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कॉन्ट्रोवर्सी में फंसे साउथ सुपरस्टार थलपति, विजय के खिलाफ फतवा जारी, जानें क्या है मामला

रजवी बरेलवी ने तमिल एक्टर विजय की उनकी फिल्मों में मुसलमानों को नकारात्मक रूप से दिखाने के साथ जुआ और शराब पीने में लिप्त व्यक्तियों को अपनी इफ्तार पार्टी में न्योता देने की आलोचना की. 

कॉन्ट्रोवर्सी में फंसे साउथ सुपरस्टार थलपति, विजय के खिलाफ फतवा जारी, जानें क्या है मामला
थलपति विजय के खिलाफ फतवा जारी
नई दिल्ली:

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने तमिल एक्टर से राजनेता बने सुपरस्टार विजय, तमिलनाडु विजय कार्तिक (TVK) पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ फतवा जारी किया है. बुधवार को एएनआई से बात करते हुए रजवी बरेलवी ने विजय की आलोचना करते हुए कहा कि वह  अपनी फिल्मों में मुसलमानों को नेगेटिव रूप से दिखाते हैं और जुआ खेलने और शराब पीने में शामिल लोगों को अपनी इफ्तार पार्टी में आमंत्रित करते हैं. मौलाना रजवी ने कहा, उन्होंने (विजय) एक राजनीतिक पार्टी बनाई और मुसलमानों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए. हालांकि, उन्होंने अपनी फिल्मों में मुसलमानों को आतंकवाद फैलाने वाले के रूप में नेगेटिव तरीके से चित्रित किया. उनकी इफ्तार पार्टी में जुआरियों और शराब पीने वालों को आमंत्रित किया गया था.

आगे उन्होंने कहा, इन सब के कारण तमिलनाडु के सुन्नी मुसलमान उनसे नाराज हैं. उन्होंने फतवा मांगा है. इसलिए, मैंने अपने जवाब में फतवा जारी किया है कि मुसलमानों को विजय के साथ खड़ा नहीं होना चाहिए."  हाल ही में टीवीके चीफ विजय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की.

सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि वह हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश पारित कर सकता है. वहीं पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा पर भी चिंता व्यक्त की. भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, "एक बात जो बहुत परेशान करने वाली है, वह है हिंसा. यह मुद्दा अदालत के समक्ष है, और हम इस पर फैसला करेंगे."

पीठ ने कोई आदेश पारित नहीं किया, लेकिन सुझाव दिया कि कुछ प्रावधान वैसे ही रह सकते हैं, जिनमें केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करना, वक्फ संपत्तियों पर विवादों का फैसला करने में कलेक्टरों की शक्तियां और अदालतों द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने के प्रावधान शामिल हैं. सुनवाई के दौरान, पीठ ने कहा कि वह एक अंतरिम आदेश पारित करने पर विचार कर रही है, जो इक्विटी को संतुलित करेगा.

उन्होंने कहा, "हम कहेंगे - जो भी संपत्ति अदालत द्वारा वक्फ घोषित की गई है, उसे गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा या गैर-वक्फ नहीं माना जाएगा, चाहे वह उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ हो या नहीं. दूसरा, कलेक्टर कार्यवाही जारी रख सकते हैं, लेकिन प्रावधान प्रभावी नहीं होगा. तीसरा, वक्फ बोर्ड और परिषद के संबंध में... पदेन सदस्य नियुक्त किए जा सकते हैं, लेकिन अन्य सदस्य मुस्लिम होने चाहिए,"  

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