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This Article is From Oct 11, 2021

Liver Health: नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लीवर रोग से हैं परेशान, तो एक्सपर्ट के बताए इन पोषक तत्वों का करें सेवन

Fatty Liver Disease: न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा बताती हैं कि नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर को कुछ डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ मैनेज किया जा सकता है. यहां उन्होंने कुछ टिप्स शेयर किए हैं.

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Fatty Liver: भारी वेट होने से नॉन-अल्कोहॉलिक रोग का खतरा बढ़ जाता है

Non-alcoholic Fatty Liver Disease: लीवर मानव शरीर में सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी अंगों में से एक है. शरीर के समुचित कार्य को करने के लिए इसके स्वास्थ्य को बनाए रखना महत्वपूर्ण है. कई लोगों का मानना है कि लीवर को हेल्दी रखने के लिए शराब से परहेज ही एकमात्र उपाय है. जहां शराब लीवर की बीमारियों का कारण बनती है, वहीं अन्य कारण भी हैं जो फैटी लीवर का कारण बन सकते हैं. नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लीवर रोग (NAFLD) एक छत्र शब्द है जिसका उपयोग पुरानी फैटी लीवर स्थितियों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो शराब के सेवन के कारण नहीं होती हैं और एक बड़ी आबादी को प्रभावित करती हैं. ये स्थितियां अक्सर अतिरिक्त कैलोरी के कारण होती हैं. पोषण विशेषज्ञ पूजा मखीजा के अनुसार, नियमित व्यायाम, हेल्दी वेट और उचित पोषण बनाए रखने से नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लीवर बीमारी को ठीक करने में मदद मिल सकती है.

नॉन-अल्कोहॉलिक फैली लीवर रोग को मैनेज करने के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजें-

1. अंगूर

नॉन-अल्कोहॉलिक फैली लीवर रोग अक्सर पुरानी सूजन के लक्षण दिखाते हैं जो लीवर फाइब्रोसिस का कारण बनते हैं. अंगूर में नारिंगिन और नारिंगिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो इस सूजन से लड़ सकते हैं.

q5q7u9f8Liver Health: अंगूर विटामिन सी और ए से भरा हुआ है

2. मिल्क थीस्ल

मिल्क थीस्ल में सिलीमारिन एक फ्लेवोनोइड, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-स्कारिंग और इम्यून सिस्टम-बूस्टिंग कंपाउंड है. यह लीवर की कोशिकाओं की रक्षा करता है और पुनर्जनन में मदद करता है. पोषण विशेषज्ञ के अनुसार, विटामिन ई के साथ मिलाकर प्रति दिन 420 से 600 मिलीग्राम सिलीमारिन का सेवन सर्वोत्तम परिणाम देता है.

3. एन-एसिटाइल सिस्टीन (एनएसी)

यह एक एमिनो एसिड है जो लीवर में ग्लूटाथियोन की सामग्री को भर देता है. ग्लूटाथियोन दवाओं और विषाक्त पदार्थों को बेअसर करने में मदद करता है. मखीजा एक दिन में 600 से 1,800 एनएसी की खुराक लेने की सलाह देते हैं, लेकिन फैटी लीवर की बीमारी के लिए यह सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेना चाहिए.

यहां पोस्ट है. ये वे पोषक तत्व हैं जिन्हें आपको अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए, लेकिन आपको किन फूड्स और ड्रिंक्स से बचना चाहिए? लीवर के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शराब से बचना जरूरी है. रिफाइंड शुगर, फास्ट फूड, अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड्स और प्रिनफ्लेमेटरी ट्रांस फैट से दूर रहना भी अच्छा है.

क्या एक साधारण रेसिपी में ज्यादातर पोषक तत्वों को शामिल करना संभव है? यह न केवल संभव है बल्कि अत्यधिक लाभकारी भी है. मखीजा एक नींबू अदरक ग्रीन डिटॉक्स जूस का सुझाव देती हैं. नींबू विटामिन सी देता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है. अदरक में भी एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक होते हैं. अजवाइन और अजमोद जैसे साग में एपिजेनिन और ल्यूटोलिन होते हैं, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो लीवर के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं. आप डिटॉक्स ड्रिंक में खीरा भी मिला सकते हैं. सामग्री को चिकना होने तक ब्लेंड करें और छान लें और हेल्दी ड्रिंक का आनंद लें.

(पूजा मखीजा एक पोषण विशेषज्ञ, आहार विशेषज्ञ और लेखक हैं)

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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