सामान्य है. इसमें पुरुष के शुक्राणुओं को किसी अन्य महिला जो कि सेरोगेसी के लिए तैयार हों के अंडाणुओं के साथ निषेचित किया जाता है. इसे निषेचित करने के बाद उस दूसरी महिला के गर्भ में स्थापित कर दिया जाता है.
जेस्टेशनल सरोगेसी: सरोगेसी के इस तरीके में भी गर्भ किसी दूसरी महिला का ही होता है. लेकिन जैसा की पहले प्रकार में, यानी की ट्रेडिशनल सरोगेसी में होता है कि सिर्फ पुरुष के शुक्राणु का इस्तेमाल होता है. इस प्रकार में पुरुष और स्त्री या पति-पत्नी के अंडाणु व शुक्राणुओं का मेल परखनली विधि से करवा कर दूसरी महिला के की बच्चेदानी में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है.
क्या है दोनों में फर्क: ट्रेडिशनल सेरोगेसी में बच्चा जैनेटिक रूप से केवल पिता से संबंधित होता है. लेकिन जेस्टेशनल सरोगेसी में बच्चे का जैनेटिक संबंध माता-पिता दोनों से होता है.
सरोगेसी के कई कानूनी पहलू भी होते हैं. जिनके दायरे में रहकर ही इसे अंजाम दिया जा सकता है.(इनपुट- आईएएनएस)
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