गुड न्यूज: 'मेड इन इंडिया' पहला सर्जिकल रोबोट "SSI मंत्रा" राजीव गांधी कैंसर इन्स्टीट्यूट में इन्स्टॉल, सस्ती हो सकेगी सर्जरी

मौजूदा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम की तुलना में यह आधुनिक सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम बेहतरीन फीचर्स और ऐप्लीकेशन्स से लैस है और विदेशी रोबोट की तुलना में बहुत सस्ता है.

गुड न्यूज: 'मेड इन इंडिया' पहला सर्जिकल रोबोट

सर्जिकल रोबोट "SSI मंत्रा" का डिज़ाइन विश्व विख्यात रोबोटिक कार्डियक सर्जन डॉ. सुधीर पी श्रीवास्तव ने किया है.

नई दिल्ली:

राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एण्ड रिसर्च सेंटर (RGCIR), नई दिल्ली में ‘भारत में निर्मित'अपनी तरह के पहले सर्जिकल रोबोट "SSI मंत्रा" इन्स्टॉल किया गया है. यह स्वदेशी तकनीक से इंडियन मेड-टेक स्टार्ट-अप एसएस इनोवेशन्स द्वारा विकसित किया गया सर्जिकल रोबोट सिस्टम है. इससे देश में सर्जिकल प्रक्रियाओं के एक नए दौर की शुरूआत होगी.  सर्जिकल रोबोट "SSI मंत्रा" का डिज़ाइन विश्व विख्यात रोबोटिक कार्डियक सर्जन डॉ. सुधीर पी श्रीवास्तव ने किया है. उन्होंने दावा किया कि इस रोबोट की वजह से देशभर में लोगों के लिए रोबोटिक सर्जरी सुलभ एवं किफ़ायती हो जाएगी.

डॉ. सुधीर पी श्रीवास्तव ने कहा कि इससे पहले दो पायलट परियोजनाओं के तहत डॉ. सुधीर रावल और RGCIR की टीम ने SSI मंत्रा की मदद से सफलतापूर्वक 26 सर्जरी की हैं. इस दौरान इन रोबोट्स की सुरक्षा, व्यवहारिकता और प्रभाविता की पुष्टि हुई है. अब ये रोबोट सर्जरी के आधुनिक तरीके को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए तैयार हैं. अब आम जनता बेहद किफ़ायती दरों पर इस आधुनिक सर्जरी का लाभ उठा सकेगी.

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अच्छे रहे हैं पायलट प्रोजेक्ट के परिणाम:
इस मौके पर राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एण्ड रिसर्च सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर, डॉ. सुधीर रावल ने कहा, "मैंने कई मरीज़ों पर एसएसआई मंत्रा सिस्टम का उपयोग किया है और इसके परिणाम अच्छे रहे हैं." उन्होंने कहा कि कैंसर से जुड़े कई जटिल ऑपरेशन्स में भी इसका इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में देश और दुनिया भर के मरीज़ इस गुणवत्तापूर्ण एवं किफ़ायती तकनीक से लाभान्वित हो सकेंगे. 

कैसे आया आइडिया?
डॉ. सुधीर पी श्रीवास्तव, संस्थापक एवं चेयरमैन एवं सीईओ, एसएस इनोवेशन्स, जिन्हें ‘रोबो डॉक्टर' के नाम से जाना जाता है, ने कहा, "रोबोटिक सर्जरी के फायदों और देश में सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम की कम उपलब्धता को देखते हुए ही मैंने नए सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम पर काम करने का फैसला लिया जो अपने आधुनिक फीचर्स के साथ कॉर्डियक सर्जरी सहित विभिन्न प्रकार की सर्जरी को बेहतर और लागत प्रभावी बना सकें. एसएसआई में हम देश के प्रतिभाशाली इंजीनियरों और अनुभव विश्वस्तरीय वैज्ञानिकों की मदद से ऐसा करने  में सफल हुए हैं."

इस मौके पर डॉ. सोमशेखर एसपी (चेयरमैन और एचओडी सर्जिकल ओंकोलोजी, मणिपाल कॉम्प्रीहेन्सिव कैंसर केयर सेंटर), डॉ. अरूण प्रसाद (बैरिएट्रिक एवं रोबोटिक सर्जरी, अपोलो हॉस्पिटल्स) भी मौजूद थे, जिन्होंने मीडिया के साथ बातचीत की. डॉ. प्रसाद ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी की वजह से जहां जटिल से जटिल सर्जरी भी न केवल सरल हो सकेगी बल्कि यह मरीजों के लिए भी लाभकारी होगा. मरीज कम समय में ही कवर कर सकेंगे. उन्हें ब्लड लॉस से कम गुजरना होगा. इसके अलावा मरीजों के खर्चे में भी कमी आएगी.

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एसएस इनोवेशन्स दक्षिण एशिया की पहली कंपनी है, जिसने एसएसआई मंत्रा को लॉन्च कर देश का नाम इस तकनीक में रौशन किया है. मौजूदा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम की तुलना में यह आधुनिक सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम बेहतरीन फीचर्स और ऐप्लीकेशन्स से लैस है और विदेशी रोबोट की तुलना में बहुत सस्ता है. डॉ. सोमशेखर एसपी ने कहा कि यह मशीन हमारे देश में और दुनिया भर में सर्जरी के तरीके में क्रान्तिकारी बदलाव लाएगी. यह रोबोटिक सर्जरी को किफ़ायती बनाकर आम लोगों को अधिक सटीक एवं आधुनिक सर्जरी के फायदे उपलब्ध कराएगी.

यह आधुनिक एसएसआई मंत्रा, दुनिया भर के अग्रणी सर्जिकल सिस्टम्स की तुलना में मॉड्युलर, प्रत्यास्थ और बहुमुखी मशीन है. एक चीज इसे और भी खास बनाती है. इसे सिर्फ पांच सालों के अंदर तैयार किया गया है, इस काम को और भी जल्दी किया जा सकता था, अगर महामारी के चलते देरी नहीं होती!

क्या है SSI मंत्रा? खासियत क्या?

एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम, आधुनिक तकनीकी फीचर्स से लैस एक मॉड्युलर मल्टी-आर्म सिस्टम है. इसमें 3-5 रोबोटिक आर्म्स का उपयोग किया जाता है, साथ ही इसमें ओपन-फेस अर्गोनोमिक सर्जन कमांड सेंटर, 32 इंच का बड़ा 3डी एचडी मॉनिटर, 23 इंच का 2 डी टच पैनल होता है, जिस पर मरीज़ से जुड़ी सभी जानकारी डिस्प्ले होती है. साथ ही एक वर्चुअल रियल टाईम इमेज और होलोग्राफिक डाईकोम इमेज के सुपर इम्पोज़िशन की क्षमता भी होती है. विज़न कार्ट टीम को 3 डी एचडी व्यू देता है, जिससे सर्जन सर्जरी के दौरान बेहतर सुरक्षा और दक्षता को सुनिश्चित कर सकता है.

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मॉड्युलर रोबोटिक आर्म के द्वारा आवश्यकतानुसार आर्म्स का उपयोग किया जा सकता है. इससे सर्जिकल ऑपरेशन्स में किसी तरह के टकराव की संभावना नहीं रहती. इसमें 30 विभिन्न प्रकार के रोबोटिक एंडो सर्जिकल उपकरण होते हैं, जिनका उपयोग कार्डियक सर्जरी सहित विभिन्न प्रकार की सर्जरी में किया जा सकता है. इसके बेहतरीन डिज़ाइन एवं अनुकूल फीचर्स के चलते लर्निंग कर्व छोटा होता है.