Real Vs Fake Medicine: अक्सर हम दवाइयां खरीदते हुए उसकी क्वालिटी और अन्य पहलुओं को जानने की दिलचस्पी नहीं रखते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा करना बहुत खतरनाक हो सकता है, क्योंकि मार्केट में कई तरह के नए-नए ब्रांड की नकली दवाएं बेची जा रही हैं. आज की डिजिटल दुनिया में हर क्षेत्र में तकनीक का प्रभाव बढ़ रहा है. हेल्थ और मेडिसिन के क्षेत्र में भी तकनीकी प्रगति ने कई बड़े बदलाव किए हैं, लेकिन क्या आप उन तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं? क्या आप दवाइयां खरीदते समय पत्ते पर छपे क्यूआर कोड (QR Code) को स्कैन करते हैं? क्यूआर कोड स्कैन करना क्यों जरूरी है?
चर्चित टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट राजीव मखनी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लोगों को दवाइयों के पीछे दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करने की सलाह दी है. उनके अनुसार, यह कोड दवाइयों की प्रामाणिकता और क्वालिटी सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है.
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क्यूआर कोड क्या है?
क्यूआर कोड (Quick Response Code) एक प्रकार का बारकोड है, जिसे आपके स्मार्टफोन का कैमरा स्कैन कर सकता है. इसमें दवाइयों से संबंधित जरूरी जानकारी जैसे:
- कंपनी का नाम
- दवा का बैच नंबर
- मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट
- दवा के कॉम्पोनेंट्स
- प्रमाणिकता की जानकारी होती है.
दवाइयों के क्यूआर कोड स्कैन करने के फायदे | Benefits of Scanning QR Codes of Medicines
1. नकली दवाइयों से बचाव
आजकल बाजार में नकली दवाइयों का चलन बढ़ता जा रहा है. क्यूआर कोड स्कैन करके आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि दवा असली है या नकली. यह आपको दवा बनाने वाली कंपनी की प्रमाणिकता को सत्यापित करने में मदद करता है. नकली दवाइयां लेने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
2. सही जानकारी तक पहुंच
कई बार मरीज दवाइयों के पैकेट पर लिखी छोटी-छोटी जानकारी को पढ़ नहीं पाते. क्यूआर कोड स्कैन करने से आपको दवा से संबंधित सभी जानकारी जैसे खुराक (Dosage), उपयोग की विधि (Usage Instructions) और संभावित साइड इफेक्ट्स आसानी से मिल जाते हैं.
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3. बैच नंबर और एक्सपायरी डेट की जांच
क्यूआर कोड स्कैन करने से आपको यह पता चलता है कि दवा का बैच नंबर और उसकी एक्सपायरी डेट सही है या नहीं. यह जानकारी आपको खराब या पुरानी दवाइयों से बचाती है.
4. दवा का सही उपयोग
क्यूआर कोड स्कैन करने पर दवा के सही उपयोग की जानकारी दी जाती है. यह खासतौर से तब उपयोगी होता है जब डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह स्पष्ट न हो या आप दवा लेने के तरीके को भूल गए हों.
5. हेल्थ रिकॉर्ड ट्रैकिंग में मदद
कुछ क्यूआर कोड डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड से लिंक होते हैं. इससे आप अपनी मेडिकल हिस्ट्री को ट्रैक कर सकते हैं और डॉक्टर को सही जानकारी दे सकते हैं.
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राजीव मखनी की सलाह
राजीव मखनी ने अपने वीडियो में लोगों से दवाइयां खरीदते समय उनके पीछे दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि यह एक आसान तरीका है जिससे लोग अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं. उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, "कोई भी दवा खरीदने से पहले QR कोड स्कैन करें. इसे अपने सभी दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें ताकि उन्हें इस बारे में पता चले. जब भी आप दवा खरीदें, तो उसके पीछे छपे QR कोड को स्कैन करना न भूलें."
उन्होंने आगे लिखा, "2023 के बाद बनने वाली सभी दवाओं में QR कोड होना चाहिए. इस QR कोड को स्कैन करके, आप दवा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें इसकी प्रामाणिकता, निर्माता का नाम, मैन्युफैक्चरिंग डेड, एक्सपायरी डेट, बैच नंबर और बहुत कुछ शामिल है. 300 से ज्यादा सबसे ज्यादा बिकने वाली दवाओं में पहले से ही QR कोड हैं. हर साल नकली या डुप्लिकेट दवाओं के कारण लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं और यह पहल उन्हें बचाने में मदद कर सकती है."
यहां देखें उनकी पोस्ट:
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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