
Adani Yoga Instructor Smita Kumari: कभी-कभी इंसान की मेहनत और जिद उसे उस मुकाम तक ले जाती है, जहां पहुंचना सिर्फ सपना लगता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है अदाणी योगा इंस्ट्रक्टर स्मिता कुमारी (Smita Kumari) ने. उन्होंने न सिर्फ एक बार, बल्कि दो-दो बार अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Records (GWR)में दर्ज कराया है, वो भी योग की दुनिया के सबसे कठिन आसनों को करते हुए. साल 2022 में स्मिता ने पहली बार रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने समाकोनासन को 3 घंटे, 10 मिनट और 12 सेकंड तक होल्ड कर दुनिया को चौंका दिया. यह आसन करने वाले जानते हैं कि इसे कुछ मिनटों से ज़्यादा देर तक करना कितना मुश्किल होता है.
स्मिता का यह सफर कैसे शुरू हुआ, इस चमकते रिकॉर्ड को छू पाने के पीछे कितने सालों की मेहनत रही और किस शिद्दत से स्मिता ने इसे हांसिल करने के प्रयास किए यही सब समझने के लिए एनडीटीवी ने उनसे खास बातचीत की और जाना कि उनका सफर कैसे शुरू हुआ और वे कैसे स्मिता इस मुकाम पर पहुंची.
स्मिता ने दो बार बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड | Adani Group Yoga Instructor Smita Kumari Sets Another Guinness World Record
लेकिन स्मिता का मन एक रिकॉर्ड से नहीं भरा. अदाणी में एक सोच है "हम करके देखते हैं..." और स्मिता ने इसे सच कर दिखाया. 17 फरवरी 2025 को उन्होंने (भू-नमन) उपविष्ट कोणासन में 2 घंटे, 33 मिनट और 37 सेकंड तक टिके रहकर फिर से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. इस जीत के पीछे 6 महीने की कठिन तैयारी, आत्मविश्वास और कभी न रुकने वाला जुनून था.
क्यों है मुश्किल
स्मिता का कहना है जब उन्होंने साल 2022 में सेंटर स्प्लिट नाम के योगासन में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था तो उस योगासन में उनके दोनों पैर एंगेज थे 180 डिग्री पर. लेकिन उपविष्ट कोणासन में इंसान की अपर बॉडी, दोनों हाथ, दोनों पैर, शोल्डर और आपकी ठोड़ी एंगेज होती है. इस योगासन को लंबे समय तक होल्ड कर पाना बहुत चैलेंजिंग और बहुत पेनफुल है. इस योगासन में जैसे-जैसे बॉडी फॉरवर्ड बेंड करती है तो एक टाइम के बाद व्यक्ति का सेम पॉश्चर में रहना बेहद मुश्किल हो जाता है.
इसके साइड इफेक्ट
इस योगासन को करने के बाद इंसान को मस्कुलर पेन, खिंचाव या फिर लोवर बैक पेन जैसी समस्या हो सकती है. लेकिन स्मिता कुमारी ने इस योगासन के लिए काभी प्रैक्टिस की जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई.
कितने समय की प्रैक्टिस
उपविष्ट कोणासन या भू-नमन आसन के लिए स्मिता कुमारी ने पूरे 6 महीने का लंबा अभ्यास किया जिसका नतीजा आज हम सभी के सामने है. इस दौरान उन्होंने स्ट्रिक्ट डाइट भी फॉलो की.
अदाणी योगा इंस्ट्रक्टर Smita Kumari ने किया कमाल, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दो बार दर्ज कराया नाम

2022 में स्मिता ने पहली बार रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने समाकोनासन को 3 घंटे, 10 मिनट और 12 सेकंड तक होल्ड कर दुनिया को चौंका दिया.
कैसे की तैयारी, क्या था रुटीन?
स्मिता ने एक हेल्दी डाइट सेट की, जिसमें उन्होंने शुगर को पूरी तरह अवॉयड किया, न चॉकलेट, न बाहर का खाना. मीठे के नाम पर कभी-कभी खजूर और गुड़ खाया, जिसे लास्ट में बंद कर दिया.
ऐसी थी डाइट
प्रैक्टिस के लिए जाने से 1 घंटा पहले खाली पेट घी का पानी पीती थीं. जो शरीर में लुब्रिकेशन बनाए रखने और बॉडी को फ्लेक्सिबल बनाने में मदद करता है. इस दौरान फैट के रूप में स्मिता ने सिर्फ घी वॉटर ही लिया जिससे उनके शरीर को फ्लेसिब्लिटी मिली. 7:30 से 8:30 के बीच में नाश्ता करती थी जिसमें सत्तु या फ्रूट्स का सेवन किया जाता था.
शरीर को प्रोटीन देने के लिए दोपहर में उबले काबुली चने का सेवन करती थी और कभी-कभी इन चनों को सॉफ्ट करने के लिए वे उन्हें सब्जी के साथ भुन कर लेती थीं. इस हेल्दी डाइट में वेट पूरी तरह मैंटेन रहा.
