Yoga Benefits For Asthma: वह 5 योगासन जो अस्थ‍मा को देंगे मात...

योग के दौरान अस्थमा के मरीजों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए

Yoga Benefits For Asthma: वह 5 योगासन जो अस्थ‍मा को देंगे मात...

अस्थमा से बचाव और इससे राहत पाने में व्यायाम और योग का अहम रोल होता है.

जैसे-जैसे हमारी सुख-सुविधाएं बढ़ रही हैं वैसे वैसे इसके कई खराब असर भी दिखते हैं. बढ़ती गाडि़यों और प्रदूषण के चलते धरती का वातावरण दूषित हो रहा है. यह कई बीमारियों को बुलावा देता है. इस दिन को अस्थमा या दमे की बीमारी के पीड़ित लोगों के बेहतर इलाज के लिए मनाया जाता है. इस अटैक का मुख्य कारण शरीर में मौजूद बलगम और संकरी श्वासनली है लेकिन इसके अलावा अस्थमा के अटैक के कई बाहरी कारण भी होते हैं, जिस वजह से दमे का अचानक अटैक पड़ता है. आज हम बात करते हैं कि किस तरह योगा से अस्थमा पर नियंत्रण किया जा सकता है... अस्थमा से बचाव और इससे राहत पाने में व्यायाम और योग का अहम रोल होता है. जानिए वह 5 योगासन जिनसे आप अस्थमा या दमा को दे सकते हैं मात...



अनुलोम विलोम

 
anuloma viloma 620


अनुलोम विलोम कई रोगों से लड़ने में कारगर माना जाता है. अस्थमा पीडि़त इस आसन से लाभ पा सकते हैं. 

कैसे करें-
सबसे पहले बैठ कर अपने दायें हाथ के अंगूठे से दाईं नाक के छिद्र को बंद करें. अब बायें नाक के से सांस लें और उसे अंगूठे के बगल वाली उंगलियो से बंद करें, अब दायी नाक से अंगूठा हटाकर सांस छोड़ें. यह प्रक्रिया 5-6 बार नाक के दोनों छिद्रों से दोहराएं. 
 


सेतुबंधासन 

bridge pose bodypower


यह योगासन करने से फेफड़ों और सीने पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता हैं. यह अस्‍थमा के दौरान करना काफी लाभप्रद माना जाता है. इसे करने से फेफड़े खुलते हैं और सीना चौड़ा होता हैं. 

कैसे करें-
सेतुबंधासन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं. दोनों हाथ शरीर के साथ सीधे रखें. हथेली को जमीन से लगा लें. अब घुटनों को मोड़ें, जिससे कि तलवे जमीन से लगें. अब सांस लें और कुछ देर तक इसे रोक कर रखें. धीरे-धीरे कमर को जमीन से ऊपर उठा लें. कमर को इतना ऊपर उठाएं कि छाती ठुड्डी को छू ले. कोहनी से मोड़ें और हथेलियों को कमर से नीचे ले आएं. 

अर्धमत्स्येन्द्रासन:

 
yoga


इस आसन से फेफड़ों में खुल कर ऑक्सीजन जाती है. यही कारण है कि यह दमा के रोगियों को सुझाया जाता है. अर्धमत्स्येन्द्रासन को नियमित करने से अस्थमा के अलावा पीठ, पैर, गर्दन, हाथ, कमर दर्द आदि में भी आराम मिलता है. 

कैसे करें:
पैरों को आगे की तरफ कर चटाई पर बैठ जाएं. बायें पैर को मोड़कर एड़ी कूल्हों के नीचे ले आएं. अब पैर के तलवे को दाहिनी जांघ के साथ लगा दें. अब दाहिने पैर को घुटने से मोड़ कर खड़ा कर लें और बायें पैर की जांघ से ऊपर ले जाते हुए जांघ के पीछे जमीन के ऊपर करें. बायें हाथ को दाहिने पैर के घुटने के बगल में दबा लें और दाहिये पैर का अंगूठा पकड़ें. दांया हाथ पीठ के पीछे से घुमा कर बायें पैर की जांघ को पकड़ें. चेहरे को दांयी ओर घुमाएं इतना कि ठोड़ी और बांयां कन्धा एक सीध में हो जाएं. 

भुजंगासन: 

 
cobra pose


भुजंगासन से सीना फैलता है. इससे फेफड़ों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है. साथ ही रक्त परिसंचरण भी सही होता है. 

कैसे करें: 
पेट के बल लेट जाएं. हथेली को कंधे के सीध में लाएं. दोनों पैरों को पास लाएं. पैरों को सीधा रखें. सांस अंदर खींचे और शरीर के अगले भाग को नाभि तक उठाएं. इस आसन में रहते हुए धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें. अब गहरी सांस छोड़ते हुए फिर से पेट के बल लेट जाएं. इसे आसन को 4-5 बार करें. 


शवासन: 

 
yoga
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com


शवासन से व्यक्ति तनावमुक्त हो सकता है. अस्थमा से लड़ने के लिए तनावमुक्त होना बहुत जरूरी है. कई बार इस बीमारी का डर ही रोगी को आलसी बना देता है. इसलिए तनावमुक्त रहना जरूरी है, जिससे कि शरीर पहले से ज्यादा चुस्त रहेगा.

कैसे करें- 
शवासन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं. दोनों पैरों में ज्यादा से ज्यादा अंतर रखें. ध्यान रहे पैरों के पंजे बाहर और एड़िया अंदर की ओर हों. हाथों को शरीर से 6 इंच की दूरी पर ले जाएं और उंगलियों को बेजान छोड़ दें ताकि वे मुड जाएं. आंखों को बंद कर लें. 

नोट: योग के दौरान अस्थमा के मरीजों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. योग करते समय अपने पास इन्हेरलर या अपनी दवाएं जरूर रखें. योग शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें और किसी योग शिक्षक की निगरानी में ही योग शुरू करें. 

और पढ़ने के लिए क्लिक करें.