Continuous Glucose Monitoring क्या है और कब की जाती है? क्या हैं इसके फायदे, यहां पढ़ें

What Is CGM In Diabetes: आपकी त्वचा के ठीक नीचे एक सेंसर 24 घंटे आपके ग्लूकोज लेवल को मापता है और ट्रांसमीटर वियरेबल डिवाइस या सेल फोन पर रिजल्ट भेजता है. सीजीएम का उपयोग करना सीखने में समय लगता है.

Continuous Glucose Monitoring क्या है और कब की जाती है? क्या हैं इसके फायदे, यहां पढ़ें

Continuous Glucose Monitoring के बारे में वह सब कुछ बताया गया है जो आपको जानना चाहिए.

Continuous Glucose Monitoring: आज के दौर में डायबिटीज की बीमारी काफी आम हो गई है. इस बीमारी में मरीजों को बॉडी में मौजूद ग्लूकोज के लेवल की मॉनिटरिंग करनी पड़ती है. कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) डिवाइस टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज (Type-2 Diabetes) के मैनेजमेंट में आपकी सहायता करते हैं. आपकी त्वचा के ठीक नीचे एक सेंसर 24 घंटे आपके ग्लूकोज के स्तर को मापता है और ट्रांसमीटर वियरेबल डिवाइस या सेल फोन पर रिजल्ट भेजता है. सीजीएम का उपयोग करना सीखने में समय लगता है.

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कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग कब है जरूरी?

कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग उन लोगों के लिए सबसे अधिक फायदेमंद है जिन्हें बार-बार अपने ग्लूकोज के स्तर की जांच करने की आवश्यकता होती है. इस उपकरण का इस्तेमाल वयस्क कर सकते हैं. आमतौर पर टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों को सीजीएम इस्तेमाल की सलाह दी जाती है. डॉक्टर इसके इस्तेमाल की सलाह तब भी देते हैं जब बिना किसी स्पष्ट कारण के ब्लड शुगर के लेवल में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव हो रहा हो. ब्लड शुगर का लेवल जब बहुत कम होता है तो उसे हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है. जब ये बहुत अधिक होता है तो उसे हाइपरग्लेसेमिया कहा जाता है. जिन लोगों में हाइपोग्लाइसीमिया या हाइपरग्लेसेमिया के चांस हो उन्हें भी डॉक्टर कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग की सलाह देते है.

कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग के फायदे:

  • ग्लूकोज के स्तर को हर समय ट्रैक किया जा सकता है.
  • ग्लूकोज का लेवल जब अचानक बढ़ता या गिरता है, तो अलर्ट मिलता है.
  • फिंगरस्टिक टेस्ट करने की आवश्यकता को CGM कम करता है.
  • डाइट और एक्सरसाइज का क्या असर हो रहा है इसे ट्रैक कर सकते हैं.

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पहले केवल डॉक्टर देख पाते थे CGM की रीडिंग:

मॉडल के आधार पर सेंसर को हर 3 से 7 दिनों में बदलना पड़ता है. जब भी सेंसर बदला जाता है, ट्रांसमीटर को नए सेंसर से जोड़ना पड़ता है. कुछ उपकरणों को दिन में दो बार ग्लूकोज मीटर पर रक्त शर्करा की जांच करके कैलिब्रेट करने की आवश्यकता होती है. पहले के समय में केवल डॉक्टर ही CGM सिस्टम की एकत्रित रीडिंग को देख सकते थे, लेकिन अब कोई भी इन उपकरणों का इस्तेमाल कर सकता है. अपने कंप्यूटर, टैबलेट या स्मार्टफोन पर इसका डेटा डाउनलोड कर सकते हैं.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.