बात करें डिनर की तो रात के समय पूरे 6 महीने सिर्फ सफेद खिचड़ी दूध के साथ खाती थीं जो दाल चावल और हल्का नमक से बनी होती थी. कभी-कभी खिचड़ी के साथ सब्जी भी एड कर लेती थीं. इस डाइट को बहुत स्ट्रिक्टली फॉलो किया. वो शाम को 7:45 से 8 बजे तक डिनर कर लेती थीं. कभी लेट हुआ तो 8:30 तक. इससे लेट कभी नहीं.
कब और कैसे की प्रैक्टिस
स्मिता ने बताया कि वे सुबह 11 बजे से प्रैक्टिस शुरू कर देती थीं जिसे वे 1 बजे तक कभी-कभी 1:30 बजे तक कंटीन्यू करती थी. इसके साथ ही वे स्ट्रेचिंग की सपोर्टिव प्रैक्टिस करती थीं. भू-नमन आसन के लिए पैल्वीस का ओपन होना और ज्वाइंट्स का ओपन होना कम्पलसरी है. इस दौरान ज्वाइंट्स की प्रैक्टिस की और अल्टरनेट डे पर होल्डिंग की प्रैक्टिक की. शास्त्रों में समय और काल का बहुत महत्व है. सरल भाषा में समझा जाए तो हर दिन एक ही समय में प्रैक्टिस की. जिससे ये रिकॉर्ड बनाने में काफी सहायता मिली.
मेंटली प्रीप्रेशन
जब भी कोई इस तरह के पेनफुल या कठिन योगासन करता है तो उनके शरीर में असहनीय दर्द होना सामान्य बात है लेकिन अपने दिमाग को इतना मजबूत कर लिया कि स्थिति कैसी भी हो इस पोज़ में इतनी देर तक रहना ही है. इस दौरान ओम चैंटिंग से बहुत ताकत मिली और मेंटली स्ट्रोंग रहे.
रिकॉर्ड के बाद
रिकॉर्ड के बाद स्मिता की बॉडी कुछ समय के लिए सुन्न हो गई थी. ऐसा इसलिए क्योंकि लम्बे समय तक एक ही पोज़ में रहने से उनके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बाधित हुआ जिससे बॉडी थोड़े समय के लिए फ्रीज़ हुई लेकिन हल्का वॉर्मअप करने से वे पहले के जैसा नॉर्मल फील करने लगीं.
नॉर्मल लाइफ
पहले वर्ल्ड रिकॉर्ड में यानी साल 2022 में रिकॉर्ड बनाने के बाद नॉर्मल लाइफ में वापस आने में एक दिन का समय लगा. इस रिकॉर्ड के बाद अगले दिन कमर में दर्द बना रहा था. उसके बाद से स्मिता ने अपनी सेल्फ प्रैक्टिस स्टार्ट कर दी.
किससे इंस्पायर हुए
स्मिता का कहना है कि उन्हें खुद से ही इंस्पिरेशन मिला, उन्होंने बताया कि जब वे बहुत छोटी थीं तब उन्होंने एक न्यूज़ पेपर में गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में पढ़ा था जिसमें रिकॉर्ड होल्डर का फोटो के साथ नाम छपा था. फिर अचानक 2022 में उन्हें ख्याल आया कि गिनीज़ बुक में नाम दर्ज कराया जाए. फिर उससे जुड़ी जानकारी निकाली. जहां उसमें सेंटर स्प्लिट की प्रैक्टिस की और पहली बार में ही 23 मिनट तक होल्ड किया. उसके बाद प्रैक्टिस करके अपनी टाइमिंग बढ़ाई और इस दौरान ढाई घंटे तक खुद को सेंटर स्प्लिट पोज़िशन में होल्ड किया. लेकिन रिकॉर्ड वाले दिन ये ड्यूरेशन 3 घंटे से ज्यादा था.
योगा क्यों और कैसे चुना?
योगासन की फील्ड में अगस्त 2014 में एंट्री की. उस समय इकॉनोमी में ग्रेजुएशन करने के बाद इकॉनोमी सर्विसेज में मास्टर्स करने के लिए स्पोर्ट कोटे से एंट्रेंस एक्जाम दिया. जिसका रिजल्ट आने में देर हो गई तब उनके कजन ब्रदर ने न्यूज में देख कर उन्हें सजेस्ट किया कि मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा में योगा से जुड़े कोर्स होते हैं वहां ट्राई कर सकती हो. तब उन्होंने ईयर गैप से बचने के लिए वहां एडमिशन ले लिया और इस फील्ड में ज़ीरो से शुरुआत कर दी. हालांकि यहां एडमिशन होने के बाद स्पोर्ट्स कोटे का रिजल्ट भी आ गया लेकिन उन्होंने योगा को ही चुना.
(नोट : तमाम जानकारी स्मिता कुमारी संग एनडीटीवी के खास टेलिफोनिक साझात्कार से ली गई है.)
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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