नई दिल्ली:
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गुरुवार को होने वाली मतगणना से पहले जीत का विश्वास जताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह ने उम्मीद जताई कि लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए ही मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा।
पांच बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र ने कांग्रेस के चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि वह एक और कार्यकाल के लिए प्रदेश की सेवा करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस यदि सत्ता में आती है तो लोगों की राय साफ है कि किसे मुख्यमंत्री बनना चाहिए। मुझे पूरी उम्मीद है कि लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री का निर्णय लिया जाएगा।"
उन्होंने कहा, "मैं अभी सांसद हूं और यदि पार्टी चाहेगी तो मैं उसके लिए तैयार हूं।" मंडी से सांसद वीरभद्र को चुनाव से कुछ सप्ताह पहले ही प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, ताकि चुनाव में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सके।
कांग्रेस ने अपनी परम्परा के मुताबिक चुनाव पूर्व किसी को भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में आगे नहीं किया। उसका कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व नवनिर्वाचित विधायकों से बात कर मुख्यमंत्री का फैसला करेगा।
कांग्रेस महासचिव व हिमाचल प्रदेश के प्रभारी वीरेंद्र सिंह ने कहा, "हम विधायकों और हाईकमान को विश्वास में लेकर मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे।"
वीरभद्र सिंह हालांकि दावा करते हैं कि कांग्रेय इस बार का विधानसभा चुनाव आसानी से जीतेगी। उन्होंने कहा, "लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन से तंग हो चुके हैं। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल विकास को आगे ले जाने में असफल रहे हैं।"
पांच बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र ने कांग्रेस के चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि वह एक और कार्यकाल के लिए प्रदेश की सेवा करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस यदि सत्ता में आती है तो लोगों की राय साफ है कि किसे मुख्यमंत्री बनना चाहिए। मुझे पूरी उम्मीद है कि लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री का निर्णय लिया जाएगा।"
उन्होंने कहा, "मैं अभी सांसद हूं और यदि पार्टी चाहेगी तो मैं उसके लिए तैयार हूं।" मंडी से सांसद वीरभद्र को चुनाव से कुछ सप्ताह पहले ही प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, ताकि चुनाव में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सके।
कांग्रेस ने अपनी परम्परा के मुताबिक चुनाव पूर्व किसी को भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में आगे नहीं किया। उसका कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व नवनिर्वाचित विधायकों से बात कर मुख्यमंत्री का फैसला करेगा।
कांग्रेस महासचिव व हिमाचल प्रदेश के प्रभारी वीरेंद्र सिंह ने कहा, "हम विधायकों और हाईकमान को विश्वास में लेकर मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे।"
वीरभद्र सिंह हालांकि दावा करते हैं कि कांग्रेय इस बार का विधानसभा चुनाव आसानी से जीतेगी। उन्होंने कहा, "लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन से तंग हो चुके हैं। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल विकास को आगे ले जाने में असफल रहे हैं।"
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