डायबिटीज का सबसे आम प्रकार टाइप -2 होता है, जो एक बड़ी आबादी को प्रभावित कर रहा है. टाइप -2 डायबिटीज शरीर में इंसुलिन के इस्तेमाल को सीधे तौर पर प्रभावित करता है. टाइप -2 डायबिटीज वाले लोगों को इंसुलिन प्रतिरोधी कहा जाता है. अगर टाइप -2 डायबिटीज पर ध्यान न दिया जाए तो आगे चलकर ये गंभीर परेशानी बन सकती है. टाइप -2 डायबिटीज के ज्यादातर लक्षणों पर किसी का ध्यान नहीं जाता है, यही वजह है कि बीमारी बढ़ने पर इसका इलाज मुश्किल हो जाता है. क्योंकि अगले स्टेज में ब्लग सुगर लेवल को कंट्रोल करना कठिन हो जाता है. टाइप -2 डायबिटीज़ किसी भी व्यक्ति की दिन-प्रतिदिन की लाइफ को तो प्रभावित करती ही है, साथ ही इसके लिए डायबिटीज के अनुरूप फूड्स का चयन भी जरूरी हो जाता है.
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मुंह सूखना, ज्यादा भूख लगना, ज्यादा प्यास लगना, हेडेक होना, अनचाहा वजन कम होना, बार-बार टॉयलेट आना, बार-बार संक्रमण होना, मसूड़ों का खराब स्वास्थ्य भी डायबिटीज टाइप 2 के कुछ सामान्य लक्षण हैं.
डायबिटीज के आंखों में लक्षण
डायबिटीज होने की वजह से शरीर की सभी छोटी रक्त कोशिकाओं को नुकसान होता है. आमतौर पर इसका सीधा पहला असर आंखों में देखा जा सकता है. डायबिटीज की वजह से कई बड़ी परेशानियां भी पैदा हो सकती हैं. इनमें से एक डायबिटीज रेटिनोपैथी है. ये वो स्थिति है जिससे रोगी की आंखें प्रभावित होने लगती हैं. जब ये स्थिति अपने अगली स्टेज में पहुंचती है तो इससे अंधापन तक हो सकता है. ब्लड शुगर लेवल सही न होने की स्थिति में डायबिटीज रेटिनोपैथी का खतरा हो सकता है. हाई ब्लड शुगर लेवल आंख की रेटिना पर असर डालता है. धुंधला विजन होना टाइप -2 डायबिटीज के लक्षणों में से एक है, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जाता है.
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अगर आप धुंधले विजन की परेशानी का सामना कर रहे हैं तो ये टाइप 2 डायबिटीज का लक्षण हो सकता है. आपकी आंखों के नीचे काले धब्बे भी इसका लक्षण होता है. अगर इनमें से आपको कोई भी लक्षण दिखाई देता है तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए.
डायबिटीज रेटिनोपैथी से बचाव
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ सलाहकार डॉ शिबाल भारतीय के अनुसार, डायबिटीज रेटिनोपैथी को बढ़ने से रोकने के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना होता है. इसके साथ ही ब्लड प्रेशर और सीरम कोलेस्ट्रॉल को सामान्य स्तर पर बनाए रखना होता है. इसके अलावा डायबिटीज को पूरी तरह से कंट्रोल करने के लिए कई दिशा-निर्देश हैं. ये दिशानिर्देश डायबिटीज रेटिनोपैथी को रोकने और कंट्रोल करने के लिए नहीं हैं. हालांकि कई रिसर्च से ये पता चलता है कि खाने में फाइबर, तैलीय मछली, और कम कैलोरी लेने से डायबिटीज रेटिनोपैथी के खतरे को कम किया जा सकता है. इसके साथ ही विटामिन डी और एंटीऑक्सिडेंट भी डायबिटीज रेटिनोपैथी से बचाने के लिए जाने जाते हैं ”
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कंप्लीट विजन लॉस से बचने के लिए, आप कुछ बातों का पालन कर सकते हैं. डायबिटीज के बेहतर कंट्रोल से आप भविष्य में होने वाली परेशानियों से बचाव कर सकते हैं. कंप्लीट विजन लॉस से बचने के लिए ये सावधानी बरतें.
- अपने ब्लड प्रेशर के साथ-साथ ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करें.
- अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो तुरंग इसे छोड़ दे.
- डायबिटीज रोगी को अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही बनाए रखना चाहिए.
- विजन में होने वाली दिक्कतों का ध्यान रखें और इस को नोट करें.
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