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सिर से लेकर पांव तक की समस्याओं के लिए काल है ये औषधीय पौधा, जानें कैसे करना है इस्तेमाल

Nirgundi Benefits: सिर से लेकर पांव तक की कई बीमारियों के लिए काल है ये औषधीय पौधा, जानें इसका सेवन किस समस्या में कैसे करना चाहिए, तभी मिलेगा फायदा.

सिर से लेकर पांव तक की समस्याओं के लिए काल है ये औषधीय पौधा, जानें कैसे करना है इस्तेमाल
Nirgundi Benefits: कई रोगों का रामबाण इलाज है ये पौधा.

Nirgundi Benefits: आयुर्वेद में कई तरह की औषधियों का उल्लेख किया गया है जिनके बारे में सभी लोग जानते भी नहीं हैं. आयुर्वेद में लगभग हर पौधे के नुकसान और फायदे बताए गए हैं, लेकिन निर्गुण्डी एक ऐसा चमत्कारी पौधा है जिसका इस्तेमाल सिर से लेकर पांव तक की परेशानियों को दूर करने के लिए किया जा सकता है. 

निर्गुण्डी को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसे कई जगहों पर निसींदा, शिवरी, इन्द्राणी, और सम्भालू जैसे नामों से पुकारा जाता है. इस पौधे का वानस्पतिक नाम विटेक्स नेगुंडो है. ये दो प्रकार की प्रजातियों में पाया जाता है. एक निर्गुण्डी पौधे में सफेद फूल निकलते हैं और दूसरे में पीले, लेकिन दोनों ही पौधे गुणों से भरपूर होते हैं. निर्गुण्डी हिमालय क्षेत्रों में ज्यादा पाया जाता है क्योंकि इस पौधे को पनपने के लिए शीतल वातावरण की आवश्यकता होती है.

निर्गुण्डी में सूजन-रोधी, वात-कफ नाशक, दर्द निवारक, विषनाशक और कृमिनाशक गुण होते हैं, जो मासिक धर्म को ठीक करते हैं, भूख बढ़ाने में मदद करते हैं, श्वसन संबंधी परेशानी में राहत देते हैं और पेट से जुड़े रोगों का नाश करते हैं. इसके अलावा लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है, घाव और सूजन को कम करता है. कान बहने की दिक्कत को कम करता है, सिर दर्द में आराम देते हैं और टायफाइड और बुखार जैसी समस्याओं में भी राहत देते हैं.

कैसे करें इस्तेमाल

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सिरदर्द 

अगर आपके सिर में दर्द है तो ऐसे में आप निर्गुण्डी के पत्तों को पीस कर इसके लेप को सिर पर लगा सकते हैं. या फिर इसके पत्तों को सुखाकर इसका पाउडर बनाकर रख लें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें. 

कान

अगर कान बहने की परेशानी रहती है तो निर्गुण्डी के तेल की कुछ बूंदें कान में डाली जा सकती हैं. ये कान से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है.

छालों के लिए 

बाजार में निर्गुण्डी का तेल आसानी से मिल जाता है. अगर मुंह, जीभ या होठों पर छाले होने की समस्या रहती है तो निर्गुण्डी का तेल लगाया जा सकता है या तेल को गर्म पानी में मिलाकर कुल्ला करने से आराम मिलेगा और मुंह की दुर्गंध भी कम होगी. 

स्किन के लिए 

चेहरे पर धब्बे और झाईयों को कम करने में भी निर्गुण्डी के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके पत्तों को पीसकर लेप बनाकर चेहरे को निखारा जा सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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