
बरसात का मौसम भले ही अपने साथ बहुत सारी परेशानियां लेकर आता हो, लेकिन फिर भी लोग इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं और परेशानियों के बावजूद इसका भरपूर लुत्फ उठाते हैं. इतना ही नहीं इस सुहाने मौसम में लजीज खाने और स्वाद की महक मुंह में पानी ला देती हैं. जैसे पकौड़े, चाय, समौसा और भुट्टा जो आपके मुंह में पानी ला देते हैं. लेकिन जैसा कि हम सब जानते हैं इस मौसम में सेहत से जुड़ी बहुत सारी परेशानियां सामने आती हैं जो बीमारियां और संक्रमण फैलाने का काम करती हैं...
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ऐसे में सवाल यह उठाता है कि इस मौसम में क्या खाया जाए और क्या नहीं. क्योंकि अगर आप गलत खा कर बीमार पड़ गए तो यह तय है कि इस मौसम में आपकी इम्यूनिटी बिगड़ सकती है. इसलिए इस मौसम में इस बात का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है कि आप क्या खा रहे हैं. अगर आपने कुछ ऐसा खाया जो संक्रमण का कारण बना तो आप कई दिनों के लिए बीमार कर सकता है. यही वजह है कि हम इस मौसम में खाने पीने को लेकर काफी कोताही बरतने की सलाह दी जाती है.
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इम्यूनिटी कम होने की वजह से हमें सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल फीवर जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
विशेषज्ञों की मानें तो वातावरण में नमीं बढ़ने के कारण ये मौसम बैक्टीरिया और माइक्रोऑर्गेनिज्म के फलने-फूलने का सबसे सही समय होता है. इसके अलावा मानसून में हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म के धीमा काम करने की वजह से हमारा शरीर खाने को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता. इम्यूनिटी कम होने की वजह से हमें सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल फीवर जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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तो मानसून उतना भी अच्छा मौसम नहीं है अपनी क्रेविंग्स मिटाने का, बल्कि इस दौरान तो आपको ज्यादा सतर्क होकर अपने खान-पान चुनना चाहिए. जितना हो सके इस मौसम में घर के बने साफ और स्वस्थ खाने पर ही निर्भर करना चाहिए. शरीर को ताकत देने वाले सूप और फाइबर से भरपूर सब्जियां अपने खाने में आपके लिए काफी बेहतर हो सकता है. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि किताबों के अनुसार घोषित कई खाने की चीजें भी इ मौसम में आपके लिए घाटे का सौदा हो सकती हैं. जैसे विटामिन-डी से भरपूर मशरूम या फिर हरे पत्तों वाली सब्जियां(गोभी, पालक) भी विशेषज्ञों के इस मौसम में अपने से दूर रखने वाली साम्रगियों में शामिल है.
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अगर आप फिर भी इन्हें खाना चाहते हैं तो इन्हें कच्चा ना खाकर अच्छे प्रकार से पका कर खाएं.
ये निश्चित तौर पर चौकांने वाला है. लेकिन ये सच है. आइए जानते हैं कि ऐसा क्या है इस मौसम में कि विटामिन और मिनरल से भरपूर इन हरी सब्जियों को भी ये हमारी सेहत का दुश्मन बना देता है. पोषण विशेषज्ञ अंजू सूद का कहना है कि सावन बैक्टीरिया और माइक्रोब्स की ब्रीडिंग का सबसे बेहतरीन समय होता है, ऐसे में ये जीवाणु बड़ी आसानी से इन हरी सब्जियों को दूषित कर सकते हैं.
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बहुत हद तक ये भी संभव है कि जिस मिट्टी में इन्हें गया हो वो मिट्टी ही दूषित हो और उसी के जरिए ये कीटाणु-जीवाणु पहले सब्जियों और फिर हमारे शरीर में बड़ी आसानी से प्रवेश कर जाते हैं. जितना ज्यादा पत्तों वाली सब्जी होगी उनके लिए वहां घर करना उतना ही आसान होगा. इसलिए इस मौसम में इनसे जितनी दूरी बनाई जाए उतना बेहतर लेकिन अगर आप फिर भी इन्हें खाना चाहते हैं तो इन्हें कच्चा ना खाकर अच्छे प्रकार से पका कर खाएं.
डॉ. रूपाली दत्ता भी ये मानती हैं कि इस मौसम में हरी सब्जियां इन जीवाणुओं ज्यादा प्रभावित होती हैं. लेकिन वो ये कहती हैं कि ऐसा जरूरी नहीं कि आप इन्हें पूरी तरह से अपने आहार से बाहर कर दें. अगर कुछ बातों का ध्यान रखें तो इन सब्जियों का सेवन किया जा सकता है. जैसे बाहर कहीं इनका सेवन ना करें, क्योंकि वो किस दर्जे की हरी सब्जियों का इस्तेमाल कर रहें हैं ये आप नही जानते. दूसरा इन्हें जब भी खाएं अच्छे धोकर-पकाकर खाएं. ताकि उसमें मौजूद जर्म्स और बैक्टीरिया सब खत्म हो जाएं.
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