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Premarital Medical Test: जन्म कुंडली नहीं शादी से पहले मिलाएं मेडिकल कुंडली, जानिए क्यों जरूरी है ये 10 प्रीमैरिटल मेडिकल टेस्ट?

Medical test before wedding: भारतीय घरों में शादी से पहले कुंडली मिलाने की परंपरा काफी पुरानी है. हालांकि, बदलते वक्त के साथ चलते हुए आपको मेडिकल कुंडली मिलाने पर जोर देना चाहिए. शादी से पहले लड़के और लड़की को ये 10 मेडिकल टेस्ट जरूर करवाना चाहिए.

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Premarital Medical Test: जन्म कुंडली नहीं शादी से पहले मिलाएं मेडिकल कुंडली, जानिए क्यों जरूरी है ये 10 प्रीमैरिटल मेडिकल टेस्ट?

Premarital Test: भारतीय घरों में शादी से पहले लड़के और लड़की की कुंडली मिलाई जाती है. लड़के और लड़की की कुंडली मिलने के बाद ही शादी तय किया जाता है. हालांकि, बदलते वक्त के साथ कुंडली मिलाने की अनिवार्यता धीरे-धीरे कम हो गई है. आज के दौर में शादी से पहले जन्म कुंडली मिलाने से मेडिकल कुंडली मिलाना कहीं ज्यादा जरूरी है. प्रीमैरिटल टेस्ट्स करवाने से आपको अपने संभावित पार्टनर के हेल्थ से जुड़ी सभी जानकारी मिल जाएगी. खुशहाल शादी-शुदा जीवन के लिए ये प्रीमैरिटल टेस्ट्स काफी जरूरी होते हैं. शादी से पहले अगर कपल को एक-दूसरे के हेल्थ कंडीशन के बारे में सब कुछ पता होगा तो भविष्य में वह हेल्थ से जुड़ी चुनौतियों का एक साथ मिलकर सामना कर पाएंगे. जानिए शादी से पहले लड़के और लड़की के लिए कौन से 10 मेडिकल टेस्ट जरूरी हैं.

शादी से पहले कराएं ये 10 टेस्ट्स (Get these 10 tests done before marriage)

1. एचआईवी टेस्ट

इस टेस्ट के जरिए किसी भी व्यक्ति में एचआईवी संक्रमण की जांच की जाती है. यह बेहद खतरनाक बीमारी होती है. अगर एक पार्टनर को एचआईवी है तो शारीरिक संबंध के जरिए दूसरा शख्स भी संक्रमित हो जाता है. यही वजह है कि शादी से पहले यह टेस्ट करवाना बेहद जरूरी है.

2. एसटीडी टेस्ट

एसटीडी टेस्ट के जरिए किसी भी व्यक्ति में सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज का पता लगाया जाता है. पुरुष और महिला दोनों को शादी से पहले एसटीडी टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है. किसी एक को एसटीडी होने पर यह दूसरे पार्टनर तक भी फैल सकती है. इसीलिए हेल्थ एक्सपर्ट शादी से पहले इस टेस्ट को निश्चित रूप से करवाने की सलाह देते हैं.

3. इनफर्टिलिटी टेस्ट

इस टेस्ट के जरिए पुरुषों में स्पर्म काउंट और स्पर्म क्वालिटी का पता लगाया जाता है. इनफर्टिलिटी टेस्ट के जरिए यह पता चलता है कि शादी के बाद गर्भधारण में किसी भी कपल को कितना ज्यादा या कम समस्या का सामना करना पड़ सकता है. 

4. जेनेटिक टेस्ट 

इस टेस्ट के जरिए अनुवांशिक बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. शादी से पहले लड़के और लड़की दोनों को जेनेटिक टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है. इस टेस्ट की मदद से आप अपने होने वाले पार्टनर के अनुवांशिक बीमारियों में जान कर समय रहते इलाज शुरू करवा सकते हैं.

5. सीबीसी टेस्ट

कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) टेस्ट के जरिए किसी भी व्यक्ति के ओवर ऑल हेल्थ के बारे में पता लगाया जाता है. इस ब्लड टेस्ट के जरिए एनीमिया, इंफेक्शन और ल्यूकेमिया जैसी बीमारियों का आसानी से पता लगाया जा सकता है. शादी से पहले दोनों पार्टनर को सीबीसी करवाने की सलाह दी जाती है.

6. डायबिटीज टेस्ट

डायबिटीज से ग्रस्त महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान सामान्य महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा दिक्कत होती है. यही नहीं डायबिटीज के कारण अन्य बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में बेहतर फैमिली प्लानिंग के लिए शादी से पहले शुगर से संबंधित ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है.

7. एएचएम टेस्ट 

एएचएम महिलाओं के फर्टिलिटी हेल्थ को जांचने के लिए महत्वपूर्ण टेस्ट है. इसके जरिए महिलाओं में ओवरी के एग बनाने की क्षमता की जांच की जाती है. अगर आपकी उम्र ज्यादा है तो शादी से पहले यह टेस्ट बेहद जरूरी है.

8. ब्लड डिसऑर्डर टेस्ट

शादी से पहले महिलाओं को ब्लड डिसऑर्डर टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है. इस टेस्ट के जरिए महिलाओं में ब्लड हीमोफीलिया या थैलेसीमिया जैसी बीमारी का पता लगाया जाता है. इन बीमारियों का सीधा संबंध बच्चों से है, इसीलिए खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए शादी से पहले ये टेस्ट जरूर करा लें.

9. अल्ट्रासाउंड (एब्डोमेन और पेल्विस)

आमतौर पर पेल्विस का अल्ट्रासाउंड प्रेगनेंसी के दौरान किया जाता है. लेकिन, सिस्ट और फाइब्रॉइएड ट्यूमर का पता लगाने के लिए यह टेस्ट बेहद जरूरी है. वहीं एब्डोमेन अल्ट्रासाउंड की मदद से किडनी और लीवर हेल्थ की जांच की जाती है. इस टेस्ट से गुर्दे की पथरी, ट्यूमर और लिवर डिजीज जैसी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है.

10. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट और ईसीजी

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट एक ब्लड टेस्ट होता है जिसमें खून के अंदर कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर की जांच की जाती है. हाई कोलेस्ट्रॉल का सीधा संबंध दिल की सेहत से होता है. वहीं दिल की सेहत को जांचने के लिए ईसीजी यानी इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम टेस्ट किया जाता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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