
लंदन:
शरीर में दर्द, बुखार और सर्दी लग जाने पर हम में से कई लोग एंटीबायोटिक का सेवन करते हैं। ऐसे में प्रयोग होने वाली पैरासीटामोल दवा, ऑस्टियोआर्थराइटिस में दर्द को कम करने वाले मेडिकल इफेक्टिविटी के सैंडर्ड टास्क को पूरा नहीं करती है।
यह निष्कर्ष ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए दर्द निवारक दवा के बड़े पैमाने पर हुए विश्लेषण पर आधारित है, जो गठिया का एक सामान्य प्रकार है। इस रोग में अक्सर जोड़ों का दर्द और अकड़न की शिकायत रहती है। निष्कर्षों से सामने आया है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस की चिकित्सा में पैरासीटमोल की कोई भूमिका नहीं होती है।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि नॉन स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेट्री ड्रग (एएसएआईडी) डिक्लोफेनेक सबसे जल्दी प्रभाव देने वाली दर्दनिवारक दवाई है। हालांकि इस दवा के सेवन से लंबे समय के दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं।
इस शोध के लिए ऑस्टियोआर्थराइटिस पीड़ित 58,566 लोगों का डाटा संकलित किया गया था। शोधकर्ताओं मे 22 अलग-अलग चिकित्सीय उपचारों और प्लेसबो का दर्द की तीव्रता और शारीरिक गतिविधियों पर हुए प्रभावों का तुलनात्मक अध्ययन किया।
स्विट्जरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्न से इस अध्ययन की शोधार्थी स्वेन ट्रेली ने बताया कि “पैरासीटामोल की कोई भी खुराक ऑस्टियोआर्थराइटिस में असरदार नहीं होती है, लेकिन बिना पैरासीटामोल के कुछ एएसएआईडी दवाएं रुक-रुक कर सेवन करने से प्रभावी परिणाम भी देती हैं”।
यह शोध ‘द लैंसेट’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
यह निष्कर्ष ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए दर्द निवारक दवा के बड़े पैमाने पर हुए विश्लेषण पर आधारित है, जो गठिया का एक सामान्य प्रकार है। इस रोग में अक्सर जोड़ों का दर्द और अकड़न की शिकायत रहती है। निष्कर्षों से सामने आया है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस की चिकित्सा में पैरासीटमोल की कोई भूमिका नहीं होती है।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि नॉन स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेट्री ड्रग (एएसएआईडी) डिक्लोफेनेक सबसे जल्दी प्रभाव देने वाली दर्दनिवारक दवाई है। हालांकि इस दवा के सेवन से लंबे समय के दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं।
इस शोध के लिए ऑस्टियोआर्थराइटिस पीड़ित 58,566 लोगों का डाटा संकलित किया गया था। शोधकर्ताओं मे 22 अलग-अलग चिकित्सीय उपचारों और प्लेसबो का दर्द की तीव्रता और शारीरिक गतिविधियों पर हुए प्रभावों का तुलनात्मक अध्ययन किया।
स्विट्जरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्न से इस अध्ययन की शोधार्थी स्वेन ट्रेली ने बताया कि “पैरासीटामोल की कोई भी खुराक ऑस्टियोआर्थराइटिस में असरदार नहीं होती है, लेकिन बिना पैरासीटामोल के कुछ एएसएआईडी दवाएं रुक-रुक कर सेवन करने से प्रभावी परिणाम भी देती हैं”।
यह शोध ‘द लैंसेट’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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