
फाइल फोटो
नई दिल्ली:
वो कहते हैं न पुरानी दिल्ली नहीं देखी तो क्या दिल्ली देखी. असली दिल्ली या दिल्ली का असली रूप तो वहीं जाकर दिखता है. और जब मौका हो त्योहार का, तो जनाब आप यहां आकर यहां के ही हो सकते हैं. तो जरा अपने स्वाद को आजाद छोड़कर और खुद को संभाल कर ही इस जगह कदम रखना... बहरहाल, रमजान चल रहा है और दिल्ली की जामा मस्जिद के पास रौनके लगी हैं. ऐसे में अगर आप इस ओर रुख कर रहे हैं, तो एक नजर यहां की उन जगहों पर जहां जाकर आप अपने मुंह में आ रहे पानी से परेशान हो सकते हैं, तो जान लें कि सावधानी ही बचाव है...!
तो आइए आपको बताते हैं, पुरानी दिल्ली की कुछ ऐसी दुकानें, जिनके लजीज खाने के बारे में आपने न कभी सुना होगा और न ही कहीं पढ़ा होगा.
जामा मस्जिद गेट नं- 1 के सामने मटिया महल की ओर जाने वाली रोड पर मौजूद कबाब की खुशबू, फ्राई चिकन, सेवई, खजूर और ब्रेड जैसी सभी चीजें आपको अपनी ओर खींचती नज़र आएंगी. सड़क के किनारे मौजूद खाना देखकर आप इस सोच में पड़ जाएंगे कि क्या खाएं और क्या छोड़ें.
लालू और कुरेशी के सुतली कबाब

जामा मस्जिद के बाहर, उर्दू बाज़ार रोड के नाम से जानी जाने वाली लेन कबाब की दुकानों से भरी हैं. वैसे तो, यहां हर 10 मीटर की दूरी पर आपको एक कबाब की दुकान नज़र आएगी, लेकिन लालू और कुरेशी के कबाब खाने में सबसे अच्छे हैं. इनकी ख़ास बात यह है कि ये पतले और रस से भरे होने के अलावा इतने मुलायम हैं कि मुंह में रखते ही घुल जाते हैं.
पताः उर्दू बाज़ार रोड, इस रोड पर लालू, कबाब की सबसे पहली दुकान है. वहीं कुरेशी कबाब वाले के लिए आपको इसी रोड पर थोड़ा आगे जाना पड़ेगा.
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असलम चिकन कॉर्नर

आपकी फूड वॉक का अगला ठिकाना असलम चिकन कॉर्नर है. यहां आपको मक्खन में तैरता टेस्टी चिकन टिक्का मिलेगा. इंडियन मसालों और दही को मिलाकर मोटे-मोटे चिकन के टुकड़ों पर मसाला लगाया जाता है, जिन्हें लंबी सिलाई में डालकर ग्रिल किया जाता है. चिकन टिक्का को सजाने और उसका टेस्ट बढ़ाने के लिए उसमें ऊपर से पिघला हुआ मक्खन डाला जाता है, जिसे खाते ही आपको जन्नत का अहसास पहुंचेगा.
पताः 540, बाज़ार मटिया महल, जामा मस्जिद
पहाड़ी इमली के नज़दीक गुड़ का शरबत

