अधिक फाइबर खाने के भी होते हैं नुकसान, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट 

Fiber In Diet: फाइबर खाना पेट के लिए अच्छा होता है लेकिन इसकी अत्यधिक मात्रा से पांचन पत्र पर बुरा असर भी पड़ सकता है. आइये एक्सपर्ट से जानते हैं कि हाई फाइबर डाइट लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. 

अधिक फाइबर खाने के भी होते हैं नुकसान, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट 

अधिक फाइबर खाने के भी होते हैं नुकसान, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट 

नई दिल्ली:

Fiber In Diet: आहार में फाइबर का होना बेहद जरूरी है. यही कारण कि कि आहार विशेषज्ञ वर्षों से फाइबर के सेवन पर जोर देते रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि उच्च फाइबर वाला आहार आपके शरीर को कई तरह से मदद कर सकता है. पोषण विशेषज्ञ लवनीत बत्रा के अनुसार, पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए फाइबर से भरपूर आहार आवश्यक है. यह निम्न रक्तचाप और हृदय की समस्याओं, मधुमेह और मोटापे के कम जोखिम से भी जुड़ा है. फाइबर युक्त आहार दो प्रकार के होते हैं- घुलनशील और अघुलनशील. घुलनशील फाइबर पाचन में सुधार करता है और रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करता है. यह फाइबर ओट्स, चिया सीड्स, जौ और खट्टे फलों में पाया जाता है. वहीं दूसरी ओर सब्जियों, नट्स और बीन्स में अघुलनशील फाइबर होते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक फाइबर शरीर के लिए सेहतमंद है लेकिन आहार में इसकी मात्रा धीरे-धीरे बढ़ानी चाहिए. इसे लेने के साथ पानी की मात्रा भी बढ़ाई जानी चाहिए. 

अधिक फाइबर के दुष्प्रभाव (Side Effects of Excess Fiber)

अतिरिक्त फाइबर के सेवन का हमारे बॉउल मूवमेंट पर असर पड़ सकता है. इससे कब्ज या दस्त हो सकता है. इससे सूजन और गैस की समस्या भी हो सकती है. अत्यधिक फाइबर से आपको पेट में दर्द भी हो सकता है. फाइबर एक बाइंडिंग एजेंट है. पोषण विशेषज्ञ कहते हैं, इससे पहले कि शरीर को उन्हें अवशोषित करने का मौका मिले, इससे पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. 

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अत्यधिक फाइबर को खाने से कैसे बचें (Avoid Eating Too Much Fiber)

पोषक विशेषज्ञ लवनीत बत्ता कहती है कि आपको अत्यधिक फाइबर युक्त आहार को खाने से बचना चाहिए. बहुत सारा फाइबर पाचन तंत्र को परेशान कर सकता है जिससे ये स्वास्थ्य स्थितियों पर प्रभाव पड़ सकता है. अत्यधिक फाइबर खाने से IBS या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, Crohn's डिजिज, अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis), पाचन तंत्र में जलन या क्षति, ट्यूमर के कारण आंत्र संकुचन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी जैसे कोलोस्टॉमी और इलियोस्टोमी से रिकवरी, वर्तमान विकिरण चिकित्सा या कोई अन्य उपचार जो जठरांत्र संबंधी मार्ग को प्रभावित कर सकता है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.