क्या आपने कभी सोचा है कि आप जिन फलों और सब्जियों का सेवन करते हैं वो पहले कैसे थे? क्या हजारों साल पहले भी इनकी बनावट और स्वाद ऐसा था जैसे आज के समय में है या उससे कुछ अलग था? हजारों साल पहले इन फलों का स्वाद और शेप काफी अलग था. इंसानों की मेहनत और समझदारी ने इन्हें काफी ज्यादा बदला है. आज भले ही जीएमओ (Genetically Modified Organisms) लोगों के बीच बहस का मुद्दा बन चुका है लेकिन इंसान हजारों सालों से फसलों की नस्लें बदल रहा है. लेकिन इसमें एक बड़ा फर्क ये है कि पहले ये सब प्राकृतिक तरीकों से किया जाता था. तो आइए जानते हैं पहले के और आज के फलों और सब्जियों में क्या अंतर है.
1. तरबूज – पहले था सफेद और कड़ा
17वीं सदी का जंगली तरबूज आज के तरबूज से बिल्कुल अलग था. उस समय तरबूज अंदर से सफेद, सूखा और कठोर था. समय के साथ किसानों ने इसे मीठा, लाल और रसीला बना दिया. बिल्कुल वैसा ही जैसे आज हम खाते हैं.
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2. केला – पहले केले के अंदर बड़े-बड़े बीज होते थे. इसकी खेती सबसे पहले आज के पापुआ न्यू गिनी में की गई थी. इन्हें दक्षिण पूर्व एशिया में भी उगाया जाता था. लेकिन समय के साथ किसानों ने इसे बीज रहित, स्वादिष्ट और आसानी से पकड़ने और छीलकर खाने योग्य बना दिया.
3. बैंगन- इतिहास में, बैंगन कई तरह के आकार और रंगों में पाए गए हैं, जैसे सफेद, नीला, बैंगनी और पीला. कुछ शुरुआती बैंगन चीन में उगाए जाते थे. पहले की किस्मों में उस जगह पर कांटे होते थे जहाँ पौधे का तना फूलों से जुड़ा था. लेकिन अब किसान इन्हें इस तरह विकसित कर चुके हैं कि आजकल के बैंगन चमकदार और बिना कांटे वाले हैं.
4. गाजर- पहले की गाजरें बैंगनी या सफेद रंग की हुआ करती थीं और उनकी जड़ें भी काफी पतली हुआ करती थी लेकिन किसानों ने इन्हें बदलकर गाढ़े नारंगी रंग की मीठी गाजर बना दिया है, जो अब सर्दियों में काफी शौक से खाई जाती है.
5. मक्का (भुट्टा) – 7,000 साल पहले मक्का का पौधा टेओसिन्टे नाम की जंगली घास था, जो सख्त और कम मीठा था. लेकिन आज के समय में मक्का 1000 गुना बड़ा और 3 गुना मीठा है. यूरोप में जब इसकी खेती शुरू हुई तो इसमें और भी ज्यादा सुधार आया.
6. आड़ू- पहले आड़ू छोटे, चेरी जैसे आकार के और नमकीन स्वाद वाले थे. हज़ारों सालों के बदलाव के बाद ये कई गुना बड़े, कहीं ज़्यादा रसीले और ज़्यादा मीठे हो गए हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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