कहते हैं कि खाने के बाद गुड़ पाचन क्रिया के लिए काफी अच्छा होता है. अगर आपको यहां का खाना थोड़ा भी हेवी लगे, तो गुड़ का शरबत ट्राई कर सकते हैं. जामा मस्जिद आकर हमें यह पता चला कि अखिल अहमद का गुड़ का शरबत काफी मशहूर है. तांबे के बर्तन में शरबत लिए वह एक लकड़ी के स्टूल पर बैठते हैं. उनके पास न तो कोई दुकान है और न ही सर पर कोई छत. फिर भी 1947 में 10 पैसे के बिकने वाले इस गुड़ के शरबत को लोग पीना पसंद करते हैं. इसे बनाने के लिए ठंडे पानी में गुड़ को डालकर रखा जाता है, जिसे बाद में छानकर सर्व किया जाता है. अखिल का कहना है कि ताबे के पर्तन में जो पीतल का चम्मच है, वह यह दुकान शुरू होने से भी पहले का है.
पताः पहाड़ी इमली का मोड़, चितली कबर
करीमस और अल जवाहर
फूड वॉक की आखिर दो दुकान करीमस और अल जवाहर हैं. यह सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में खूब प्रचलित हैं. अल जवाहर के कबाब, बिरयानी और करीमस के देसी घी में बना मटन कोरमा एक बार चख कर जरूर देखें. यह दोनों फेमस रेस्तरां शुरुआत में ही सीधे हाथ की तरफ पड़ते हैं, जहां बैठकर आप यहां के स्वाद का मज़ा ले सकते हैं.
हाजी मोहम्मद हुसैन

यहां जाने के लिए आपको गेट नं- 1 के सामने उलटे हाथ पर मुड़ना पड़ेगा. हाजी मोहम्मद का फ्राई चिकन सभी का फेवरिट है. बेसन और मसालों के मिश्रण को चिकन पर लगाया जाता है, जिसे बाद में फ्राई किया जाता है. इसके अलावा इसे लाल चटनी के साथ परोसा जाता है, जो खाने में काफी तीखी होती है. रमज़ान के दौरान कीमा गोली (मीट की बॉल्स) को प्याज़ के साथ सर्व किया जाता है. अगर आप भी इन सभी का ज़ायका लेना चाहते हैं, तो जामा मस्जिद जाकर ले सकते हैं.
पताः 113, बाज़ार मटिया महल, जामा मस्जिद
कूल पॉइंट

खाने के साथ कुछ मीठा न हो ऐसा कैसे हो सकता है. जामा मस्जिद आए और कूल पॉइंट की मटका फिरनी और शाही टुकड़ा न ट्राई किया, तो क्या किया. ख़ासतौर से यहां का शाही टुकड़ा इतना लज़ीज है कि आप इसे एक बार नहीं, बल्कि बार-बार खाना पसंद करेंगे. ब्रेड को फ्राई करके उसके ऊपर देसी घी और खोया डालकर इसे परोसा जाता है. चेहरे पर मुसकान ला देने वाला शाही टुकड़ा हर किसी का फेवरिट है.
पताः 973, बाज़ार मटिया महल, जामा मस्जिद
एनडीटीवीफूड से और फीचर्स पढ़ने के लिए क्लिक करें.
तो आइए आपको बताते हैं, पुरानी दिल्ली की कुछ ऐसी दुकानें, जिनके लजीज खाने के बारे में आपने न कभी सुना होगा और न ही कहीं पढ़ा होगा.
जामा मस्जिद गेट नं- 1 के सामने मटिया महल की ओर जाने वाली रोड पर मौजूद कबाब की खुशबू, फ्राई चिकन, सेवई, खजूर और ब्रेड जैसी सभी चीजें आपको अपनी ओर खींचती नज़र आएंगी. सड़क के किनारे मौजूद खाना देखकर आप इस सोच में पड़ जाएंगे कि क्या खाएं और क्या छोड़ें.
लालू और कुरेशी के सुतली कबाब

जामा मस्जिद के बाहर, उर्दू बाज़ार रोड के नाम से जानी जाने वाली लेन कबाब की दुकानों से भरी हैं. वैसे तो, यहां हर 10 मीटर की दूरी पर आपको एक कबाब की दुकान नज़र आएगी, लेकिन लालू और कुरेशी के कबाब खाने में सबसे अच्छे हैं. इनकी ख़ास बात यह है कि ये पतले और रस से भरे होने के अलावा इतने मुलायम हैं कि मुंह में रखते ही घुल जाते हैं.
पताः उर्दू बाज़ार रोड, इस रोड पर लालू, कबाब की सबसे पहली दुकान है. वहीं कुरेशी कबाब वाले के लिए आपको इसी रोड पर थोड़ा आगे जाना पड़ेगा.
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=====================असलम चिकन कॉर्नर

