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This Article is From Sep 26, 2019

सर्जरी के दौरान ब्लैडर में रुई छूट जाने से किडनी हो गईं थी खराब, बच्ची को मिला 18 लाख का मुआवजा

Kidney Failure:अस्पताल की लापरवाही की वजह से 2004 में जिस तीन साल की बच्ची की किडनी खराब हो गयी थी, उसे उपभोक्ता अदालत ने 18 लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने का आदेश दिया.

सर्जरी के दौरान ब्लैडर में रुई छूट जाने से किडनी हो गईं थी खराब, बच्ची को मिला 18 लाख का मुआवजा

Kidneys Pain: अस्पताल की लापरवाही की वजह से 2004 में जिस तीन साल की बच्ची की किडनी खराब हो गयी थी, उसे उपभोक्ता अदालत ने 18 लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने का आदेश दिया. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने महाराष्ट्र के आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल को निर्देश दिया कि वह मुआवजे के साथ समीक्षा नामक बच्ची को उसके उपचार पर खर्च किये गए डेढ़ लाख रुपये भी अदा करेगा. अस्पताल में सर्जरी में खामियों की वजह से हुए संक्रमण के कारण बच्ची को किडनी निकलवानी पड़ी थी. एनसीडीआरसी के अध्यक्ष आर के अग्रवाल और सदस्य एम श्रीशा ने कहा, ‘‘बच्ची अपने बचपन का आनंद नहीं उठा सकी और केवल एक किडनी की वजह से सारी शारीरिक गतिविधियों रुक हो गईं.''

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समीक्षा और उसके पिता की शिकायत के अनुसार उसकी वेसिको यूरेटरी रिफ्लक्स की समस्या के लिए तीन अप्रैल, 2004 को सर्जरी की गयी थी. उसकी सर्जरी सफल नहीं रही और 17 अप्रैल को ऑपरेशन फिर से किया गया. शिकायत में आरोप है कि समीक्षा बाद में भी ब्लैडर की समस्या से जूझती रही और 10 मई को उसे बहुत गंभीर हालत में एक दूसरे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी सर्जरी की गयी. इलाज करने वाले डॉक्टर ने बच्ची के माता-पिता को बताया कि उसके ब्लैडर में रुई का एक टुकड़ा मिला जो पहले अस्पताल में सर्जरी के बाद छूट गया था. इसकी वजह से उसकी हालत और बिगड़ गई. शिकायत के अनुसार शुरूआती ऑपरेशनों में हुए संक्रमण की वजह से समीक्षा की बायीं किडनी पूरी तरह खराब हो गयी थी. जिला उपभोक्ता फोरम ने छह लाख रुपये मुआवजे का निर्देश दिया था जिसे अस्पताल और बच्ची के परिवार दोनों ने राज्य उपभोक्ता फोरम में चुनौती दी। राज्य उपभोक्ता अदालत ने दोनों पक्षों की अर्जी को खारिज कर दिया. इसके बाद पीड़िता और उसके पिता ने एनसीडीआरसी का रुख किया और उन्हें मुआवजा बढ़ाकर 18 लाख रुपये की राशि दिये जाने का निर्देश दिया.

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