Parenting Tips: बच्चों की परवरिश के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, डगमगा सकता है बच्चे का आत्मविश्वास

Parenting Mistakes: कई बार हम जाने-अनजाने में बच्चों को बड़ा करते वक्त कुछ गलतियां कर जाते हैं. तो चलिए जानते हैं कि वे कौन सी गलतियां है जो माता-पिता को बच्चों की परवरिश के दौरान नहीं करनी चाहिए.

Parenting Tips: बच्चों की परवरिश के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, डगमगा सकता है बच्चे का आत्मविश्वास

Parenting Mistakes: बच्चों को बड़ा करते वक्त इन बातों का रखें खास ख्यास.

Parenting Mistakes: बच्चों की सही परवरिश करना एक बेहद जिम्मेदारी का और अहम काम होता है. माता-पिता (Parents) अपने बच्चों को जो आदतें, माहौल और संस्कार देते हैं. वो  उनकी पूरी जिंदगी उनके साथ रहते हैं. आने वाली जिंदगी में आपका बच्चा दुनिया का सामना किस तरह करेगा. ये काफी हद तक उसकी परवरिश (Parenting) पर भी निर्भर करता हैं. इसका असर न केवल बच्चे की आदतों पर पड़ता है, बल्कि बच्चे में संवेदनशीलता, आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास (Confidence) जैसे गुणों का विकास भी इसी के कारण होता है. लेकिन कई बार हम जाने-अनजाने में बच्चों को बड़ा करते वक्त कुछ गलतियां कर जाते हैं.  तो चलिए जानते हैं कि वे कौन सी गलतियां है जो पेरेंट्स को बच्चों की परवरिश के दौरान नहीं करनी चाहिए.

बच्चों की सही परवरिश के लिए पैरेंट्स इन बातों का रखें ध्यान- Positive Parenting Tips Every Parent Must Follow:

1. बच्चों में डर भरना

डर किसी भी तरह का हो, बच्चे के लिए ठीक नहीं है. कई बार हम जाने अनजाने में बच्चों के मन में किसी वस्तु या किसी व्यक्ति का डर भर देते हैं. कई बार मां अक्सर बच्चों से कहती हैं कि पापा आने पर तुम्हारी शैतानियों के बारे में बताती हूं वो तुमको सजा देंगे. इस प्रकार की धमकी से बच्चे तत्कालिक रूप से मां का कहना भले ही मान लें, लेकिन पिता के प्रति उनके मन में एक डर घर कर जाता है. इसी प्रकार भूत, बाबा, पुलिस, डाकू जैसे डर दिखाकर उनसे अपनी बात मनवाने की प्रवृति भी ठीक नहीं है. 

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2. दूसरे से तुलना

तुम्हारे कितने खराब नंबर आए हैं. पड़ोस का बंटी तुमसे दोगुने नंबर लेकर पास हुआ है. इस प्रकार का ताना अक्सर ही बच्चों को उनके माता-पिता से सुनने को मिलता है. लेकिन इस तरह की तुलना बिल्कुल ठीक नहीं है. जरा सोचिए, बच्चा भी अगर इस प्रकार से दूसरे पेरेंट्स से आपकी तुलना करें तो क्या ठीक होगा? इसके अलावा हर बच्चा अपने आप में यूनिक होता है. बजाय उसकी तुलना किसी दूसरे से करने के, ये जानने की कोशिश करें कि आपके बच्चे में कौन सा खास हुनर या टेलैंट है.

3. क्वालिटी टाइम दें

बच्चों के साथ केवल समय गुजारना काफी नहीं है. खासतौर पर इस डिजिटल दौर में मोबाइल हमेशा हर किसी से साथ होता है. ऐसे में बच्चों के साथ चाहे लंच या डिनर करने आएं हो या फिर कहीं बाहर घूमने गये हो. मोबाइल के साथ के कारण उन्हें पूरा अटेंशन नहीं मिल पाता. बेहतर होगा कि ऐसे लम्हों में अपना अटेंशन कतई बंटने न दें और पूरा फोकस बच्चों पर ही रखें.

4. दूसरे क्या सोचेंगे

हमारे किए गए हर काम पर दूसरे क्या सोचेंगे या हमारी सबसे बड़ी समस्या या डर होता है. ये डर अक्सर इंसान पर इतना भारी होता है कि खुलकर जिंदगी जीने ही नहीं देता. अगर अपने बच्चे को इस डर से बाहर लाना है तो उसे बचपन से ही सिखाएं कि दूसरे क्या सोचेंगे ये कतई अहम् नहीं है.

5. उन्हें गिरने से न बचाएं

सफलता की ही तरह नाकामयाबी भी जिंदगी का अहम् हिस्सा है. ऐसा कोई इंसान नहीं होगा जिसे कभी असफलता न मिली हो. इसलिए बच्चा अगर किसी काम में असफल होता है तो उसे होने दें. उसे दोबारा उठकर खड़े होने दे. इससे उसका आत्मविश्वसा बढ़ेगा.

6. उनसे परफेक्शन की उम्मीद न रखें

दुनिया में परफेक्ट कोई नहीं होता. आप भी परफेक्ट नहीं है. लिहाजा हर मामले में बच्चे के पूरी सही होने की उम्मीद ही न करें. बल्कि उसके प्रयासों और परिश्रम की प्रशंसा की जानी चाहिए.

7. खुद की अनदेखी न करें

बच्चों की सही परवरिश करने का अर्थ खुद की अनदेखी करना बिल्कुल नहीं है. बल्कि खुद का पूरा ख्याल रखना भी कामयाब पेरेंटिंग का ही हिस्सा है. इसलिए खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखें और खुश रहें.



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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)