आपकी फूड वॉक का अगला ठिकाना असलम चिकन कॉर्नर है. यहां आपको मक्खन में तैरता टेस्टी चिकन टिक्का मिलेगा. इंडियन मसालों और दही को मिलाकर मोटे-मोटे चिकन के टुकड़ों पर मसाला लगाया जाता है, जिन्हें लंबी सिलाई में डालकर ग्रिल किया जाता है. चिकन टिक्का को सजाने और उसका टेस्ट बढ़ाने के लिए उसमें ऊपर से पिघला हुआ मक्खन डाला जाता है, जिसे खाते ही आपको जन्नत का अहसास पहुंचेगा.
पताः 540, बाज़ार मटिया महल, जामा मस्जिद
पहाड़ी इमली के नज़दीक गुड़ का शरबत

कहते हैं कि खाने के बाद गुड़ पाचन क्रिया के लिए काफी अच्छा होता है. अगर आपको यहां का खाना थोड़ा भी हेवी लगे, तो गुड़ का शरबत ट्राई कर सकते हैं. जामा मस्जिद आकर हमें यह पता चला कि अखिल अहमद का गुड़ का शरबत काफी मशहूर है. तांबे के बर्तन में शरबत लिए वह एक लकड़ी के स्टूल पर बैठते हैं. उनके पास न तो कोई दुकान है और न ही सर पर कोई छत. फिर भी 1947 में 10 पैसे के बिकने वाले इस गुड़ के शरबत को लोग पीना पसंद करते हैं. इसे बनाने के लिए ठंडे पानी में गुड़ को डालकर रखा जाता है, जिसे बाद में छानकर सर्व किया जाता है. अखिल का कहना है कि ताबे के पर्तन में जो पीतल का चम्मच है, वह यह दुकान शुरू होने से भी पहले का है.
पताः पहाड़ी इमली का मोड़, चितली कबर
करीमस और अल जवाहर
फूड वॉक की आखिर दो दुकान करीमस और अल जवाहर हैं. यह सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में खूब प्रचलित हैं. अल जवाहर के कबाब, बिरयानी और करीमस के देसी घी में बना मटन कोरमा एक बार चख कर जरूर देखें. यह दोनों फेमस रेस्तरां शुरुआत में ही सीधे हाथ की तरफ पड़ते हैं, जहां बैठकर आप यहां के स्वाद का मज़ा ले सकते हैं.
हाजी मोहम्मद हुसैन

यहां जाने के लिए आपको गेट नं- 1 के सामने उलटे हाथ पर मुड़ना पड़ेगा. हाजी मोहम्मद का फ्राई चिकन सभी का फेवरिट है. बेसन और मसालों के मिश्रण को चिकन पर लगाया जाता है, जिसे बाद में फ्राई किया जाता है. इसके अलावा इसे लाल चटनी के साथ परोसा जाता है, जो खाने में काफी तीखी होती है. रमज़ान के दौरान कीमा गोली (मीट की बॉल्स) को प्याज़ के साथ सर्व किया जाता है. अगर आप भी इन सभी का ज़ायका लेना चाहते हैं, तो जामा मस्जिद जाकर ले सकते हैं.
पताः 113, बाज़ार मटिया महल, जामा मस्जिद
कूल पॉइंट

खाने के साथ कुछ मीठा न हो ऐसा कैसे हो सकता है. जामा मस्जिद आए और कूल पॉइंट की मटका फिरनी और शाही टुकड़ा न ट्राई किया, तो क्या किया. ख़ासतौर से यहां का शाही टुकड़ा इतना लज़ीज है कि आप इसे एक बार नहीं, बल्कि बार-बार खाना पसंद करेंगे. ब्रेड को फ्राई करके उसके ऊपर देसी घी और खोया डालकर इसे परोसा जाता है. चेहरे पर मुसकान ला देने वाला शाही टुकड़ा हर किसी का फेवरिट है.
पताः 973, बाज़ार मटिया महल, जामा मस्जिद
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