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This Article is From Aug 30, 2018

Heart attack or heartburn? कहीं जिसे आप गैस सोच रहे हैं वह हार्ट अटैक तो नहीं...

ये दर्द या असहजता डॉक्टर के अनुसार हार्ट अटैक से अलग हो सकते हैं. फिर भी किसी भी तरह की मेडिकल समस्या महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें. 

Heart attack or heartburn? कहीं जिसे आप गैस सोच रहे हैं वह हार्ट अटैक तो नहीं...

''पर मुझे लगा कि मुझे अपच हुआ है. बस इस बार पसीने ने थोड़ा असहज किया था.'' जो शर्मा जी को नहीं पता चल रहा था वह यह कि उन्हें हार्ट अटैक आया है. शुक्र है कि उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सका और ईसीजी के दौरान इस बात का पता चला कि उन्हें एसटी-इलेवेशन माईकॉर्डिअल इंफार्क्शन (नसों का पूरी तरह ब्लॉक हो जाना) है. मैंने उनकी एंजिओग्राफी की. उन्हें दो स्टेंटस लगाने पड़े. यह मरीजों में एक आम दिक्कत है कि उन्हें हार्ट अटैक आता है और वे इसे पहचान भी नहीं पाते. उन्हें लगा कि कई बार हेवी खाना लेने के बाद होने वाली गैस की समस्याओं में से एक यह भी है. वह दवा के बजाए घरेलू नुस्खे अपना रही थीं.


हार्ट अटैक के दर्द को समझने के लिए इन बातों पर ध्यान दें- 

  • अचानक से सीधे या उल्टे या दोनों ही हाथों या कंधों में दर्द महसूस होना. 
  • बाई ओर छाती में दर्द जो जबड़े और कमर तक जाता हो. 
  • लगातार बढ़ता हुआ दर्द.
  • पसीने के साथ दर्द.
  • दर्द के साथ जी घबराना और उल्टी. 
  • दबाव और दर्द महसूस होना.
  • अपच के साथ पसीना. 

ये दर्द हो सकते हैं हार्ट अटैक से अलग   

  • सांस के साथ दर्द का तेज होना.
  • कुछ देर के लिए उठा तेज दर्द.
  • छूने पर बढ़ जाने वाला दर्द. 
  • पोजिशन बदलने के साथ ही दर्द का कम ज्यादा होना.

ये दर्द या असहजता डॉक्टर के अनुसार हार्ट अटैक से अलग हो सकते हैं. फिर भी किसी भी तरह की मेडिकल समस्या महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें. 

शर्मा जी इस बात से भी भ्रमित हो गए थे क्योंकि उन्हें करीब एक हफ्ते से अपच थी, जो 15 से 20 मिनट में ठीक हो जाती थी. लेकिन इस बार उन्हें कुछ ज्यादा असहज महसूस हुआ. उन्हें शरीर ने चेतावनी दी, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया. इस बात को दो साल हो गए हैं और दवाओं के साथ वह अच्छी सेहत का लुत्फ उठा रही हैं. यहां तक कि उन्होंने दौड़ना भी शुरू कर दिया है और बीते सप्ताह ही 5 किलोमीटर की रेस में प्रथम स्थान पर आईं.

ये दर्द या असहजता डॉक्टर के अनुसार हार्ट अटैक से अलग हो सकते हैं. फिर भी किसी भी तरह की मेडिकल समस्या महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें. 

शर्मा जी इस बात से भी भ्रमित हो गए थे, क्योंकि उन्हें करीब एक हफ्ते से अपच थी, जो 15 से 20 मिनट में ठीक हो जाती थी. लेकिन इस बार उन्हें कुछ ज्यादा असहज महसूस हुआ. उन्हें शरीर ने चेतावनी दी, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया. इस बात को दो साल हो गए हैं और दवाओं के साथ वह अच्छी सेहत का लुत्फ उठा रही हैं. यहां तक कि उन्होंने दौड़ना भी शुरू कर दिया है और बीते सप्ताह ही 5 किलोमीटर की रेस में प्रथम स्थान पर आईं. 

(डॉक्टर समीर गुप्ता FACC, FSCAI नोएडा एंड उमकाल होस्पिटल, गुरुग्राम में इंटरवेश्नल कार्डिलॉजिस्ट हैं.) 


डिस्क्लेमर: इस लेख को केवल सलाह के तौर पर दिया गया है. यह किसी भी दवा का विकल्प नहीं हो सकता. अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें.

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