Hunchback: किस उम्र में ज्यादा होता है कूबड़ निकलने का डर, जानिए कौन से लक्षण दिखते ही डॉक्टर से करना चाहिए संपर्क

Hunchback Problem: कूबड़ निकलने की समस्या कभी भी, किसी को भी हो सकती है. एक उम्र के बाद ये समस्या आम हो जाती है. इससे कैसे बचें और कब डॉक्टर को दिखाना है जरूरी ये जान लीजिए.

Hunchback: किस उम्र में ज्यादा होता है कूबड़ निकलने का डर, जानिए कौन से लक्षण दिखते ही डॉक्टर से करना चाहिए संपर्क

Hunchback: कुछ लोगों को ये परेशानी जन्म के साथ ही हो सकती है.

What Is Hunchback: आपने कुछ लोगों को देखा होगा झुक कर चलते हुए और उनकी पीठ वाले हिस्से में कुछ बड़े आकार का उभार भी नोटिस किया होगा. पीठ पर दिखने वाली यही असामान्य ग्रोथ और गोलाकार उभार कूबड़ के नाम से जाना जाता है. वैसे तो कूबड़ बच्चों को भी हो सकता है या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, लेकिन बुजुर्ग महिलाओं में कूबड़ होना ज्यादा आम है. इसकी एक वजह रीढ़ की हड्डी में उम्र के साथ आ रही कमजोरी होती है. बच्चों की हड्डियों में किसी प्रकार की असामान्यता होने पर या हड्डियां एक दूसरे में धंसने पर भी कूबड़ हो सकता है.

कूबड़ निकलने के लक्षण, कारण और बचाव | Hunchback Symptoms, Reasons And Prevention

कूबड़ के लक्षण (Hunchback Symptoms)

वैसे तो कूबड़ निकलने का कोई लक्षण नहीं होता, लेकिन ज्यादा देर बैठे रहने वाले जॉब में रहते हुए रीढ़ की हड्डी में कोई बदलाव दिखे या हड्डी टेढ़ी होना महसूस हो तो वो कूबड़ बन सकता है. बच्चों में भी हड्डी में कुछ असमान्य दिखे तो डॉक्टर से जल्द सलाह लेनी चाहिए.

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कूबड़ के कारण (Causes Of Hunchback)

  • कूबड़ होने के बहुत से अलग अलग कारण हैं, जिसमें एक कारण फ्रैक्चर हो सकता है. कशेरुका में फ्रैक्चर होने से या दबने से रीढ़ की हड्डी झुकने लगती है.
  • जिनकी हड्डियां ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से कमजोर होने लगती हैं उनमें कूबड़ का खतरा बढ़ जाता है. ज्यादा उम्र की महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या भी होने का डर रहता है.
  • कुछ लोगों को ये परेशानी जन्म के साथ ही हो सकती है.
  • डिस्क जनरेशन होने पर किशोरावस्था में लड़कों और बुजुर्गों को कूबड़ हो सकता है.
  • जिन्हें कैंसर होता है उनके भी वर्टिब्रल कॉलम कमजोर होने लगते हैं और कूबड़ का खतरा बढ़ जाता है.

कूबड़ से बचाव (Prevention Of Hunchback)

किसी को पैदाइशी ही कूबड़ की तकलीफ हो तो उसे ठीक करना आसान नहीं होता, लेकिन बाद में होने वाले कूबड़ से बचाव किया जा सकता है. कुछ कूबड़ पॉश्चर की वजह से होते हैं. ऐसे कूबड़ से बचने के लिए उठते-बैठते समय अपने पॉश्चर पर ध्यान देना चाहिए.

ऑस्टियोपोरोसिस से होने वाले कूबड़ से भी बचा जा सकता है. इसके लिए उम्र बढ़ने के साथ ही अपने हड्डियों की मजबूती पर ध्यान देना जरूरी है.

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कूबड़ का इलाज (Treatment of Hunchback)

  • कूबड़ की जानकारी के लिए डॉक्टर एमआरआई, एक्स रे या सिटी स्कैन कर सकते हैं. इसके बाद पेन किलर दवाओं से कूबड़ का दर्द रोकने और ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज दिया जाता है.
  • इसके अलावा कुछ एक्सरसाइज और थेरेपी के जरिए भी कूबड़ ठीक करने का प्रयास होता है. इसके अलावा डॉक्टर जीवनशैली में बदलाव की भी सलाह देते हैं.


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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)