
- 1 जून को पूरी दुनिया पेरेंट्स डे के रूप में मनाती है.
- 2012 से पेरेंट्स के सम्मान के लिए ये दिन आधिकारिक रूप से चुन लिया था.
- यहां कुछ पेरेंटिंग टिप्स हैं जिन्हें आपको फॉलो करना चाहिए.
Global Day Of Parents 2021: वैसे तो माता-पिता के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने के लिए पूरी जिंदगी भी काफी नहीं है, लेकिन फिर भी उनके आभार मानने के लिए एक दिन नियत किया है, जिसे दुनिया भर में ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स या पेरेंट्स डे के रूप में पहचाना जाता है. 1 जून को पूरी दुनिया पेरेंट्स डे के रूप में मनाती है. वैसे इसकी शुरुआत साल 1994 में यूनाइटेड नेशंस की जनरल असेम्बली में हुई थी, लेकिन 2012 से यूएन महासभा ने पूरे विश्व में पेरेंट्स के सम्मान के लिए ये दिन आधिकारिक रूप से चुन लिया है.
कोरोना के संक्रमण काल में इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है. इन जानलेवा संक्रमण ने हमें एक बार फिर याद दिलाया है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर मां-बाप से ज्यादा फिक्रमंद कोई नहीं होता. कोरोना लॉकडाउन के इस महौल में तो पेरेंट्स और पेरेंटिंग की अहमियत और भी बढ़ गई है. खासतौर पर छोटे और किशोरों में लॉकडाउन की इस स्थिति को लेकर चिड़चिड़ापन काफी ज्यादा देखा जा रहा है. ज्यादातर बच्चों के माता-पिता लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम में व्यस्त हैं, यानि वे घर पर रहने के बावजूद बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं.
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मैदानी खेलों से दूर हो चुके बच्चे ऐसे में ज्यादातर वक्त टीवी, इंटरनेट और वीडियो गेम्स के साथ बिताने लगे हैं. ज्यादा स्क्रीन टाइम बच्चों के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन मोबाइल और टीवी को लेकर टोका-टाकी भी बच्चों को चिड़चिड़ा बना रही है. ऐसे में कुछ उपाय अपनाकर लॉकडाउन इस समय को बेहतर बनाया जा सकता है.
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1. खेलकूद
ये सही है कि मैदान में जाकर दूसरे बच्चों के साथ खेलना इस समय संभव नहीं है. ऐसे में पेरेंट्स ही अपने बच्चों के दोस्त बन जाएं. मैदान में न सही अगर संभव हो तो घर की छत या आंगन में ही बैडमिंटन, क्रिकेट जैसे खेल बच्चों के साथ खेलें. खेलकूद से बच्चों को शारीरिक श्रम होगा जिससे उन्हें खुलकर भूख लगेगी और नींद भी अच्छी आएगी.
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2. क्रिएटिविटी
बच्चों में छुपी क्रिएटिविटी को बाहर लाने का ये सबसे अच्छा समय है. बच्चों में गीत, संगीत, क्राफ्ट, कुकिंग टेक्नॉलजी, कंप्यूटर्स, पेंटिंग, ड्राइंग, कविता, कहानी जैसे किस क्षेत्र में रुचि है, इसे पहचानने की कोशिश करें और बच्चे को मोटिवेट करें.
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3. घर के काम में मदद
बच्चों को घर के छोटे-मोटे कामों में नियमित रूप से शामिल करें. किचन में हाथ बंटाना, हल्की-फुल्की डस्टिंग करना, कपड़े सुखाने में मदद करना, अपना बिस्तर ठीक करना जैसे कई कामों को बच्चों को खुद ही करने दे. इससे उनमें जिम्मेदारी की भावना आएगी.
4. हेल्दी डाइट
बच्चों को हेल्दी डाइट का महत्व समझाएं, मौसम के मुताबिक उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में भी बताएं. उन्हें सब्जियों, दालों व विभिन्न अनाजों के नाम से भी परिचित कराएं.
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5. होमवर्क व पढ़ाई
भले ही स्कूल बंद हो, लेकिन बच्चों के लिए नियमित पढ़ाई बहुत जरूरी है. उन पर पढ़ाई का बोझ कतई न डालें, लेकिन पढ़ाई की आदत बनी रहने के लिए उन्हें रोजाना कोई असाइनमेंट जरूर दें.
6. किताबों से दोस्ती
अच्छी किताबें हमारे सबसे अच्छी दोस्त होती है. अच्छी पुस्तकें पढ़ने की आदत खुद भी डालें और बच्चों को भी सिखाएं. मोबाइल टीवी से दूरी बनाने में भी किताबें अहम रोल अदा कर सकती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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