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This Article is From Jan 09, 2018

यहां मर्दों से ज़्यादा धूम्रपान करती हैं महिलाएं, गुटखा खाने में भी नंबर-1

तंबाकू की लत ऐसी है कि 20 फीसदी लोग सुबह आंख खोलते ही पांच मिनट में सेवन करते हैं. वह तंबाकू उत्पादों को सेवन करने के बाद ही फ्रेश होने जाते हैं.

यहां मर्दों से ज़्यादा धूम्रपान करती हैं महिलाएं, गुटखा खाने में भी नंबर-1
भारत के इस राज्य की महिलाएं पीतीं सबसे ज्यादा धूम्रपान
नई दिल्ली: तंबाकू की लत ऐसी है कि 20 फीसदी लोग सुबह आंख खोलते ही पांच मिनट में सेवन करते हैं. वह तंबाकू उत्पादों को सेवन करने के बाद ही फ्रेश होने जाते हैं. ज़्यादातर लोगों के बीच यह भ्रम रहता है कि शहर कि लड़कियां या महिलाएं धूम्रपान और शराब की लत में सबसे आगे रहती हैं. लेकिन आपको बता दें इस रिसर्च में कुछ और ही सामने आया है, जो आपको चौंका सकता है.

इस रिसर्च के मुताबिक उत्तर प्रदेश की महिलाएं सबसे ज़्यादा धूम्रपान करती हैं. ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे में 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर हुए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि उप्र की हर छठी महिला धूम्रपान कर रही है. 

लखनऊ के होटल क्लार्क में पिछले दिनों ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (गेट्स) 2016-17 की फैक्ट शीट प्रस्तुत की गई थी. इस रिपोर्ट में जो आंकड़े दिए गए थे, वह बेहद ही चौंकाने वाले थे. इस रिपोर्ट ने यह सोचने को मजबूर कर दिया है कि बदलती जीवनशैली में धूम्रपान की लत को महिलाएं कैसे छोड़ें.

मुंबई से आईं कंसल्टेंट सुलभा परशुरामन ने इस रिपोर्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

उन्होंने बताया, "गेट्स-2 सर्वे की रिपोर्ट में 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया गया था. केंद्रीय परिवार कल्याण विभाग, डब्लूएचओ व टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज मुंबई द्वारा मल्टी स्टेज सैंपल डिजाइन तैयार किया गया. इसमें देशभर से कुल 74,037 लोगों को व यूपी से 1,685 पुरुष व 1,779 महिलाओं को शामिल किया गया था."

परशुरामन की मानें, तो इस रिपोर्ट में यह पाया गया कि वर्ष 2009-10 में हुए सर्वे से धूम्रपान करने वालों की संख्या उप्र में बढ़ी है. इसमें तंबाकू जनित उत्पादों का प्रयोग करने वाले पुरुषों का औसत 52.1 फीसद रहा. वहीं, महिलाओं का औसत 17.7 फीसदी रहा. 

रिपोर्ट के मुताबिक, हर छठी महिला तंबाकू का किसी न किसी स्वरूप में सेवन कर रही है. कई महिलाएं जहां मजदूरी करने वाली गुटखा, खैनी, बीड़ी का सेवन कर रही हैं, वहीं कई शौकिया सिगरेट पीने व गुटखा खाना शुरू करने के बाद इसकी लत की शिकार हो गई हैं.
 
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परशुरामन ने बताया, "वर्ष 2009-10 में वयस्कों में जहां तंबाकू उत्पाद सेवन का औसत 33.9 था, वहीं 2016-17 में बढ़कर 35.5 फीसद हो गया. हालांकि इसमें धुआं वाले उत्पादों का औसत 14.9 फीसदी से घटकर 13.5 फीसद रह गया, वहीं गुटखा, खैनी, पान-मसला का सेवन करने वाले वयस्क 25.3 फीसदी से बढ़कर 29.4 फीसद हो गए."

धूमपान उत्पादों के प्रचार-प्रसार में भी काफी वृद्धि हुई है. इसमें वर्ष 2009-10 में जहां उत्पादों के प्रचार का औसत 10.3 रहा, वहीं अब बढ़कर 16.3 हो गया.

तंबाकू उत्पादों के सेवन करने वालों में यूपी 12वें नंबर पर है. कुल औसत की बात करें तो त्रिपुरा में 64.5 फीसदी लोग तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं. वहीं मिजोरम में 58.7 व यूपी 12वें नंबर पर हैं, यहां कुल 35.5 फीसदी लोग तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं.

इस बारे में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने तंबाकू सेवन के आंकड़े पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, "इस पर अंकुश लगाने के लिए फिर से प्लान बनाना होगा. शिक्षा व नगर निगम विभाग को भी शामिल करना होगा. वहीं, स्कूल के आस-पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधों पर कड़ाई से लागू करना होगा."

Input - आईएएनएस
 

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