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बच्चे की पसली चलने पर क्या करें? बच्चे की पसली चलने पर हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां, इन 4 तरीकों से मिलेगी राहत

Bache Ki Pasli Chale To Kya Kare: बच्चों की पसली चलना एक गंभीर लक्षण है. जिसमें उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है और वह हांफना शुरू कर देते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कि बच्चे की पसली चलने पर क्या करना चाहिए. आइए जानते हैं.

बच्चे की पसली चलने पर क्या करें? बच्चे की पसली चलने पर हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां, इन 4 तरीकों से मिलेगी राहत
बच्चे की पसली चलने पर क्या करें? | Bache Ki Pasli Chale To Kya Kare

Bache Ki Pasli Chale To Kya Kare | Pasli Chalna Kya Hota Hai | Pasli Chalne Ke Lakshan : कड़ाके की सर्दियां शुरू हो चुकी हैं. ऐसे में मौसम में बदलाव के कारण बच्चों की इम्यूनिटी काफी कमजोर हो जाती है, जिसके चलते उन्हें पसली चलने (rib Retractions) जैसी समस्या होने लगती है. आपको बता दें, बच्चे की पसली चलना एक गंभीर लक्षण है. जिसमें सांस लेते समय छाती अंदर धंसने लगती है, बच्चा हांफना शुरू कर देता है. यही नहीं उसे बुखार, खांसी भी हो जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कि बच्चे की पसली चलने पर क्या करना चाहिए. आइए जानते हैं.

  • बच्चे की पसली चलना (Rib Flaring या Chest Indrawing) का मतलब है सांस लेते समय बच्चे की पसलियों का अंदर की ओर धंसना या बाहर की तरफ फैलना.
  • बच्चे की पसली चलने पर सबसे पहले सांस लेने में तकलीफ होती है.
  • बच्चे की पसली चलने का मुख्य लक्षण यह भी है कि बच्चे अपनी चैन की नींद नहीं ले पाते हैं.
  • बच्चों को पसली का चलना अक्सर निमोनिया, दमा (asthma), ब्रोंकियोलाइटिस, एलर्जी, वायरल इंफेक्शन के संकेत हो सकते हैं

क्या है बच्चे की पसली चलना | Pasli Chalna Kya Hota Hai

द‍िल्‍ली के दादा देव शि‍शु अस्‍पताल में बच्‍चों के डॉक्‍टर सिद्धार्थ ने बताया कि बच्चे की पसली चलना (Rib Flaring या Chest Indrawing) का मतलब है सांस लेते समय बच्चे की पसलियों का अंदर की ओर धंसना या बाहर की तरफ फैलना. बता दें, ऐसा होने पर बच्चा सही से सांस नहीं ले पाता है और हांफने लगता है. यही नहीं उसे तेज बुखार भी हो सकता है. बता दें, बच्चों की पसली चलना निमोनिया, ब्रोंकोलाइटिस जैसे फेफड़ों के इन्फेक्शन का संकेत होता है.

बच्चों की पसली चलने के लक्षण क्या है? | Pasli Chalne Ke Lakshan

  • बच्चे की पसली चलने पर सबसे पहले सांस लेने में तकलीफ होती है. ऐसे में जब बच्चा सांस लेने की कोशिश करता है,तो उस समय छाती की मांसपेशियां और पसलियां अंदर की ओर खिंचती हैं, जिससे बच्चे का पेट या छाती धंस जाती है.
  • बच्चे की पसली चलने पर बच्चा हांफने लगता है और उसके नथुने फूलने लगते हैं. यही नहीं जब बच्चा सांस लेता है, तो सीटी जैसी आवाज सुनाई देती है. वहीं बच्चा अपना दूध भी सही से नहीं पी पाता है और बीच- बीच में कई बार रुकता है.
  • बच्चे की पसली चलने का मुख्य लक्षण यह भी है कि बच्चे अपनी चैन की नींद नहीं ले पाते हैं, उन्हें सोने में काफी तकलीफ होती है और वह सोते- सोते बार- बार उठ जाते हैं.

बच्चे की पसली चलने पर क्या करें? | Bache Ki Pasli Chale To Kya Kare

सबसे पहले आपको बता दें, बच्चों को पसली का चलना अक्सर निमोनिया, दमा (asthma), ब्रोंकियोलाइटिस, एलर्जी, वायरल इंफेक्शन के संकेत हो सकते हैं, ऐसे में बच्चे की स्थिति अगर काफी ज्यादा बिगड़ जाएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है.

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बच्चे की पसली चलने पर अपनाएं ये घरेलू उपाय 

  1. भाप दें: बच्चे की पसली चलने पर उन्हें भाप जरूर दें. ऐसे में जितना भी बलगम जमा है, वह धीरे- धीरे निकल जाएगा और बच्चे को सांस लेने में आसानी होगी. 
  2. बच्चे को सीधा सुलाएं : बच्चे की पसली चलने पर बच्चे को पेट या छाती के बल लेटकर न सुलाएं, उन्हें सीधा सुलाएं. बता दें, सीधा लेटने से फेफड़ों पर दबाव नहीं पड़ेगा और बच्चा आसानी से सांस ले सकेगा.
  3. हल्का गर्म पानी पिलाएं : सांस ठीक से न ले पाने और खांसी ज्यादा होने के कारण बच्चे का गला सूख जाता है. ऐसे में समय पर समय उन्हें पानी पिलाते रहें. हालांकि पानी ठंडा नहीं, बल्कि हल्का गर्म ही दें. इससे बच्चे को काफी राहत मिलेगी.
  4. गुनगुने गर्म तेल से करें मालिश : बच्चे की पसली चलने पर गुनगुने गर्म तेल से मालिश करने की सलाह दी जाती है. बता दें, ऐसा करने पर बच्चे का काफी हद तक सर्दी-खांसी या सांस की तकलीफ में, आराम दे सकता है.

याद रखें तेल गुनगुने गर्म होना चाहिए. वहीं मालिश के लिए जैतून, नारियल या बादाम का तेल अच्छा माना गया है. सर्दियों में आप लहसुन-अजवाइन तेल में मिलाकर मालिश कर सकते हैं.

(यह लेख द‍िल्‍ली के दादा देव शि‍शु अस्‍पताल में बच्‍चों के डॉक्‍टर सिद्धार्थ से बातचीत पर आधार‍ित है.)

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