Uranium in Delhi Water: दिल्ली में सबसे चिंताजनक खबरों में एक बड़ा मुद्दा उभरकर सामने आया, पीने के पानी में यूरेनियम की बढ़ती मात्रा. पानी जिसे हम जीवन का आधार मानते हैं, वही अगर धीरे-धीरे जहर बन जाए तो खतरे की गंभीरता समझना मुश्किल नहीं है. रिपोर्ट्स ने चेतावनी दी कि कुछ इलाकों में पानी में यूरेनियम का लेवल सुरक्षित सीमा से ऊपर पाया गया है. यह समस्या अचानक पैदा नहीं हुई, बल्कि लंबे समय से भूजल के बहुत ज्यादा दोहन, औद्योगिक गतिविधियों और प्राकृतिक कारणों का नतीजा है. सबसे बड़ी चिंता यह है कि यूरेनियम का असर तुरंत नहीं, बल्कि धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है, खासकर यह किडनी को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है.
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यूरेनियम क्या है और पानी में कैसे पहुंचता है? | What Is Uranium and How Does it Get Into Water?
यूरेनियम एक प्राकृतिक धातु है जो जमीन और चट्टानों में मौजूद रहती है. जब भूजल का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, तो यह तत्व पानी में घुल सकता है. दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बोरवेल और ट्यूबवेल पर निर्भरता बढ़ने से यह खतरा और गंभीर हो गया. कई जगहों पर पानी साफ दिखता है, स्वाद में भी सामान्य लगता है, लेकिन उसमें मौजूद यूरेनियम चुपचाप शरीर में प्रवेश करता रहता है.
किडनी पर क्यों पड़ता है सबसे ज्यादा असर?
जब यूरेनियम वाला पानी पिया जाता है, तो यह खून के जरिए किडनी तक पहुंचता है. किडनी का काम खून को फिल्टर करना होता है, इसलिए जहरीले तत्व वहीं जमा होने लगते हैं. लंबे समय तक ऐसा पानी पीने से किडनी की कार्यक्षमता कम हो सकती है, पेशाब से जुड़ी समस्याएं, थकान और गंभीर मामलों में किडनी फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
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किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है?
- बुजुर्ग: उम्र के साथ किडनी पहले से कमजोर हो जाती है, ऐसे में यूरेनियम का असर तेजी से होता है.
- बच्चे: बच्चों का शरीर विकासशील होता है, इसलिए जहरीले तत्व उन्हें ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं.
- पहले से किडनी मरीज: जिन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या किडनी की समस्या है, उनके लिए जोखिम कई गुना बढ़ जाता है.
- गर्भवती महिलाएं: दूषित पानी का असर मां के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ सकता है.
- बोरवेल का पानी पीने वाले लोग: खासकर वे इलाके जहां पानी की नियमित जांच नहीं होती.
बचाव के आसान उपाय:
- केवल प्रमाणित और जांचा हुआ पीने का पानी इस्तेमाल करें.
- बोरवेल के पानी की समय-समय पर लैब जांच कराएं.
- आरओ या अन्य वॉटर प्यूरीफायर का सही तरीके से उपयोग करें.
- गर्वमेंट वाटर सप्लाई से जुड़ी चेतावनियों को गंभीरता से लें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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