भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मालमे लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसी बची एक दवा को लेकर चर्चा की जा रही है. यह ड्रग है हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (Hydroxychloroquine). अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि मिशिगन से डेमोक्रेटिक पार्टी की एक सांसद ने कोरोना वायरस से अपनी जान बचने का श्रेय मलेरिया के इलाज (Antimalarial Drug) में इस्तेमाल होने वाली दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' (Hydroxychloroquine) को दिया है. कोविड-19 के उपचार (Covid-19 Treatment) में ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' के इस्तेमाल के दुष्प्रभावों पर गहन बहस के बीच, ट्रम्प लगातार इस दवा को कोविड-19 के इलाज के एक विकल्प के रूप में बढ़ावा दे रहे हैं, जबकि इस घातक वायरस के लिए अभी तक कोई सार्थक उपचार सामने नहीं आया है. यह वायरस अब तक 12,800 से अधिक अमेरिकियों की जान ले चुका (United States Coronavirus update) है. अमेरिका में मंगलवार को केवल एक ही दिन में 2,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई.
इसका जिक्र आम जनता के बीच शुरु हुआ था अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान के बाद. जिसमें उन्होंने दावा कर दिया था कि कोरोनावायरस के इलाज में मलेरिया की दवा (Antimalarial Medication) कारगर है. हालांकि उनके इस दावे के तुरंत बाद एक्सपर्ट्स ने इसे उनके सामने ही खारिज कर दिया था. बहरहाल, इस दवा को कोरोनावायरस में सीमित रूप से उपयोगी कहा जा रहा है. जब ऐसी खबरें आईं थी कि कोविड-19 (Covid-19) मरीजों का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके बाद से ही आम जनता के बीच इस दवा को लेकर जिज्ञासा उत्पन्न हुई है. तो चलिए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ-
क्या है हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (What is Hydroxychloroquine?)
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' मलेरिया के इलाज (Hydroxychloroquine to treat Malaria) में प्रयुक्त होने वाली पुरानी और सस्ती दवा है. हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा को एंटी मलेरिया ड्रग के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.इस दवा का इस्तेमाल मलेरिया के अलावा आर्थराइटिस के इलाज में भी किया जाता है.
हाल ही में आईसीएमआर यानी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने कोरोना वायरस के इलाज में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया था. अमेरिका समेत कई दूसरे देशों में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा का इस्तेमाल कोरोना के मरीजों के इलाज के साथ ही साथ उनकी देखभाल कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए भी किया गया है. इस दवा के कोरोनावायरस पर बेहतर नतीजों के बाद से ही इस दवा की मांग वैश्विक स्तर पर बढ़ी है.
क्या कोरोनावायरस से बचाती है हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (Is Hydroxychloroquine The Treatment For Coronavirus)
नहीं, जैसा कि अभी तक ज्ञात है कोरोना वायरस के लिए कोई दवा नहीं बनी है. लेकिन खबरों के अनुसार हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन कोरोनावायरस के कई मामलों में मददगार साबित हो सकती है. वहीं, इसके बाद से आम जनता में यह बात फैल गई कि हर किसी को क्लोरोक्वीन या हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्वीन जैसी एंटीमलेरियल यानी मलेरिया-रोधी दवाएं ले लेनी चाहिए, इससे वह कोरोना वायरस की चपेट में नहीं आएंगे. यह बात कितनी सच है इसके लिए हमने बात की बीएलके अस्पताल, दिल्ली में निदेशक और एचओडी (चेस्ट एंड रेस्पिरेटरी डिजीज) डॉ. संदीप नैयर से. उन्होंने कहा ''नहीं, आम लोगों को HCQS प्रोफिलैक्सिस लेने से बचना चाहिए. यह सिर्फ COVID रोगियों से निपटने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए है. उन्हें HCQS प्रोफिलैक्सिस लेने की सिफारिश की जाती है.'' डॉ. संदीप नैयर ने कहा कि 'इसे डॉक्टरी देखरेख में न लेने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.'
क्या होते हैं हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के साइड इफेक्ट ( Hydroxychloroquine Side Effect)
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन को लेकर फैल रही अफवाहों के बीच यह जान लेना भी जरूरी है कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के साइड इफेक्ट क्या हो सकते हैं. भले ही खबरें हैं कि यह दवा कोरोनावायरस में कुछ हद तक कारगर है. इसका मलतब यह बिलकुल नहीं कि इसे कोई भी ले सकता है. इसके कई घातक साइट इफेक्ट होते हैं. इस दवा के इस्तेमाल से चक्कर आना, भूख कम होना, डायरिया, उल्टी, मितली, सिरदर्द, त्वचा पर चतकों, पेट में दर्द, वजन कम हो जाना और बाल झड़ने जैसे रिएक्शन देखे जा सकते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय भी इस दवा के इस्तेमाल पर चेतावनी जारी कर चुका है. मंत्रालय के अनुसार यह दवा बच्चों के लिए बिलकुल नहीं है. यह दवा दिल और किड़नी पर बुरा प्रभाव छोड़ सकती है.
भारत है सबसे बड़ा निर्यातक
भारत दुनिया में मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन का सबसे बड़ा निर्यातक बताया जाता है. भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव भी कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध या पुष्ट मामलों में देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के इलाज के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के इस्तेमाल की सिफारिश कर चुके हैं. आईसीएमआर द्वारा कोविड-19 पर गठित राष्ट्रीय कार्यबल द्वारा की गई इलाज की सिफारिशों को भारतीय दवा महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए मंजूरी दी थी.
भारत ने कर दिया था बैन
वहीं, कोरोनावायरस के इलाज में मददगार साबित होने के बाद से इस दवा पर भारत ने घरेलू बाजार में दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था. इस प्रतिबंध को 7 अप्रैल के दिन हटा लिया गया.(इनपुट- भाषा)
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