Homemade Drinks For Manage PCOS Naturally: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं में होने वाला एक विकार है जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है. पीसीओएस के प्रमुख लक्षणों में महिलाओं में पीरियड्स का अनियमित होना, मोटापा बढ़ना, त्वचा की समस्या के साथ बांझपन शामिल है. पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मूड डिसऑर्डर जैसी स्थितियों के विकसित होने का भी अधिक खतरा होता है. पीसीओएस के प्रबंधन में आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. पीसीओएस वाली महिलाओं को लीन प्रोटीन, हेल्दी फैट और फाइबर का सेवन बढ़ाने से फायदा हो सकता है. चिकन, मछली और फलियां जैसे लीन प्रोटीन स्रोत इंसुलिन के स्तर को प्रबंधित करने और तृप्ति को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, जबकि एवोकाडो, नट्स और जैतून के तेल जैसे स्वस्थ वसा सूजन को कम कर सकते हैं और हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे सब्जियां, फल और साबुत अनाज भी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और पाचन स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं.
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न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने अपने लेटेस्ट पोस्ट में उन ड्रिंक्स की जानकारी दी है जिन्हें घर पर तैयार करके पीसीओएस का आसानी से प्रबंधन यानी मैनेज किया जा सकता है.
पीसीओडी के लिए इन सात ड्रिंक्स को घर में करें तैयार (Here are the seven drinks for PCOD that you can prepare at home)
मोरिंगा वाटर
लवनीत बत्रा के अनुसार, मोरिंगा ओलीफेरा एण्ड्रोजन को कम करने में मदद करता है जिससे पीसीओएस में फॉलिकुलोजेनेसिस की वृद्धि होती है. लवनीत कहती है कि पीसीओडी को मैनेज करना है तो मोरिंगा पाउडर लेना शुरू कर दें. इसके लिए सुबह उठने के बाद या सोने से पहले एक गिलास पानी के साथ 1 चम्मच मोरिंगा पाउडर लें.
शतावरी वाटर
शतावरी को महिलाओं के लिए प्रजनन टॉनिक माना जाता है. शतावरी के पानी में 50 से अधिक कार्बनिक यौगिक होते हैं जिनमें स्टेरायडल सैपोनिन, ग्लाइकोसाइड, अल्कलॉइड, पॉलीसेकेराइड और आइसोफ्लेवोन्स शामिल हैं, जो प्रजनन स्वास्थ्य मापदंडों के सुधार में मदद करता है. बत्रा कहती हैं कि सोने से पहले प्रति दिन एक चम्मच शतावरी पाउडर को पानी के साथ लें या फिर रोज एक कैप्सूल लें.
हिबिस्कस की चाय
हिबिस्कस चाय को एनाल्जेसिक गुणों के लिए जाना जाता है जो मूत्राशय और गर्भाशय की मांसपेशियों को आराम देता है जिससे ऐंठन कम हो जाती है. इसे बनाने के लिए एक पैन में पानी उबालें, सूखे हिबिस्कस की पंखुड़ियां डालें और 5 मिनट या उससे अधिक के लिए भिगो दें. अब इसे छानें और इसे पी लें.
पुदीना वाली चाय
पेपरमिंट चाय में एंटी-एंड्रोजेनिक गुण होते हैं और यह पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन के स्तर और हिर्सुटिज्म को काफी कम कर देता है. इसे बनाने के लिए, सबसे पहले पानी उबाले और उसमें ताज़े पुदीने के पत्ते डालें. पुदीना वाली चाय तैयार है, अब इसे छान लें और गरमा गरम पिएं.
एलोवेरा का जूस
न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा के अनुसार एलोवेरा हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करता है.
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मेथी वाला पानी
मेथी दाने का पानी ओवरीज को स्वस्थ रखने में मदद करता है और मासिक धर्म को नियमित करता है. इसके अतिरिक्त, यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में भी मदद करता है. पोषण विशेषज्ञ लगभग 1 चम्मच मेथी के बीज को 1 गिलास पानी में रात भर भिगोकर रखने, फिर उसे सुबह छान कर पीने की सलाह देती हैं.
अश्वगंधा टॉनिक
लवनीत बत्रा ने कहा कि अश्वगंधा टॉनिक को भारतीय जिनसेंग के रूप में जाना जाता है. यह तनाव और पीसीओएस लक्षणों में सुधार के लिए कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद करता है. सोने से पहले आधा चम्मच नारियल तेल और गर्म पानी के साथ आधा चम्मच अश्वगंधा लें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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